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DEEPAK RAVINDRAN – जिस कॉलेज में पढाई छोड़ी आज उसी के स्टूडेंट्स को देते है जॉब, जानिए पूरी स्टोरी

“आज के दौर में सफल इंसान वही है जो बदलते समय और ट्रेंड के साथ अपनी कार्यशैली में परिवर्तन को हमेशा तत्पर रहे”

DEEPAK RAVINDRAN SUCCESS STORY : दीपक रविंद्रन (DEEPAK RAVINDRAN) ने अपनी कॉलेज की शिक्षा को अधूरा छोड़ कर सपनो की उड़ान को भांप लिया था और शुरू कर दिया अपना स्टार्टअप, उनकी ख़ास बात यह रही की वे बदलते समय की मांग बहुत जल्दी ही जान जाते है और अपनी टेक्नोलॉजी में ट्रेंड के अनुसार बदलाव कर लेते है.

उन्होंने सबसे पहले कॉलेज की पढाई के दौरान ही “एसएमएस ज्ञान” (SMS Gyan) स्टार्टअप से अपने करियर को स्टार्ट किया इसके बाद इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता को भांपते हुए दीपक रविंद्रन ने “इनुज”(Enuj) को शुरू किया उसके बाद अभी हाल ही में उनका एप्प “लुकअप”(Lookup) स्टार्ट किया है.

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DEEPAK RAVINDRAN

आइये जानते है DEEPAK RAVINDRAN के जीवन की कहानी –

दीपक रविंद्रन का जन्म भारत के दक्षिणी राज्य केरला के एक पुराने शहर “त्रिसूर” में हुआ था. बचपन से ही वे पढाई के प्रति सजग थे साथ ही अपनी लगन और मेहनत के चलते हर फील्ड में महारथ हासिल करते थे. यही वजह रही की उनका चयन मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों क्षेत्रों की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुआ.

लेकिन दीपक रविंद्रन का इंट्रेस्ट इंजीनियरिंग की तरफ ज्यादा था, उसमे भी उन्होंने कंप्यूटर साइंस को चुना और “कुन्नूर यूनिवर्सिटी” में दाखिला लेते हुए पढाई को शुरू किया, मात्र 17 वर्ष की आयु में ही दीपक रविंद्रन ने वेब डिज़ाइन कंपनी खोल डाली, जहा उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा को 19 वर्ष की आयु में अधूरा छोड़ दिया.

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DEEPAK RAVINDRAN ने कॉलेज छोड़ने के बाद शुरू किया अपना STARTUP –

उन्होंने कॉलेज छोड़ने के बाद में अपने तीन मित्रो – हिसाम, आश्विन और अभिनव के साथ मिलकर “इनूज़ (inooz)” नाम की एक कंपनी की स्थापना वर्ष 2009 में की, उनके इस प्रोजेक्ट को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद ने पहचाना और अपने यहाँ होने वाले एक्सेलरेटर प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया.

यही से दीपक के जीवन को एक नयी दिशा मिली और उन्होंने अहमदाबाद में अपने अंतिम वर्ष में 22 वर्ष की आयु में एक नया इन्वेंशन तैयार किया जो की ऑफलाइन मोड पर यानी बिना इंटरनेट के काम करता था. इसका नाम उन्होंने “एसएमएस ज्ञान” (SMS Gyan) रखा. 

यह प्रोग्राम इंटरनेट के निम्न स्तर को देखते हुए डिज़ाइन किया गया था जो कम लागत में तुरंत सूचना देने वाले एक अनोखे कांसेप्ट सर्विस पर बेस था. इसकी खासियत रही की जल्दी ही पुरे संस्थान में स्टूडेंट्स के बीच पॉपुलर हो गया,आज इसके 1.20 करोड़ यूजर है.

DEEPAK RAVINDRAN KI सफलता क़ा मंत्र –

दीपक सफलता पाने के लिए जिद्दी होने की प्रेरणा देते है. उन्होंने जब-जब किसी काम को हाथ में लिया उसको पूरा सफल बनाने तक एक जिद की तरह काम किया जिसका की परिणाम आज हमारे सामने है. 

एक बार कुछ ऐसा ही वाकया हुआ जब दीपक रविंद्रन के स्टार्टअप “इनुज” को प्रमुख टेलीकॉम कंपनी ने अपना प्लेटफार्म देने से साफ़ इंकार किया तो बस उनकी जिद छीड़ गयी जो आखिरकार भारत की प्रमुख टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी “भारती-एयरटेल” की स्वीकृति के बाद ही समाप्त हुई.

अब इनुज सभी पॉपुलर टेलीकॉम कंपनी के साथ मिलकर ग्लोबल स्तर पर अपने कार्य का विस्तार करती जा रही है, साथ ही दीपक की सफलता की कहानियाँ विश्व भर के सभी बड़े देशो की मैगज़ीन में छापी गयी साथ ही इनके इनोवेशन इनुज को इनूज़ रेड-हेरिंग ग्लोबल के 100 में शामिल किया गया, और एशिया के टॉप 100 में शामिल टेक कंपनियों में से एक है. साथ ही साथ नैसकॉम की भारत के टॉप उभरते 8 कंपनियों की लिस्ट में भी शामिल हुई.

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DEEPAK RAVINDRAN

जिन पत्रिकाओं में इनके लेख छापे वे है – फ़ोर्ब्स, एमआईटी, द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड, इकनोमिक टाइम्स, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, ब्लूमबर्ग यू टी वी, बिज़नस स्टैण्डर्ड आदि.

धीरे-धीरे इंटरनेट के भारत में बढ़ते प्रचलन को पहले से भांपते हुए उन्होंने वर्ष 2014 में एक नए स्टार्टअप “लुकअप” की शुरुआत की यह मैसेजिंग के दो बड़े ट्रेंड्स चैट्स और ऍप्स को मिलकर बनाया गया है, वर्तमान में लुकअप 10,000 मैसेज रोज प्राप्त करता है और लगभग सभी के जवाब उनके कॉल सेंटर टीम द्वारा दिये जाते है.

दीपक रविचद्रन कहते है की जब सिलिकॉन वेल्ली कुछ कम लोगो के दिमाग को उपयोग में लेकर काम कर सकती है तो हम भी बढ़ती इकॉनॉमी में नव-प्रवर्तन के ज़रिये सफल ब्रांड्स को सृजित कर सकते है और अपने देश का नाम गर्व से विश्व पटल पर ऊंचा कर सकते है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके. 

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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