अपने लक्ष्य के लिए जोशीले और जुनूनी बनिए..विश्वास रखिए, परिश्रम का फल सफलता हि है…!
IAS ARUN RAJ SUCCESS STORY : यूपीएससी की परीक्षा को इस दुनियाँ की सबसे कठिन परीक्षाओ मे से एक माना जाता है. जहा एक ओर इस परीक्षा को पास करने मे ही एक स्टूडेंट को कई साल लग जाते है वही इसके साथ दूसरी परीक्षा की तैयारी करने के बारे मे कोई सोच भी नहीं सकता है.
आज की कहानी एक ऐसे लड़के अरुण राज (IAS ARUN RAJ) की है जिसने अपनी ग्रेजुएशन की तैयारी के साथ ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की ओर एक ही साल मे आईआईटी से ग्रेजुएशन के साथ मे अपने पहले प्रयास मे ही यूपीएससी की परीक्षा पास करते हुए आईएएस अधिकारी भी बना.
अरुण राज के लिए यूपीएससी की परीक्षा देना किसी प्रकार की मजबूरी नहीं थी बल्कि इन्होंने बिना किसी दूसरे व्यक्ति के दबाव या मजबूरी के अपने मन से ही इस परीक्षा को पास करने निर्णय लिया. ओर वह भी अपनी आईआईटी की परीक्षा के साथ मे.
अरुण राज ने खुद पर विश्वास रखते हुए स्वयं ही अपने लिए इस कठिन राह का चुनाव किया और यह उनके खुद पर विश्वास ही नतीजा था कि वे पहली बार में ही अपने इस प्रयास मे सफल भी हो गए. अरुण राज ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किसी कोचिंग इंस्टीटयूट पर भरोसा करने की बजाय सेल्फ स्टडी का सहारा लिया. इसके साथ ही अरुण ने उसी वर्ष ही आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से ग्रेजुएशन भी किया और 22 वर्ष की इतनी छोटी उम्र में ही दोनों परीक्षाएं एक साथ पास करते हुए यूपीएससी स्टूडेंट के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत किया.
IAS ARUN RAJ का बचपन ओर EDUCATION
अरुण राज अपने बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे और उनके पढ़ाई के दौरान हर क्लास में ही अच्छे नंबर आते थे. अरुण राज की पढ़ाई सीबीएसई बोर्ड से हुई है और उन्होंने दसवीं कक्षा में 94.8 प्राप्त किए एवं बारहवीं कक्षा में 91.6 प्रतिशत लाते हुए अपनी क्लास मे टॉप किया.
अपनी 12 वीं के बाद मे इन्होंने कठिन मानी जाने वाले आईआईटी जेईई एग्जाम को भी आसानी से पास कर लिया. आईआईटी पास करने पर अरुण को आईआईटी कानपुर मे प्रवेश मिला. कानपुर से अपनी आईआईटी की ग्रेजुएशन करने के दौरान ही अरुण यह तय कर चुके थे कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा देनी है ओर उसे पास करते हुए सिविल सर्वेन्ट बनना है.
उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के दौरान हमेशा से ही अपने दिमाग में यह बात सेट कर रखी थी और अपने ग्रेजुएशन के आखिरी साल के दौरान ही उन्होंने सेल्फ स्टडी करते हुए यूपीएससी के लिए तैयारी करना भी शुरू कर दिया. यूपीएससी ओर आईआईटी दोनों की एक साथ तैयारी के दौरान अरुण ने टाइम टेबल बनाते हुए दिन के घंटे आपस मे बाँट लिए ओर यह तय किया कि उन्हें कब आईआईटी की पढ़ाई करनी है और कब यूपीएससी की तैयारी.
इस दौरान दोनों परीक्षाओ की तैयारी के लिए उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक इस टाइम टेबल को बैलेंस करते हुए मेंटेन किया. इनके अच्छे टाइम टेबल ओर सही दिशा मे प्रयास का ही परिणाम था कि उन्होंने ये दोनों बड़ी परीक्षाएं वक साथ एक ही साल मे पास की. इन्होंने इस दौरान इस प्रकार से सेडयूल सेट कर रखा था की एक परीक्षा दूसरी परीक्षा के लिए रास्ते का रोड़ा नहीं बनी.
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IAS ARUN RAJ की यूपीएससी की प्रेरणा
अरुण राज ने एक इंटरव्यू में यूपीएससी (UPSC) के क्षेत्र को चुनने के पीछे के अपने कारण के बारे मे बात करते हुए कहा कि वर्तमान समय मे ज्यादातर नौकरियां ऐसी होती हैं जिनमे सिलेक्ट होने के बाद भी आपके जीवन से संघर्ष और कम्पिटिशन खत्म नहीं होता.
आपको नौकरी तो मिल जाती है किन्तु इसके बावजूद भी आपके जीवन मे सर्वाइव करने के लिए आपको जिंदगी पर्यंत रैट-रेस में भागना होता है वरना आप दूसरों से बहुत पीछे छूट जाते हैं. अरुण का कहना है कि वे जिंदगी भर के लिए दौड़ में शामिल नहीं होना चाहते थे.
अरुण राज को अन्य नौकरियों के मुकाबले मे आईएएस कई ज्यादा स्टेबल जॉब लगी, हालांकि इस जॉब को पाने का सफर बहुत कठिन है परंतु जब आप एक बार उस मुकाम तक पहुंच जाते है तो उसके बाद मे आपको हर-बार खुद को साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
अरुण राज इन कारणों के अलावा भारत में ही रहते हुए अपनी शर्तों पर काम करते हुए देश ओर समाज के सुधार के लिए भी कुछ करना चाहते थे. उन्हे अपने इन्हीं विचारों को धरातल पर लाने के लिए सिविल सर्विसेस का चुनाव करने के लिए प्रेरित किया.
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UPSC ASPIRANTS को अरुण की सलाह
अरुण राज यूपीएससी की तैयारी कर रहे दूसरे स्टूडेंट्स को सलाह देते हुए कहते हैं कि यह जरूरी नहीं की आप हर दिन 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई करे किन्तु आप जितने भी घंटे पढे उसे पूर्ण कांसन्ट्रेट होकर पढे साथ ही हर दिन पढे.
अरुण का कहना है की आपको हर दिन के लिए विषय के अनुसार टारगेट बनाकर टॉपिक्स डिसाइड करते हुए उसे खत्म करके ही उठना चाहिए. साथ ही अपने मन के अनुसार शेड्यूल बनाओ क्योंकि मनुष्य का माइन्ड स्विंग होता रहता है ऐसे मे पहले आप पढ़ाई की आदत डाले ओर जितना मन लगे उतने से शुरुआत करे जबरदस्ती किताबें खोलकर न बैठे.
यूपीएससी की परीक्षा के दौरान आपके धैर्य का सबसे ज्यादा इम्तिहान होता है कई बार स्टूडेंट्स का सिलेक्शन एक-दो बार में नहीं होता है ऐसे में आपको हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. बार-बार असफल होने पर कई बार मेंटल सेचुरेशन आने लगता है पर आपको स्वयं को ऐसी स्थिति से निकालने कि कोशिश करनी होगी.
यूपीएससी की पढ़ाई के दौरान आप अपने उन रिश्तेदारों से और पड़ोसियों से दूर रहिए जो कि हर बात पर आपको डिमोटिवेट करें. दुनियाँ चाहे इस बारे मे कुछ भी कहे परंतु आप अपनी निगाहें लक्ष्य पर ही रखिए.
ज्यादा किताबे पढ़ने से बचे ओर जितना हो सके उतना ज्यादा सेलेक्टेड स्टडी मैटेरियल ही चुने ओर अंत तक उसी पर भरोसा रखे. जितना ज्यादा हो सके उतना ज्यादा रिवीज़न करे, मॉक पेपर्स को भी सॉल्व करे ओर निबंध लिखने का जमकर अभ्यास करिए. अगर एक सकारात्मक सोच के प्रॉपर स्ट्रेटजी बनाते हुए यूपीएससी की तैयारी करेंगे तो देर भले ही हो जाए परंतु आपको सफलता निश्चित ही मिलेगी.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…