“जो रातों को कोशिशों में गंवा देते हैं, वहीं सपनों की चिंगारी को और हवा देते हैं..”
SUCCESS STORY OF SHUBRA CHADDA : किसी व्यक्ति को अगर नई ऊँचाइयो को प्राप्त करना है तो उसे अपने पैर निचले पायदान से हटाने होगे तभी तो वह ऊपर उठ पाएगा. कुछ ऐसी ही कहानी है आज की सक्सेस स्टोरी की मुख्या किरदार शुभ्रा चड्डा (Shubhra Chadda) ओर उनके पति विवेक प्रभाकर (vivek Prabhakar) की जिन्होंने कुछ नया करने की ठानी और अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया.
आपमें से जब भी कोई विदेश जाता है तब वह वहाँ से वापिस आने पर अपने परिचितों और परिवार वालों के लिए विदेश से कुछ न कुछ स्मृति चिन्ह या उपहार, जैसे आकर्षक फ्रिज मैगनेट आदि ज़रूर लेकर आता होगा. परन्तु क्या हमें भारत में भी ऐसे ही आकर्षक स्मृति चिन्ह या इनके जैसे ही कोई और उत्पाद देखने को मिलते हैं? आपका उत्तर होगा नही.
इसी कमी को पूरा करने के लिए हमारे देश में चुम्बक (chumbak) का जन्म हुआ. यक़ीनन यह हमारे देश के परिधान, संग्रहणीय वस्तु और उपहार आइटम्स का सिरमौर ब्रांड है. दूसरे शब्दों में कहे तो यह उपहार एक तरह का शक्तिशाली अवलोकन है और विशाल भारत के बाज़ार में एक नया ओर उभरता हुआ बिज़नेस है और इस बिज़नेस की शुरुआत करने का श्रेय शुभ्रा चड्डा को जाता है.
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स्टार्टअप के लिए जॉब छोड़ने के साथ बेचा अपना घर
शुभ्रा चड्डा और उनके पति विवेक प्रभाकर अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी में सुकून के साथ में अपनी जिंदगी बिता रहे थे. परन्तु एक दिन शुभ्रा चड्डा को इस बारे में एक आइडिया आया ओर उन्हें अपने उस आयडिया में एक सुनहरा भविष्य नज़र आने लगा तो उन्होंने अपने पति के साथ इस मसले पर विचार विमर्श किया और वे भी अपने पत्नी के द्वारा समझाने पर इस बिजनेस के लिए तुरंत ही राजी हो गए. कुछ दिनों तक उन्होंने इस बारे में जानकारी इकट्ठा की ओर उसके बाद उन्होंने अपने आइडिया पर काम करने का निश्चय किया.
अपने द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू में शुभ्रा चड्डा ने इस बारे में कहा कि –
“एक दिन मैं और मेरे पति अपने घर में बेठे थे ओर बहुत सारे देशों की सैर करके खरीद कर लाए गए अपनी फ्रिज पर लगे हुए सजावटी मैगनेट को देख रहे थे; अचानक से उन्हें देखते हुए मैंने यह महसूस किया कि इस तरह का कोई भी स्मृतिचिन्ह या उपहार हमारे देश में नहीं है जो कि भारत का प्रतिनिधित्व करे और हम भी बड़े गर्व के साथ इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उपहार में दे सकें.”
जब शुभ्रा चड्डा ने इस बारे में अपने पति से बात की तो दोनों ने इस बिजनेस को शुरू करने के लिए अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ दी और अपना घर भी 45 लाख में बेच दिया. और इस तरह से मिले हुए अपने पैसे से उन्होंने अपने स्टार्ट-अप की शुरूआत की. उन्होंने अपने इस स्टार्टअप फर्म का नाम चुम्बक रखा. इसके इस नाम के पीछे भी शुभ्रा का ही दिमाग़ था ओर उनका विचार था कि वे अपने प्रोडक्ट के नाम को इस तरह से मजेदार और विचित्र बनाए ताकि वह लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर सके.
शुभ्रा चड्डा को नही था बिजनेस का अनुभव
शुभ्रा चड्डा की हमेशा से ही सौंदर्य बोध में गहन रूचि भी थी. उनमें ऐसी क्षमता थी कि उन्होंने अपने पति विवेक प्रभाकर को भी अपने साथ इस बिज़नेस में खींच लिया. शुभ्रा चड्डा को अपने आइडिया पर इतना विश्वास था कि उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ने के साथ-साथ अपना घर भी बेच दिया.
इसके पहले उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई बिजनेस नही किया था ओर उन्हें बिज़नेस के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था इसलिए उन्होंने अपने स्टार्टअप को शुरू करने से पहले एक साल तक प्रोडक्ट रेंज, डिज़ाइन और मैनुफ़ैक्चर पर रिसर्च किया.
उसके बाद वे अपने रीसर्च से पूरी तरह से संतुष्ट हुई तब कही जाकर उन्होंने 2010 में चुम्बक लांच किया. यह एक फ्रिज मैग्नेट था जो कि भारत की थीम पर आधारित था. सुनने में यह काम आपको जितना ज़्यादा आसान लग रहा है उनके इस रास्ते में उतनी ही ज़्यादा चुनौतियाँ थीं.
शुभ्रा चड्डा ने अपने इंटरव्यू के दौरान बताया “चुनौतियाँ अलग-अलग तरह से हमारे सामने आईं, कुछ काफी बड़ी थी, तो कुछ चुनौतियाँ बहुत ही छोटी. कुछ सही वेंडर के मसले पर आधारित थी और कुछ डिज़ाइन की उत्कृष्टता पर थी.
परन्तु मैं यह विश्वास करती हूँ कि अपने रवैये और दृष्टिकोण के द्वारा आप इन सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना बड़ी ही आसानी के साथ कर सकते हैं. बुरे दौर में भी मैंने कभी भी परिस्थितियों के सामने हार नहीं मानी.”
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चुम्बक (CHUMBAK) को कम समय में मिली अभूतपूर्व सफलता
चुम्बक को बाज़ार में अपने पाँव पसारने में कुछ वक्त लगा परन्तु आज उनके पास कई पेशेवर कर्मचारी हैं. शुभ्रा चड्डा का मानना है कि किसी भी काम में आपको एक दिन में सफलता कभी नहीं मिलती, इसे प्राप्त होने में वक्त लगता है और इसके लिए आपको स्वयं को साबित करना होता है.
वर्तमान में, कंपनी के बेंगलुरु, चेन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, कोच्चि और जयपुर सहित कई बड़े शहरों में 50 से अधिक स्टोर हैं. कंपनी ने 2017-18 में 40 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया, जिसमें घर की सजावट वाली चीजों का योगदान लगभग 40% था जबकि सामान और फैशन की चीजों की हिस्सेदारी 60% की थी.
आज, शुभ्रा और उनके पति के द्वारा किसी समय देखा हुआ सपना सच हो गया है. वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में ही अपने उत्पाद की संपूर्ण श्रृंखला को लेकर आए हैं. शुभ्रा चड्डा ओर उनके पति विवेक प्रभाकर आज अपने उत्पाद दुबई, यूएस और यूके जैसे बड़े देशों में भी निर्यात कर रहे हैं. बैंगलोर बेस्ड इस कंपनी ने देखते ही देखते एक बड़ी इंडस्ट्री का रूप ले लिया है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…