प्रेरणा और मोटिवेशन इंसान को कही से भी प्राप्त हो सकता है, जरुरी है तो उसे अमल में लाना और लगन एवं मेहनत के दम पर पूरा कर दिखाना।
IAS C VANMATHI SUCCESS STORY : आज की हमारी आईएएस सक्सेस स्टोरी की नायिका स्वयं एक प्रेरणा का झरना है जो अपने जीवन में कई सारे कठिन हालातो से निकल परिवार वालो के खिलाफ जाते हुए एवं बीमार पिता की देखभाल के साथ ही वर्ष 2015 की यू पी एस सी की परीक्षा में देश में 152वा स्थान हासिल किया था.
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IAS C VANMATHI का बचपन ओर EDUCATION –
सी वनमती (IAS C VANMATHI) का जन्म केरल राज्य के इरोड जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था, उनका परिवार लोगो के पशुओ को चराने का काम करता था एवं वनमती के पिता टी.एन. चेन्नियपन एक ड्राइवर थे।
वनमती बचपन से ही पढाई में होशियार थी, साथ ही अपनी पढाई के साथ ही परिवार वालो की मदद भी किया करती थी जहा वे खुद भैसो को चराने ले जाती सभी पशुओ की देखभाल करती इसी तरह से उनका बचपन बीता एवं जब वनमती ने इरोड के ‘सत्यमंगलम कॉलेज’ से अपनी 12वी कक्षा पूर्ण की तो समाज और गांव की परम्परा के अनुसार सभी रिश्तेदारों ने वनमती के माता-पिता से शादी कर ससुराल भेजने का दबाव डाला किन्तु वनमती आगे पढ़ना चाहती थी साथ ही शिक्षा के दम पर परिवार के आर्थिक हालातो को सुधारना चाहती थी।
वनमती के अनुसार उनके माता-पिता ने हमेशा से उनका सपोर्ट किया और रिश्तेदारों की बातो को दरकिनार करते हुए वनमती को पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
इन बातो से हौसला पाकर वनमती ने अपनी ग्रैजुएशन एवं उसके बाद कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रैजुएशन कम्पलीट कर परिवार को आर्थिक सहयता देने के लिए एक प्राइवेट बैंक में जॉब करनी स्टार्ट कर दी.
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आईएएस बनने की प्रेरणा –
सी वनमती के अनुसार उन्हें सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी कर आईएएस बनने की प्रेरणा दो मुख्य घटनाओ से मिली जिनमे से पहली थी जब वे छोटी थी तभी राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर एक धारावाहिक ‘गंगा जमना सरस्वती’ प्रसारित होता था उसमे मुख्य नायिका एक ईमानदार और जाबांज़ आईएएस अधिकारी थी जो की जिंदगी के बेहद मुश्किल हालतो को पार कर इस मुकाम पर पहुंची थी.
इसके साथ ही दूसरी घटना का जिक्र करते हुए वे बताती है की जब स्कूल में पद्धति थी तभी एक कार्यक्रम में जिले के कलेक्टर मुख्य अतिथि के रूप में आये थे उनके लिए लोगो में सम्मान और आदर को देख कर भी वे काफी प्रभावित हुई और ठान लिया की वे भी बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनेगी.
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सी वनमती ने कठिन मेहनत करते हुए अपने दूसरे प्रयास में वर्ष 2015 की यू पी एस सी की परीक्षा में देश में 152वा स्थान हासिल करते हुए सफलता प्राप्त की, यहाँ भी जब वनमती का इंटरव्यू वाले दिन से ठीक दो दिन पहले उनके पिता की अचनाक से तबियत खराब हो गयी और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.
जब पुत्री का सिलेक्शन आईएएस में हो गया तब उनके सभी दुःख खुसियो में बदल गए और खुसी का ठिकाना नहीं रहा. सी वनमति ने जीवन में कठिन संघर्ष करते हुए जीवन में यह सफलता प्राप्त की है, इनकी यह कहानी आधी आबादी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है जहां महिला स्वयं के साथ साथ समाज के निर्माण में सहायक सिद्ध हो सकती है।
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…