“मनुष्य के अंदर हौसला होना चाहिए, Business तो कभी भी शुरू किया जा सकता है ।”
SHANTANU NARAYEN SUCCESS STORY : वर्तमान समय में दुनिया के नक्शे में चाइना, जापान, अमेरिका जैसे विकसित देशों के साथ में भारत भी प्रमुख रूप से ऊभर कर सामने आया है जो तकनीकी विकास की राह में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत की इस तेज़ी का श्रेय उन तमाम भारतीयों को भी जाता है जिन्होंने अपनी बुद्धि के दम पर सूचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सिर्फ देश के भीतर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने नाम का परचम लहराया.
माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कम्पनी में सत्या नडेला और गूगल में सुंदर पिचाई की भूमिका से तो आज हर भारतीय वाक़िब है लेकिन इन सबके आलावा भी ऐसे कई भारतीय हैं जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर पूरी दुनिया में अपने साथ-साथ हमारे देश का नाम भी कमाया है.
आज हम ऐसे ही एक भारतीय शांतनु नारायण (SHANTANU NARAYEN) की कहानी लेकर आए हैं जो कि वर्तमान समय में 85,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की एक अंतराष्ट्रीय कंपनी के प्रमुख कर्ता-धर्ता हैं. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इनके द्वारा संचालित की जाने वाली कंपनी के प्रोडक्ट्स से पूरा भारत वाक़िफ है लेकिन इसके बावजूद हम उन्हें नहीं जानते हैं.
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SHANTANU NARAYEN का प्रारंभिक जीवन परिचय
सॉफ़्टवेयर क्षेत्र की दुनिया की सबसे अग्रणी कंपनी अडोबी (Adobe) सिस्टम्स के सीईओ शांतनु नारायण की गिनती आज दुनिया के सबसे सफल व्यवसायिक अधिकारी के रूप में होती है. शांतनु नारायण का जन्म भारत में मोतियों के शहर हैदराबाद में हुआ था.
इनके पिता का प्लास्टिक का कारोबार था. हैदराबाद में पले-बढ़े शांतनु ने इलेट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में अपनी स्नातक डिग्री हैदराबाद के ही उस्मानिया विश्वविद्यालय से हासिल की और इसके बाद उन्होंने अमेरिका के बर्कली में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के हास स्कूल ऑफ बिज़नेस से सफलतापूर्वक अपना एमबीए कम्प्लीट किया.
सॉफ्टवेयर और इंटरनेट के क्षेत्र में प्रमुख रूप से शुमार करने वाले ज्यादातर नामचीन हस्तियों की तरह शांतनु नारायण ने भी अपना करियर ऐप्पल से शुरू किया. कुछ सालों तक ऐप्पल में काम करते हुए उन्होंने बिज़नेस और मैनेजमेंट के गुर सीखे और फोटो इसी के साथ उन्होंने शेयरिंग कंसेप्ट को लाने वाली एक कंपनी पिक्ट्रा की स्थापना की. इनके द्वारा स्थापित यह कम्पनी दुनिया की पहली इंटरनेट फोटो शेयरिंग कंपनियों में से एक थी.
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अडोबी (Adobe) कंपनी ज्वाइन की
इस कंपनी को सफलतापूर्वक चलाने के साथ शांतनु ने सॉफ्टवेयर की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई. फोटो शेयरिंग क्षेत्र में इनकी इस प्रमुख कोशिश ने उन्हें साल 1998 में अडोबी सिस्टम्स से जुड़ने का मौका दिया.
एडोबी में वैश्विक उत्पाद शोध के लिए उन्होंने सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में ज्वाइन किया. यहाँ पर काम करते हुए उन्होंने अपने उत्कर्ष प्रदर्शन से बहुत ही कम समय में ही ऊँची छलांग लगाते हुए सिर्फ दस वर्षों के कम अंतराल में ही कंपनी के सीईओ बन बैठे.
सीईओ बनने के बाद शांतनु नारायण ने प्रमुख मीडिया एजेंसी बीबीसी (BBC) को दिए एक इंटरव्यू में कुछ इस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दी थी “आज मैं अडोबी (ADOBE) का नेतृत्व पाकर ख़ुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. मैं अडोबी की तकनीकी क्षेत्र में अगुवाई की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए काम करूँगा”
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SHANTANU NARAYEN के नेतृत्व में ADOBE ने छुईं ऊँचाइयाँ
शांतनु नारायण के नेतृत्व में अडोबी ने तरक्की के एक नए पायदान पर चढ़ते हुए नई ऊँचाइयो को छूटे हुए विश्व में हर जगह फैल गई. आपको यह जानकार बहुत हैरानी होगी कि शांतनु नारायण को अडोबी कंपनी के लिए 350 सफल सौदों को सफलता पूर्वक अंजाम देने का श्रेय जाता है.
अगर वास्तव में देखा जाए तो वायाकॉम, सीबीएस और पीबीएस जैसी बड़ी मीडिया कंपनियां आज एडोब फ्लैश प्लेयर के साथ अपना वीडियो चलाती हैं और इन सब के लिए शांतनु नारायण ही जिम्मेदार हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुझाव समिति में रह चुके है
अडोबी के सीईओ के रूप में शांतनु नारायण को करीबन साढ़े 5 करोड़ का वेतन पैकेज दिया जाता था. साल 2013 में उन्हें कुल $15.7 मिलियन का वेतन के रूप में भुगतान किया गया, जो उन्हें दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन लेने वाले अधिकारियों की सूची में भी शामिल करता है.
इन सबके अलावा शांतनु नारायण को साल 2011 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुझाव समिति में भी शामिल किया गया था. शांतनु नारायण ने खुद की काबिलियत को सिद्ध करते हुए वैश्विक पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आज शांतनु नारायण जैसे प्रभावशाली भारतीय पर हमें सिर्फ फक्र ही नहीं होता बल्कि हमारे अंदर एक नई आशा का संचार भी होता है और हमें भी जिंदगी में कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलती है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…