“अपनी काबिलियत को हथियार बना किसी काम को स्टार्ट किया जाए तो सफलता झक मार के आएगी”
RAHUL SHARMA SUCCESS STORY : आज दुनिया में सबसे ज्यादा मोबाइल यूजर के मामले में हमारा देश पहले स्थान पर है, कई सारी विदेशी मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए भारत बहुत बड़ा मार्केट है. हमारे देश में हर साल ना जाने कितने ही हैंडसेट के नए-नए मॉडल बिक्री के लिए लांच किये जाते है.
अभी हाल ही में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना महामारी के चलते देश के बिगड़े आर्थिक हालात और फिर भारत-चीन सीमा विवाद के कारण चीनी प्रोडक्ट के बहिष्कार के बाद इसी वर्ष स्वतंत्रता दिवस के दिन देश को संबोधित करते हुए युवाओ को सन्देश दिया था की अब समय आ गया है जब “वोकल फॉर लोकल” और “आत्म-निर्भर” भारत की और बढ़ा जाए.
लेकिन कुछ ऐसा ही बहुत पहले कर दिखाया है, आज की कहानी के युवा नायक राहुल शर्मा (RAHUL SHARMA) ने जब उन्होंने देश की पहली देशी मोबाइल कंपनी का स्टार्टअप शुरू किया था.
RAHUL SHARMA का बचपन ओर EDUCATION
दिल्ली के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे राहुल शर्मा अपने शिक्षक पिता को अपना आइडल मानते है, राहुल शर्मा के पिता टीचर थे अतः दिल्ली की टीचर कॉलोनी में ही उनका बचपन बीता.
राहुल शर्मा ने अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण कर दिल्ली के ही कॉलेज से मशीनी अभियांत्रिकी में डिग्री प्राप्त कर अपना ग्रैजुएशन कम्पलीट किया, इंजीनियरिंग करने की वजह से हाथो-हाथ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में इन्हे जॉब भी मिल गयी.
किन्तु राहुल शर्मा ने अपने बचपन से कुछ अलग करने का ख्वाब पाल रखा था इसलिए इन्हे नौकरी ज्यादा दिनों तक रास नहीं आयी एवं उन्होंने फैसला किया की जॉब को छोड़कर अपना स्वयं का बिज़नेस स्टार्ट करेंगे.
दोस्तों के साथ मिलकर शुरू की SOFTWARE COMPANY
राहुल शर्मा ने इसी क्रम में अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर वर्ष 2000 में एक सॉफ्टवेयर कंपनी की नीव रखी, जिसका नाम “माइक्रो मैक्स सॉफ्टवेयर” रखा, शुरुआत में कंपनी केवल लोगो के लिए उनकी जरुरत के मुताबिक सॉफ्टवेयर का निर्माण करती थी.
लेकिन धीरे-धीरे इनकी कंपनी ने फिक्स्ड वायरलेस पीसीओ बेचने का काम भी शुरू कर दिया, इस काम में बहुत जल्द ही राहुल को सफलता मिली और उन्होंने एयरटेल और नोकिआ जैसी बड़ी कंपनियों के साथ टाई अप करते हुए अपने काम का विस्तार किया.
राहुल शर्मा की जिंदगी में यहाँ तक सब अच्छा चल रहा था की तभी राहुल को एक बार अपने काम के सिलसिले में मीटिंग अटेंड करने के लिए वर्ष 2007 में दिल्ली से वेस्ट बंगाल जाना पड़ा वहा जो उन्होंने देखा उसके बाद से तो राहुल की दुनिया ही बदल गयी.
PCO देख आया IDEA
राहुल शर्मा ने वह पर देखा की किस प्रकार बिजली ना होने पर पीसीओ फ़ोन को चार्ज करने के लिए ट्रक की बैटरी का यूज़ किया जाता है और ट्रक मालिक मनमाना पैसा वसूल रहा है.
बस यही से उन्हें एक सॉलिड आईडिया दिमाग में आया और पुनः दिल्ली आकर जुट गए अपने सपने को साकार करने में जिसका की नतीजा आज हमारे सामने है “माइक्रो मैक्स” मोबाइल के रूप में.
राहुल ने अपने आईडिया के अनुरूप पावरफुल बैटरी वाला मोबाइल बेहद कम दाम में लोगो को उपलब्ध करवाया, उनका आईडिया और प्रोडक्ट इतना दमदार था की बिना किसी प्रमोशन और प्रचार-प्रसार के कंपनी ने 10 दिनों के भीतर ही पुरे देश में 10000 से भी ज्यादा फ़ोन बेच डाले. इसी के साथ राहुल इस क्रांतिकारी आईडिया के आधार पर रातो-रात ही देश के सबसे युवा एंटरप्रेन्योर बन गए.
SAMSUNG जैसे BRAND को पीछे छोड़ा
इस सफलता के बाद पीछे ना देखते हुए राहुल ने वर्ष 2014 में सैमसंग जैसे बड़े ब्रांड को भी सेल में पछाड़ दिया, इसके साथ “MICROMAX” इसी वर्ष रूस को भी फ़ोन एक्सपोर्ट करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई. यही वजह है की आज रूस में माइक्रो मैक्स की हिस्सेदारी 5 फीसदी से ज्यादा की है.
आज राहुल शर्मा की कंपनी भारत के पडोसी देशो – श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश सहित अफ्रीका महाद्वीप में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुकी जहा उसकी टोटल वैल्यू 21000 करोड़ से भी बाहर की आंकी गयी है.
वर्तमान समय के इलेक्ट्रिक सेगमेंट में लगतार बढ़ते कॉम्पिटशन में अब राहुल की नज़र नयी प्रोडक्ट रेंज पर है जहा वे अब माइक्रो मैक्स को टी वी और “रिवॉल्ट मोटर्स” के बैनर तले ई-बाइक में भी अपने हाथ आजमा रही है.
राहुल ने वर्ष 2015 में बॉलीवुड दिवा और गजनी मूवी फेम एक्ट्रेस असिन के साथ सात फेरे लेते हुए विवाहिक बंधन में बंध गए थे.
राहुल शर्मा देश के एक ऐसे युथ आइकॉन है जिसने ना केवल समय की नज़ाकत को समझा बल्कि उसको समय रहते भुना भी दिया.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…