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IAS VAISHALI SINGH : गरीब बच्चों की हालत देख वकालत छोड़ लिया IAS OFFICER बनने का फैसला

“कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं ।”

IAS VAISHALI SINGH SUCCESS STORY : यूपीएससी (UPSC) टॉपर वैशाली सिंह (IAS VAISHALI SINGH) सिंह आज उन कई युवा उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा हैं जो यूपीएससी की सालो से तैयारी करते हुए आईएएस ऑफ़िसर बनने की उम्मीद कर रहे हैं.

वैशाली सिंह आईएएस ऑफ़िसर बनने से पहले पेशे से एक वकील थीं. वैशाली के घर में सभी वकील हैं. उनके मां-पिताजी, उनका छोटा भाई और खुद वैशाली भी. उन्होंने अपने बचपन से ही घर में वकालत को इतने करीब से देखा और समझा था कि यह उनके खून में ही बस गई थी.

घर में वकालत का माहौल होने के कारण करियर के मामले में कुछ ज्यादा सोचने विचारने की जरूरत नहीं पड़ी और उन्होंने यह तय कर लिया कि वे इसी क्षेत्र में जाएंगी. इसी सोच के साथ उन्होंने वकालत ज्वॉइन की, ओर बहुत अच्छे नंबरों से पास हुईं और उसके बाद वे एक बड़ी कंपनी में काम करने लगीं.

लेकिन कुछ दिनों तक वकालत का काम करने के बाद वैशाली का मन वकालत के पेशे में नहीं लगा. उन्हें हर समय ऐसा महसूस होता था जैसे उनके जीवन में कुछ कमी सी है और अभी उनके जीवन में कुछ और करने की कसर बाकी है. बचपन से लॉयर बनने का सपना देखने वाली वैशाली के लिए यह बात बिल्कुल नई थी परंतु इसके बावजूद उन्होंने अपने दिल की सुनी.

वे अपने सिविल सेवा में आने के कारण के बारे में बात करते हुए कहती है की अपने एनएलयूडी के दिनों में जब वे रिसर्च वर्क के लिए वे फील्ड पर जाती थीं और ग्राउंड लेवल पर फैली समसायाओं से रूबरू होती थीं. उस समय भी उन्हें यह लगता था कि इन परेशानियों से जूझने के लिए उन्हें कुछ करना चाहिए.

यही एकमात्र विचार लॉ पूरा होने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने के लिए एक मजबूत आधार बना. ओर अंततः वैशाली ने अपने मन की सुनते हुए यूपीएससी की तैयारी करने का पक्का मन बना लिया.

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IAS VAISHALI SINGH

IAS VAISHALI SINGH का बचपन ओर शिक्षा (Education)

वैशाली सिंह फरीदाबाद में पैदा हुई और वही से पली-बढ़ी. वे अपने बचपन से ही बहुत मेहनती छात्रा थी. वैशाली ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, फरीदाबाद से पूरी की. उन्होंने  अपनी दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा (2009) में 95.8% अंक और अपनी बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा (2011) में 95% अंक प्राप्त किए.

इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से पांच वर्षीय एकीकृत बीए-एलएलबी पाठ्यक्रम पूरा किया. वैशाली वकीलों के परिवार से आती थी और छोटी उम्र से ही वह कानून को अपने पेशे के रूप में लेने के लिए बहुत उत्सुक थी.

एनएलयू में अपने समय के दौरान, वैशाली को छह स्वर्ण पदक और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने 2016 में संभावित आठ में से 7.58 सीजीपीए के साथ विश्वविद्यालय से स्नातक किया. उसने अपने बैच में समग्र रूप से दूसरी रैंक हासिल की.

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IAS VAISHALI SINGH

IAS VAISHALI SINGH का व्यावसायिक करिअर

विश्वविद्यालय में अपने समय के दौरान, वैशाली ने कानून में अपने करियर के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया था. उनके विस्तृत लिंक्डइन प्रोफाइल में एनएलयू में अपने पांच वर्षों के भीतर छह इंटर्नशिप का उल्लेख है.

उन्होंने दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी, डेथ पेनल्टी रिसर्च प्रोजेक्ट, आडवाणी एंड कंपनी, लूथरा एंड लूथरा लॉ ऑफिस, अमरचंद एंड मंगलदास एंड सुरेश ए श्रॉफ एंड कंपनी और एस एंड आर एसोसिएट्स के साथ इंटर्नशिप की.

अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, वैशाली ने एस एंड आर एसोसिएट्स के साथ अपनी अंतिम इंटर्नशिप को सफलतापूर्वक पूर्ण नौकरी में बदल दिया.

उन्होंने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत 2016 में एस एंड आर एसोसिएट्स में एक एसोसिएट के रूप में की थी. लेकिन बहुत जल्द ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

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सिविल सेवा को क्यों चुना

एनएलयू में, वैशाली ने आईडीआईए (इनक्रीजिंग डायवर्सिटी बाय इनक्रीजिंग एक्सेस) नामक संगठन के साथ एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू कर दिया था. सिविल सेवाओं का रास्ता चुनने के पीछे उनका एक अनुभव एक प्रमुख रूप से प्रेरक कारण था.

वैशाली सिंह (Vaishali Singh) जब भी गरीब बच्चों की हालत देखती तो उसे देखकर उनका मन उदास हो जाता था और वह किसी भी तरह से उनकी मदद करना चाहती थीं. हालांकि उन्हें यह भी मालूम था कि मदद करने के लिए उनके हाथ में कुछ चीजें होना बहुत जरूरी है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में बैठने का फैसला किया.

उन्होंने इस दौरान यह भी महसूस किया कि भारतीय राजनीति, शासन और नैतिकता, सामाजिक न्याय आदि जैसे यूपीएससी पाठ्यक्रम के क्षेत्रों में उनकी कानून की शिक्षा उनके लिए उपयोगी होगी.

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यूपीएससी (UPSC) परीक्षा की तैयारी

वैशाली ने अपनी तैयारी में अपने ज्ञान और परीक्षा के लिए जरुरी रणनीति दोनों पर ध्यान केंद्रित किया. सामान्य अध्ययन वर्गों के लिए, उन्होंने एनसीईआरटी की पुस्तकों पर ध्यान केंद्रित किया और प्रत्येक विषय के लिए खुद को दो या तीन बुनियादी पुस्तकों तक सीमित रखा.

करंट अफेयर्स के लिए, वह प्रतिदिन दो समाचार पत्र पढ़ती थी और प्रत्येक वर्ष के करंट अफेयर्स और सरकारी नीतियों के वर्ष के अंत के संकलन का भी अध्ययन करती थी.

जिन विषयों के बारे में उन्हें लगा कि यह उनकी चुनी हुई पुस्तकों में पर्याप्त रूप से शामिल नहीं हैं, तो उस स्थिति में उन्होंने ऑनलाइन सौर्स से नोट्स बनाए. वैशाली ने अपने दोनों वैकल्पिक पेपरों के लिए दो लॉ पेपर चुने थे और इन पेपरों के लिए भी उन्होंने कुछ बुनियादी किताबों पर ध्यान केंद्रित किया था. इंटरव्यू के लिए वैशाली ने डीएएफ (विस्तृत आवेदन पत्र) पर भी विशेष जोर दिया.

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IAS VAISHALI SINGH की स्ट्रेटेजी

वैशाली ज्यादातर दिन नौ से बारह घंटे पढ़ाई करती थी, लेकिन इस दौरान वे खुद को नियमित रूप से ब्रेक देना भी सुनिश्चित करती थी.

अपनी तैयारी की रणनीति के लिए, उन्होंने पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों और यूपीएससी पाठ्यक्रम का गहन विश्लेषण किया. उसने प्रीलिम्स के साथ-साथ मुख्य परीक्षाओं के लिए कई मॉक टेस्ट का भी जवाब दिया.

2018 में, उसने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (साक्षात्कार सहित) में कुल 2025 अंकों में से शानदार 1066 अंक प्राप्त किए. 2018 में वैशाली सिंह की उम्र महज 25 साल थी.

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वैशाली सिंह की UPSC की मार्कशीट

सिविल सेवा परीक्षा (मुख्य) 2018 के लिए वैशाली के अंक:

  • निबंध – 146
  • सामान्य अध्ययन I – 103
  • सामान्य अध्ययन II – 102
  • सामान्य अध्ययन III – 111
  • सामान्य अध्ययन IV – 111
  • वैकल्पिक I – 151
  • वैकल्पिक II – 147
  • व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) – 195

लेकिन 2018 वास्तव में वैशाली का सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा प्रयास था। 2017 में अपने पहले प्रयास में, वह प्रीलिम्स को पास नहीं कर सकी क्योंकि उसके पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं था।

लेकिन अगले साल, 2018 में, वह अपनी तैयारी में अनुशासित और मेहनती थी और उसे एक शीर्ष रैंक से पुरस्कृत किया गया था.

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वैशाली सिंह के शौक और रुचियाँ

वैशाली सिंह एक खेल-प्रेमी है; वह वॉलीबॉल खेलती है इसके अलावा उन्हें फुटबॉल और टेनिस देखना भी पसंद है. उन्हें ट्रैव्लिंग और फिल्में देखना भी पसंद है. उनका इंस्टाग्राम अकाउंट (@_singhvaishali_) उनके दोस्तों और परिवार के साथ खूबसूरत जगहों की उनकी यात्राओं की तस्वीरों से भरा हुआ है.

वैशाली ने एक बहुत ही उच्च दबाव वाला करियर का रास्ता चुना है, लेकिन उनका मानना ​​है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तभी कर सकते हैं जब हम खुश और स्वस्थ हों. इसलिए वह हमेशा खुद को ब्रेक देना और पर्याप्त नींद लेना सुनिश्चित करती हैं.

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सिविल सेवा में करियर

2019 में उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में IAS के लिए अपना अधिकारी प्रशिक्षण पूरा किया. मई 2019 में उन्हें हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सहायक आयुक्त (प्रशिक्षण के तहत) के रूप में पोस्टिंग दी गई थी.

उनका करियर अभी शुरू ही हुआ है, भविष्य में वैशाली सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में संभवतः कई सार्थक योगदान देंगी. यूपीएससी की तैयारी के लिए एक व्यक्तिगत सलाहकार का होना सफलता की गारंटी देने का सबसे अच्छा तरीका है.

अगर आप सिविल सेवा की परीक्षा का पैटर्न समझ गए तो समझ लीजिए की आपने आधी जंग जीत ली. अपने आप के प्रति सदैव ईमानदार रहें और तैयारी के बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें. अगर आप मन से चाह लेंगे तो आपको एक दिन सफलता जरूर मिलेगी.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके. 

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ

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