HomeSUCCESS STORYJAYARAM BANAN - पिता की पिटाई के डर से घर छोड़कर बने...

JAYARAM BANAN – पिता की पिटाई के डर से घर छोड़कर बने शुद्ध शाकाहारी फ़ूड चैन “सागर-रत्न” के मालिक, विदेशो में भी है इनके स्वाद के दीवाने

“दुनिया में ऐसे लोगों को जल्द सफलता मिलती है जो स्व-प्रेरित होते है”

JAYARAM BANAN SUCCESS STORY : जयराम बानन (JAYARAM BANAN) के पिता का गुस्सा बेहद खतरनाक हुआ करता था, वे बड़ी ही बेरहमी से जो हाथ में वस्तु मिल जाए उस से जयराम की पिटाई कर दिया करते थे. कई बार तो जयराम बानन को उन्होंने बहुत छोटी सी गलती पर भी चमड़े के बेल्ट से मारा और आँखों में लाल मिर्ची का पाउडर तक भी डाल दिया था.

पिता द्वारा इतनी बेरहम पिटाई से डर एक बार जब उनकी क्लास का रिजल्ट आया और उसमे जयराम बानन फ़ैल हो गए थे. तो ऐसे में जयराम बानन ने पिता के घर आने से पहले ही उनके रखे पैसो को लेकर घर से रवाना हो गए, और बैठ गए मुंबई जाने वाली बस में.

यह भी पढ़े : GANESH PRASAD AGARWAL – अपना घर गिरवी रखकर खड़ा किया 100 करोड़ का कारोबार

JAYARAM BANAN
JAYARAM BANAN

पिता की मार के डर से घर छोड़ा

इससे पहले भी उनके गांव से काफी लोग अपनी आजीविका और सपने लिए मुंबई का रुख कर चुके थे. जब जयराम बानन अपने घर से मुंबई के लिए निकले उस समय वे मात्र 13 वर्ष की आयु के थे.

जयराम बानन पिता के डर से मुंबई के लिए निकल तो पड़े लेकिन वे मुंबई में क्या करेंगे, रहेंगे कहा पर, खाने-पीने का क्या होगा वह सब उनके दिमाग में उस घूम रहा था. बिलकुल अनजान शहर और उनकी  उम्र भी बेहद कम थी. जयराम बानन यह सब सोच रहे थे इसी बीच उनकी इस कश्मकश को शायद उनके पास बैठे सहयात्री ने भांप लिया था फिर उसने जयराम से बात करते हुए मुंबई के एक कैंटीन में जॉब दिलवाने का वादा किया साथ ही उन्हें सांत्वना भी दी. 

यही से शुरू हुई जयराम बानन के असली संघर्ष की कहानी जब जयराम का सामना दुनिया के असली रंग से हुआ, कैंटीन में वे दिन-रात काम करते थे, जहा वे बर्तन धोना, झाड़ू लगाना आदि एक नौकर की भांति काम करते और बदले में मालिक से जूते की मार भी खाते थे लेकिन उन्होंने इसे पिता की मार के आगे बहुत छोटा जाना और अपने भविष्य की दिशा में आने वाली एक छोटी सी घटना जानते हुए हर तकलीफ को सहन किया. 

यह भी पढ़े : K. P. NANJUNDI : लोगो के पैरो में गिरने से लेकर शिखर की उच्चाई तक की दास्ताँ

JAYARAM BANAN
JAYARAM BANAN

जब JAYARAM BANAN को करना पड़ा वेटर का काम

वही पनवेल कैंटीन में काम करते हुए जयराम ने काफी समय गुजारा और तजुर्बा लेते हुए नौकर से वेटर और उसके बाद मैनेजर पोस्ट तक का भी काम संभाला लेकिन एक बात उन्हें हमेशा से ही सताती रहती थी की इस तरह से तो पूरा जीवन कैसे गुजरेगा. 

जब जयराम बानन को कुछ एक्सपीरियंस हुआ और पैसे एकत्रित हो गए तो उन्होंने खुद का कुछ छोटा-मोटा काम करने की सोची, इसी बीच उन्हें पता लगा की मुंबई में साउथ-इंडियन खाने के बहुत सारे रेस्टॉरेंट ओपन हो रहे है लेकिन उनके पास ना इतने पैसे थे और ना ही वे इस भीड़ का हिस्सा बनना चाहते थे.

इसलिए जयराम ने दिल्ली का सोचा और पहुंच गए अपने सपनो को पूरा करने के लिए, लेकिन यहाँ भी उन्हें एक मुसीबत नज़र आयी की दिल्ली के ज्यादतर लोग नॉन-वेज खाने के शौकीन है और वे वह उन लोगो के बीच साउथ-इंडियन शुद्ध शाकाहारी फ़ूड की सोच रहे थे.

यह भी पढ़े : AASIFE AHMED : अपने शौक को प्रोफेशन में बदल खड़ा किया 50 करोड़ का कारोबार

JAYARAM BANAN
JAYARAM BANAN

कम क़ीमत पर बेहतर क्वालिटी

उस समय दिल्ली में साउथ-इंडियन रेस्टॉरेंट भी कम मात्रा में थे और वहा की रेट्स भी हाई थी, इसी बात को आधार बनाते हुए जयराम ने कम कीमत में बेहतर क्वालिटी का डोसा परोसने की सोची. उन्हें किस्मत का भी साथ मिला जब दिल्ली के डिफेन्स कॉलोनी में एक बहुत पुरानी दूकान उसी समय अचानक से बंद हो गयी थी.

जयराम बानन ने उसी दूकान को किराये पर लेकर वर्ष 1986 में अपने काम की नयी शुरुआत की जिसका नाम उन्होंने “सागर” रखा की उनका परम ध्येय ग्राहक की संतुष्टि ही था. इस दौरान उनका लक्ष्य यह होता था की किसी भी तरह से कस्टमर्स को अच्छी सुविधा दी जाए इसके लिए शुरुआत से ही फ़ूड क्वालिटी और साफ़-सफाई का बेहद ख्याल रखा करते थे.

जयराम को पहले दिन मात्र 500 रुपये की कमाई हुए लेकिन धीरे-धीरे उनके साउथ-इंडियन डिश का स्वाद लोगो के मुह पर लगने लगा और उसके बाद तो मानो भीड़ सी पड़ने लगी. इसी सफलता से उत्साहित होकर जल्दी ही उन्होंने दिल्ली के लोधी मार्किट में भी एक शॉप ओपन की और अपनी उसी क्वालिटी के फ़ूड को 20 फीसदी ज्यादा कीमत में देना शुरू किया. इसी तरह से उन्होंने अपने स्टार्टअप “सागर-रत्न” की शुरुआत की.

उनकी सफलता से पहले किसी ने भी सोचा था की दिल्ली जैसे शहर में जहा लोगो का फेवरेट खाना ही नॉन-वेज है वहां पर शुद्ध शाकाहारी साउथ-इंडियन डिश भी बड़े चाव से स्वीकार करेंगे.

यह भी पढ़े : RAMESH BABU – एक मामूली नाई से सेलेब्रेटी बनने का सफर | पहले शख्स जो लग्जरी कारे किराए पर देते है

JAYARAM BANAN
JAYARAM BANAN

आज है कई शहरों में कारोबार

आज जयराम बानन की फ़ूड चैन नार्थ इंडिया में लगभग 30 आउटलेट्स के साथ-साथ विदेशो में भी अपने स्वाद से लोगो का पेट भर रही है. विदेशो में विस्तार करते हुए जयराम ने कनाडा, बैंकॉक और नार्थ अमेरिका में अपने आउटलेट्स ओपन किये है. इन सब से उनका सालाना टर्न ओवर 300 करोड़ के बाहर जा चूका है. 

इसी बीच कई लोगो ने उनकी सफलता से जलते हुए ताना दिया की जयराम तो घर के टिफ़िन जैसा खाना परोसते है, इस बात से प्रेरित होकर जयराम ने “स्वागत होटल्स” की शुरुआत की जहा पर उन्होंने कोस्टल एरिया के भोजन मेन्यू शामिल किये. इस काम में भी जयराम की मेहनत रंग लायी और बोलने वालो के मुँह भी बंद हो गए.    

जयराम बानन को यह सफलता एक ध्येय पर फोकस करने, निरंतर कड़ी मेहनत और साहस रखने के कारण मिली और वे उसे आज के इस ऊँचे मुकाम पर ले आये हैं.

जयराम बानन का जन्म कर्नाटक के उडुपी में स्थित एक छोटे से गांव करकला में हुआ था. केवल अपने पिता की मार से बचने के लिए घर छोड़ कर भागे जयराम बानन इस शिखर तक पहुंच चुके है. वाकई में वे आत्म-निर्भर बिज़नेस मेन है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके. 

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

Explore more articles