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IAS SHASHWAT TRIPURARI : IIT से IAS तक, कुछ ऐसा रहा इनकी सफलत का यह सफर

“इतिहास लिखने के लिए कलम नहीं, हौसलों की जरुरत होती है।”

Success Story Of IAS Shashwat Tripurari : यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा को पास करने में न्यूज पेपर्स का कितना अहम रोल होता है यह बात तो यूपीएससी कैंडिडेट्स ही जानते हैं. उन्हें अपनी यूपीएससी की तैयारी के दौरान अन्य तैयारियों के साथ ही इस पर भी फोकस करना होता है और जितने समय तक उनकी यूपीएससी की तैयारी चलती है या जब तक उस कैंडिडेट का सेलेक्शन नहीं हो जाता, तब तक उसका न्यूज़ पेपर पढ़ना जारी रहता है.

चूंकि यूपीएससी की परीक्षा में पिछले 6 महीने से लेकर एक साल तक के करेंट अफेयर्स के बारे में कहीं से भी कुछ भी पूछा जा सकता है इसलिए भी यूपीएससी ऐस्पिरंट्स के लिए न्यूज पेपर पढ़ना भी अन्य कार्यों की ही तरह से बहुत अधिक आवश्यक हो जाता है. यहां पर कुछ कैंडिडेट्स को तो ऐसा भी लग सकता है कि आख़िर न्यूज पेपर पढ़ने में सीखने जैसी क्या बात है तो इस बात का जवाब है कि न्यूज पेपर को अच्छे से पढ़ना भी अपनी तरह की एक आर्ट है.

न्यूज़ पेपर में तमाम तरह की जानकारियाँ दी गई होती है ऐसे में उन तमाम चीज़ों में से परीक्षा से सम्बंधित काम की चीजें निकालना और इस पूरी प्रक्रिया में सीमित समय खर्च करना इतना भी ज़्यादा आसान नहीं होता. यूपीएससी कैंडिडेट्स को ठीक तरीक़े से न्यूज पेपर को पढ़ने का तरीका जानने में ही कई बार महीनों लग जाते हैं.

अगर कैंडिडेट्स की तैयारी अच्छी नही होगी तो वे तीन घंटे तक पेपर लेकर ही बैठे रहेंगे और उनको बाकी तैयारी करने का समय ही नहीं मिल पाएगा. आज की इस स्टोरी में जानते हैं यूपीएससी के टॉपर शाश्वत त्रिपुरारी (IAS SHASHWAT TRIPURARI) से न्यूज पेपर की रीडिंग करने का सही तरीक़ा…

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IAS SHASHWAT TRIPURARI

IAS SHASHWAT TRIPURARI का जन्म ओर शिक्षा (Education)

शाश्वत त्रिपुरारी मूल रूप से प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती स्कूल की पढ़ाई यही से पूरी हुईं. स्कूल की पढ़ाई के बाद इन्होंने दिल्ली आईआईटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. ग्रेजुएशन कम्प्लीट होने के बाद शाश्वत ने एक साल तक अपने सम्पूर्ण समर्पण के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और साल 2019 में यूपीएससी के अपने पहले ही अटेम्पट में 78 रैंक लाकर यूपीएससी टॉपर बने.

किंतु इस बार इन्हें आईपीएस का पद मिला किंतु इनकी इच्छा तो आईएएस ऑफ़िसर बनने की थी इसलिए इन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी की तैयारी की ओर अगले साल 19 वीं रैंक हासिल करते हुए अपने सपने को साकार किया.

शाश्वत त्रिपुरारी यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के दौरान करेंट अफैयर्स की तैयारी के लिए न्यूज़ पेपर की रीडिंग के रोल को सबसे अहम मानते है इसी कारण से उन्होंने कभी भी न्यूज़ पेपर पढ़ने को कम नही आंका ओर न ही कभी न्यूज़ पेपर पढ़ना बंद किया. हालांकि शाश्वत त्रिपुरारी को यूपीएससी में सफलता हासिल करने में बहुत अधिक समय नहीं लगा पर इस दौरान वे रेग्यूलर रूप से अखबार पढ़ते रहे.

शाश्वत इस बारे में बात शुरू करने से पहले एक इंटरव्यू में यूपीएससी कैंडिडेट्स को यह सलाह देते हैं कि जब आप न्यूज़ पेपर पढ़ना शुरू करेंगे तो बहुत से ऐसे विषय होंगे जो आपको शुरू में कभी भी समझ नहीं आएंगे और उस समय आपको ऐसा लगेगा कि ये क्या है जो पेपर में दिया हुआ है.

तैयारी की शुरुआत में सबके साथ ऐसा ही होता है, किंतु इससे बिल्कुल भी परेशान न हों. बल्कि तुरंत ही उस शब्द को गूगल करके देख लें कि यह क्या है और उससे सम्बंधित शॉर्ट बैकग्राउंड भी जान लें. इससे अगली बार जब आप पेपर पढ़ेंगे तो उस समय आपको अजीब महसूस नहीं होगा.

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न्यूज़ पेपर का पहला पेज है सबसे जरूरी

शाश्वत त्रिपुरारी कहते हैं कि न्यूज़ पेपर का पहला पेज बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसमें संबंधित तारीख़ की मेन हेडलाइंस दी हुई होती हैं. इससे आप पेपर पढ़ते समय अपने काम की खबरें निकाल लें और कोई बहुत जरूरी बिंदु हो तो उसे भी कहीं नोट कर लें. इस दौरान यह ध्यान रखे की कोई दो देशों के बीच में बड़ी डील क्रैक हुई हो, या कोई बड़ा अविष्कार, कोई बड़ी घटना घटित हुई हो, दुघर्टना हुई हो या ऐसा कुछ भी मिले जो जरुरी हो तो उसे ध्यान से पढ़ें.

पेपर पढ़ने के दौरान उनका फॉलोअप भी करते रहें. पॉलिटिक्स की न्यूज़ पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है खासकर अगर किन्हीं दो या तीन दलों के बीच में किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है तो आपको उस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना है. ऐसी बिना काम की खबरों से सदैव दूर रहें. किंतु अगर न्यूज़ पेपर में पॉलिटी से रिलेटेड, इंडियन कांस्टीट्यूशन या हाईकोर्ट के किसी बड़े ऑर्डर से संबंधित कुछ हो तो उसे जरूर ध्यान से पढ़ लें.

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रीजनल न्यूज़ को अधिक महत्व न दे

न्यूज़ पेपर पढ़ते समय अगली बारी आती है रीजनल न्यूज़ की. तो आपको बता दे कि रीजनल न्यूज पर भी आपको बहुत अधिक समय खर्च करने की जरूरत नहीं है अगर उसमें आपके सिलेबस या आपके ऑप्शनल से संबंधित न्यूज नहीं है तो. शाश्वत तिरपुरारी कहते हैं कई बार कैंडिडेट के ऑप्शनल विषय ऐसे होते हैं जिनमें न्यूज पेपर के कुछ कॉलम भी आपकी तीययारी में हेल्प करते हैं.

ऐसे में आपको न्यूज पेपर के वे कॉलम देखने ही होंगे. लेकिन अगर आपका ऑप्शनल सब्जेक्ट टेक्निकल है तो उस स्थिति में आप इसके लिए ज्यादा समय न लगाएं. सबसे जरूरी होता है कि यूपीएससी के सिलेबस को कई बार अच्छे से देख लें ताकि आपको यह अच्छे से पता चल सके की न्यूज पेपर से लेकर किताबें पढ़ने तक आपको उस विषय से संबंधित कौनसी चीज़ पढ़नी है ओर कौनसी नही.

इसके बाद में एडिटोरियल पेज के बारे में बात करते है, क्योंकि यह पेज यूपीएससी कैंडिडेट्स के लिए सबसे अहम होता है. इसलिए इस पेज को  ध्यान से पढ़ें और इस पर अधिक समय खर्च करें. इस पेज में आपको जो भी बड़े इश्यू उस समय चल रहे है, उन पर गहराई से जानकारी मिल सकती है. इसके साथ ही ये पेज आपकी सोचने की क्षमता को भी विकसित करता है और आपकी एनालिटिकल थिंकिंग को इम्प्रूव करने के साथ-साथ ही आपको नये आस्पेक्ट्स से भी परीचित करवता है.

हालांकि यहां पर भी इस बात का सदैव ध्यान रखना है कि अगर कोई राइटर किसी पर्टिकुलर आइडियोलॉजी से संबंधित है और किसी विषय के पक्ष में या उसके विरोध में अपना मत रख रहा है तो आपको उस पर ध्यान देने की भी बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि आपका व्यू हमेशा बैलेंस्ड रहना चाहिए. यूपीएससी प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीनों फेजेस में यह पेज आपके लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण साबित होता है.

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सिर्फ़ मैगजींस पढ़ना पर्याप्त नही

शाश्वत त्रिपुरारी करेंट अफ़ेयर्स के तैयारी के बारे में कहते हैं कि कई कैंडिडेट्स न्यूज पेपर को मंथ्ली मैगजींस से रिप्लेस करने के बारे में कहते हैं परंतु उनकी सोच के अनुसार यह तरीका आपके लिए कभी भी अधिक कारगर नही होता है ओर न ही यह लम्बे समय में आपको अधिक फायदा पहुंचाता है.

शाश्वत त्रिपुरारी के अनुसार न्यूज़ पेपर को कोई भी दूसरी चीज़ रिप्लेस नहीं कर सकती, मैगजीन से न्यूज़ पेपर के अतिरिक्त नॉलेज ली जा सकती है परंतु जो काम न्यूज़ पेपर का है वह उसी से होगा. अपनी बात आगे बढ़ाते हुए शाश्वत कहते है की न्यूज़ पेपर में इंटरनेशनल रिलेशन पेज पढ़ने को भी अधिक महत्व दें क्योंकि देश-दुनिया में क्या हो रहा है, किन-किन देशों के बीच कौन सी डील हो रही है, या किसकी सीमा में किस कारण को लेकर तनाव है, यह सब आपको पता होना चाहिए.

इस पेज की हेडलाइन देखें और कहीं कुछ काम का दिखाई दे तो उसे गहराई में जाकर पढ़ लें. जहां तक बात स्पोर्ट्स के पेज की है तो अगर आपकी हॉबी में हो तो इस पेज को पढ़ें वरना इसे रहने दें, ठीक इसी तरह एंटरटेनमेंट के पेज को भी छोड़ दें. अ

त में आता है न्यूज़ पेपर का लास्ट पेज इसे ध्यान से देखें क्योंकि अक्सर किसी भी क्षेत्र की बड़ी खबर यहीं पर दी हुई होती है. इस प्रकार अगर आप ठीक तरीक़े से न्यूज पेपर पढ़ेंगे तो यह आपको परीक्षा में अच्छे नंबर दिलाने में बहुत मदद करेगा.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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