“इम्तेहान तेरे खत्म नहीं होंगे, मेहनत कर ये वक्त अभी नहीं रुकेगा.”
Success Story Of IAS Kanchan Singla : कुछ लोग अपने बचपन में ही यह सपना देख लेते है की बड़े होकर उन्हें क्या बनना है. सिरसा, हरियाणा की रहने वाली कंचन सिंगला (IAS KANCHAN SINGLA) ने भी अपने बचपन से ही आईएएस ऑफिसर (IAS OFFICER) बनने का सपना देखा था.
एक प्रकार से देखा जाए तो आईएएस ऑफ़िसर बनना कंचन सिंगला का चाइल्डहुड ड्रीम था. जब कंचन सिंगला थोड़ी बड़ी हुई ओर समझने लगी तो उन्होंने सही समय पर इस दिशा में अपने कदम भी बढ़ा दिए और अपनी कड़ी मेहनत और धैर्य के को हथियार बनाते हुए पहले ही प्रयास में यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में सेलेक्ट हो गईं.
हालांकि उनका सिलेक्शन तो यूपीएससी में हो गया था किंतु उनकी रैंक अधिक आने से उन्हें इंडियन पर्सोनेल सर्विस मिली. कंचन ने यह सर्विस ज्वॉइन तो कर ली किंतु उन्होंने अपने आईएएस बनाने के सपने को किनारे नहीं किया. और सर्विस के साथ उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी जारी रखी और पिछले अटेम्पट्स की गलतियों को इस बार फिर से न दोहराते हुए एक बार फिर से कोशिश की और इस बार 35वीं रैंक के साथ यूपीएससी टॉपर भी बनीं.
इस सफलता के साथ ही कंचन सिंगला का बचपन का आईएएस बनने का सपना भी पूरा हुआ. कंचन सिंगला ने बहुत छोटी सी उम्र में ही हमेशा सधे हुए कदम उठाए और बड़ी ही सावधानी से अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ी. शायद इसी वजह से उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने में बहुत ज़्यादा समय नहीं लगा और अपने दूसरे प्रयास में ही उन्होंने अपने सपने को हक़ीक़त में बदलते हुए सफलता हासिल कर ली.
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IAS KANCHAN SINGLA का जन्म ओर शिक्षा
कंचन सिंगला का जन्म और उनकी शुरुआती शिक्षा दोनो ही सिरसा से ही हुई ओर स्कूल की शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे चंडीगढ़ आ गईं. यहां से उन्होंने क्लास बारहवीं करने के बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया.
कंचन सिंगला का लॉ के प्रति इतना अधिक लगाव था कि उन्होंने यूपीएससी सीएसई में इसे अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट भी बनाया. अपने द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू में कंचन सिंगला बताती हैं कि पहले प्रयास के दौरान सही गाइडेंस के अभाव में उनसे बहुत सारी गलतियां हुईं, जिन्हें उन्होंने अपने दूसरे अटेम्प्टस में सुधारा.
हालांकि इन ग़लतियों के बावजूद भी पहले अटेम्पट में कंचन सिंगला का चयन यूपीएससी में हो गया लेकिन रैंक अधिक आने की बजहस ए उन्हें आईएएस की जगह आईआरएस पर्सोनेल सेवा मिली. कंचन ने यह सर्विस ज्वॉइन कर ली किंतु उसी के साथ अपनी यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी. उसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने अपने दूसरे अटेम्पट में साल 2019 में ऑल इंडिया रैंक 35 हासिल हासिल करते हुए यूपीएससी के टॉप 100 में अपना नाम सामिल करवा लिया.
दूसरे की स्ट्रेटजी आपके काम आए यह जरुरी नही
कंचन सिंगला यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के संबंध में बताती हैं कि जब आप इस परीक्षा की तैयारी का मन बनाते हैं तो सबसे पहले इंटरनेट पर इससे संबंधित विभिन्न प्रकार की सामग्रियां खंगालते हैं, उन्होंने भी इस परीक्षा की तैयारी करने से पूर्व ऐसा ही किया.
उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने से पहले टॉपर्स के ब्लॉग, इंटरव्यू देखे, यूपीएससी का सिलेबस देखा और इसी के साथ उन्होंने दूसरों की स्ट्रेटजी को भी देखा. सबकुछ जानने ओर उसपर विचार करने के बाद कंचन सिंगला ने यह निर्णय लिया की किसी दूसरे स्टूडेंट की स्ट्रेटजी आपके कभी भी काम नहीं आ सकती.
आपको सदा ही अपनी कमियों, स्ट्रेंथ और वीकनेस को ध्यान में रखते हुए अपने लिए अलग स्ट्रेटजी बनानी चाहिए.
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यूपीएससी के सिलेबस के अनुसार करे तैयारी
कंचन सिंगला यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के बारे में आगे कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने से पहले यूपीएससी का सिलेबस बहुत अच्छे से ज़रूर देख लें और हो सके तो उसे याद भी कर लें. ताकि आप कोई भी किताब, या फिर कोई भी रिर्सोस यहां तक कि अखबार पढ़ते वक्त भी परीक्षा की दृष्टि से अनुपयोगी चीज़ पढ़ने से बच सके.
अगर आपको सिलेबस के बारे में अच्छे से पता होगा तो इससे आप फालतू टॉपिक्स कवर करने से और महत्वपूर्ण चीजों को छोड़ने से बच जाएँगे. इसके अलावा आप परीक्षा में कैसे प्रश्न आते है इसके बारे में अच्छे से समझने के लिए यूपीएससी के पिछले साल के प्रश्न-पत्र भी देख सकते हैं. पिछले साल के प्रश्न-पत्र देखने से आपको इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं, ओर परीक्षा का क्या पैटर्न होता है.
तैयारी के लिए रखे लिमिटेड सोर्स
कंचन सिंगला का मानना है कि ज़्यादातर स्टूडेंट तैयारी के लिए बहुत सारी किताबें इकट्ठी कर लेते है इससे भी वे असफल होते है, इसलिए अगर आपको यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी है तो किसी भी विषय की बहुत सारी किताबें न रखें बल्कि कम किताबों को ही जितना हो सके उतना अधिक बार रिवाइज करें.
अगर तैयारी के दौरान पढ़ाई करते वक्त कोई एक प्रश्न या कोई एक छोटा सा विषय आपको अपनी किताब में न मिले तो उसके लिए नई किताबें ख़रीदने की जरूरत नहीं है. आप चाहे तो इंटरनेट पर भी उस विषय के बारे में देख सकती है. किंतु अगर आपने अधिक किताबें ख़रीद ली तो आप कभी भी अपना सिलेबस पूरा नहीं कर पाएंगे और उसी में उलझे रहेंगे.
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मॉक टेस्ट है सबसे ज़्यादा ज़रूरी
कंचन सिंगला का कहना है की यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए सिर्फ़ तैयारी करना ही काफी नहीं होता बल्कि आपके द्वारा की गई तैयारियों का समय-समय पर टेस्ट भी लेना पड़ता है. आप अपनी तैयारियों को परखने के लिए मॉक टेस्ट दे सकते है.
आप जब मॉक टेस्ट देंगे तो आपको अपनी कमियों के साथ-साथ यह भी पता चलेगा कि किस पैटर्न को फॉलो करके आप प्री परीक्षा को आसानी से निकाल पाएंगे. वे कहती हैं कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए पढ़ाई तो हर कोई करता है पर उस पढ़ाई को परखना भी होता है कि आपके द्वारा की जा रही तैयारी सही दिशा में जा रही है या नहीं, इसके लिए टेस्ट अवश्य दें.
मॉक टेस्ट देने से आपको यह पता चलेगा की आप किस जगह पर स्टेंड करते है इसलिए आप मॉक टेस्ट देकर पता लगाएं कि कितने प्रश्न हल करने पर आप आसनी से कट-ऑफ निकाल पाते हैं. यह सबका अलग-अलग हो सकता है इसलिए इसमें कभी भी किसी को कॉपी न करें. आप अपना कट-ऑफ स्वयं तय करें.
टाइम मैनेजमेंट है सबसे ज़रूरी
कंचन सिंगला सबसे अंत में यही कहती हैं कि पढ़ाई करने के लिए टाइम-टेबल अवश्य बनाएं और उसी के अनुसार तैयारी करें ताकि आपसे कुछ भी तैयारी करने से छूटे न और न ही आपका समय बर्बाद हो.
आपको किस दिन, किस घंटे या किस सप्ताह में क्या पढ़ना है उसको ध्यान में रखते हुए उसके अनुसार शेड्यूल पहले से ही बनाएं. सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल करना है या नही यह भी आपके ऊपर है. हालांकी वर्तमान समय में नेट पर बहुत ही ज़्यादा मैटीरियल उपलब्ध है इसलिए इंटरनेट तो आपको देखना ही पड़ता है लेकिन यह बात ज़रूर ध्यान रखें कि इंटरनेट पर आप फालतू चीजों में अपना समय नष्ट न करें.
सबसे ज़रूरी बात यह है की आप अपनी तैयारी के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखें, ओर अपनी हॉबीज को भी समय दें और उसके लिए वक्त निकालें. ताकि आप हर दिन फ्रेश माइंड के साथ तैयारी कर सकें.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…