“आपकी हर असफलता, सफलता की ओर बढ़ता हुआ कदम है”
IAS SAUMYA GURURANI SUCCESS STORY : इस बात को साबित किया है देश के हर्बल एवं देवताओ के स्थान उत्तराखंड के अल्मोरा की आईएएस सौम्या गुरुरानी (IAS SAUMYA GURURANI) ने जिन्होंने अपने बचपन के सपने को एक के बाद मिली असफलताओ के बाद चौथे प्रयास मे पूरा किया और देश मे प्राप्त की 30वी रैंक. वर्ष 2018 मे उत्तराखंड से और भी काफी स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल कर एक नया मुकाम प्राप्त किया था
सौम्या अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता ओर गुरुजनों को देते हुए कहती है कि असफलता इस राह मे एक अनुभव मात्र है जिनसे बिना घबराए अपने सपनों के क्रम पथ पर सदैव चलते रहना चाहिए. व्यक्ति को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए ओर ना ही निराशा भरे माहौल मे रहना चाहिए.
यह भी पढ़े : IAS TINA DABI : देश की प्रथम SC महिला IAS, जिसने हासिल की AIR – 1
सौम्या गुरुरानी बचपन से थी पढ़ाई मे अव्वल –
सौम्या का जन्म उत्तराखंड के अल्मोरा जिले के गुरुरानी खोला मे हुआ था, उनके पिता – नवीन चंद्र गुरुरानी एसबीआई से रिटायर्ड है, उनकी माता एक शिक्षिका है, उनके एक भाई – गौतम गुरुरानी अमेरिका (USA) मे अपनी पढ़ाई कर रहे है.
उनका पालन-पोषण बड़े ही अच्छे ढंग से हुआ जहा उन्हे सभी संस्कार दिए गए, उनके परिवार में हमेशा से शिक्षा को तवज़्जो दी गयी. उन्होंने भी अपनी इन्टर तक की पढ़ाई कस्बे मे ही पूर्ण की, और आगे की पढ़ाई हेतु उन्होंने कुर्माचल का रुख किया.
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर सौम्या गुरुरानी ने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की से इनफार्मेशन टेक्नॉलजी मे बी.टेक वर्ष 2013 मे किया. केम्पस प्लेसमेंट के दौरान उनका सिलेक्शन इंफ़ोसिस मे हुआ, लेकिन उनकी इच्छा तो आईएएस बनने की थी इसलिए उन्होंने इसके लिए मना कर दिया.
सौम्या गुरुरानी का आईएएस का सफर –
अपनी ग्रेजुशन पूरी करने के बाद वर्ष 2014 मे उन्होंने दिल्ली जाकर 8 माह तक कोचिंग लेकर तैयारी की, जिससे वे मैंस तक पहुच गई लेकिन आगे उन्हे असफलता हाथ लगी. उनके इस प्रकार असफल होने पर परिवार वालों ने उन्हें हौसला दिया ओर वे जुट गई अपने अगले प्रयास मे लेकिन उन्हे वर्ष 2015 की परीक्षा मे उन्हें बडा झटका लगा जब वे प्री भी क्लियर नहीं कर पाई.
अपनी इस नाकामी से वे गहरे अवसाद ओर डिप्रेशन मे चली गई उन्हे लगने लगा की यह फील्ड उनके लिया बना भी है या नहीं, और इसी दौरान उनका विवाह दिल्ली मे रहने वाले सौरभ बंसल से हो गया. सौरभ बंसल दिल्ली मे ही माइक्रोसॉफ्ट कंपनी मे इंजीनियर के पद पर कार्य करते है.
शादी के बाद में उन्होंने अपनी आईएएस बनने की इच्छा अपने पत्ति को बताई और सौरभ ने उन्हें इसके लिए तयारी करने के लिए कहा. अपने पति ओर परिवार वालों की मदद से सौम्या गुरुरानी एक बार फिर उठ खड़ी हुई, वे बताते हुए कहती है कि वो पल उनके लिए लाइफ चैन्जिंग था. हर किसी के लिए बहुत मुश्किल होता अवसाद से बाहर आकर एक बार फिर से चैलेंज उठाना, वो भी शादी हो जाने के बाद. ये वो ही कर सकता है.
यह भी पढ़े : IAS SANDEEP KAUR – चपरासी की बेटी जिसने अपने पिता के सपने को चौथे प्रयास मे किया पूरा
“मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है,
पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है”
अपने तीसरे प्रयास वर्ष 2016 मे उन्होंने खूब मेहनत की ओर देश मे 148वी रैंक प्राप्त की. इस बार उनका सिलेक्शन आईपीएस मे हो गया. उन्हे प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद जाना था, लेकिन उनके मन मे तो आईएएस बनाने का सपना था, जिसे वे भूली नहीं ओर प्रशिक्षण के साथ साथ अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अपने चौथे प्रयास वर्ष 2018 मे देश मे 30वी रैंक हासिल कर बन गई आईएएस अधिकारी.
आईएएस मे सिलेक्शन के पश्चात उन्हे यूपी कैडर दिया गया, जहा वे सम्पूर्ण निष्ठा के साथ अपना कार्य कर रही है. उन्हे इस मुकाम तक पहुचने मे 6 साल लगे जो बहुत ज्यादा होते है. एक आम इंसान के लिए इतना धीरज रख पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन कुछ लोग होते है जो की सिर्फ अपने सपने के लिए ही जीते है उन्ही में से एक है सौम्या गुरुरानी.
यह भी पढ़े : IAS NAMRATA JAIN – बचपन मे आठवी कक्षा मे स्कूल मे आई महिला अफसर को सुन कर लिया IAS बनने का निर्णय
सौम्या गुरुरानी सभी को सलाह देते हुए कहती है की
यूपीएससी की परीक्षा एक मंजिल है जहा हम रोज कुछ ना कुछ सीखते है, उसमे मिली हर एक असफलता हमे एक नया अनुभव देती है, जिसे हमे लेते हुए आगे बढ़ना होता है. तभी हम अपने आखिरी लक्ष्य तक पहुंच पाते है.
अंत मे सौम्या गुरुरानी की कहानी हम सभी को एक संदेश देती है कि कभी भी हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…