“जीवन में व्यक्ति को सुख का अनुभव तभी प्राप्त होता है जब उसके द्वारा इन सुखों को कठिनाईओं से प्राप्त किया जाता है”
CHOTU SHARMA SUCCESS STORY : अब्दुल कलाम साहब द्वारा कही गई यह बात आज की हमारी कहानी के पात्र छोटू शर्मा (CHOTU SHARMA) के जीवन पर बिल्कुल सटीक बेठती है. जिसने किसी जमाने मे कोचिंग की फीस भरने के लिए चपरासी की नौकरी की मगर वही व्यक्ति आज अपनी मेहनत और हौंसले के दम पर दो कंपनियों का मालिक हैं और आज उनकी कंपनी मे 150 से भी अधिक लोग उनके अंडर मे काम कर रहे है. इनकी कंपनी के सालाना टर्नोवर 10 करोड़ से अधिक का है किन्तु किसी समय आर्थिक तंगी के कारण उन्हे भूखे पेट भी सोना पड़ता था.
CHOTU SHARMA का बचपन ओर EDUCATION
आज की कहानी के हीरो छोटू शर्मा का जन्म हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा शहर के एक छोटे से गाँव मे आर्थिक रूप से खराब हालात वाले एक गरीब परिवार मे हुआ. इन्होंने अपने जीवन के शुरुआत से ही गरीबी ओर भुखमरी के हालातों का सामना करते हुए किसी प्रकार से अपनी स्कूल तक की शिक्षा पूर्ण की ओर उसके बाद धन के अभाव मे ढलियारा के एक सरकारी कॉलेज से किसी प्रकार से अपनी ग्रेजुएशन बी. ए. (आर्ट्स) से पूरी की.
ग्रेजुएशन के बाद इन्होंने नौकरी की तलाश मे चंडीगढ़ का रुख किया. किन्तु आर्ट्स से ग्रेजुएशन करने वजह से इन्हे किसी भी प्रकार से एक ढंग की नौकरी नहीं मिल पा रही थी. किन्तु इन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हालातों के आगे हार नहीं मानी ओर अपने प्रयास जारी रखे. आखिर इनकी कोशिशे कुछ हद तक कामयाब हुई ओर इन्हे वहा के एपटेक सेंटर मे चपरासी के रूप मे नौकरी मिल गई.
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चपरासी की नौकरी से शुरू किया कंप्युटर सीखना
छोटू शर्मा अपने गाँव से किसी प्रकार से नौकरी की तलाश मे चंडीगढ़ तो आ गए किन्तु जब इन्होंने नौकरी की तलाश के दौरान देखा की शहर मे या तो कंप्युटर ग्रेजुएट या फिर किसी व्यावसायिक शिक्षा वाले लोगों को नौकरी मे वरीयता मिलती है तो इन्होंने भी कंप्युटर कोर्स करने की सोची.
छोटू ने कंप्युटर कोर्स करने का तो सोच लिया किन्तु इनके पास उस वक्त इस कोर्स की फीस भरने के लिए 5000 रुपये तक नहीं थे. किन्तु वे इस तरह से हारकर खाली हाथ अपने गाँव भी नहीं लौटना चाहते थे. ऐसी स्थिति मे इन्होंने चंडीगढ़ के ही एक कंप्युटर इंस्टिट्यूट मे चपरासी की नौकरी करते हुए उसी इंस्टिट्यूट मे ही कंप्युटर कोर्स के लिए दाखिला ले लिया.
दिन भर मे चपरासी की नौकरी के दौरान जब भी इनके पास मे खाली वक्त होता ओर इंस्टिट्यूट मे कोई खाली कंप्युटर दिखाई दे जाता तो वे उस पर अपनी प्रैक्टिस करना शुरू कर देते थे. इस तरह से दिन भर कंप्युटर इंस्टिट्यूट मे नौकरी करते ओर रात भर जाग कर पढ़ाई करते थे.
इस दौरान साल भर के लिए कंप्युटर कोर्स करने के लिए इनकी चपरासी की नौकरी से मिलने वाली तनख्वाह कम पड़ रही थी, ओर घर के आर्थिक हालात को देखते हुए इन्हे घर पर भी अपने कंप्युटर की फीस के बारे मे बात करने का मन नहीं कर रहा था. उस वक्त की अपनी दिक्कतों को देखते हुए इन्होंने पैसे बचाने के लिए की दिन भूखे रहकर बिताए किन्तु उसके बावजूद भी इन्हे पैसों की कमी हो रही थी, इन्होंने इस दरम्यान लोगों के घर जा-जाकर उनके बच्चों को ट्यूशन देना भी शुरू कर दिया.
CHOTU SHARMA की सफलता की शुरुआत
एक साल के कंप्युटर कोर्स के बाद आखिर छोटू शर्मा को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाईड सॉफ्टवेयर डेवलपर का सर्टिफिकेट मिल गया ओर इसी के साथ मे इन्हे एपटेक कंप्युटर इंस्टिट्यूट मे ही फैकल्टी के तौर पर नौकरी का ऑफर भी मिल गया. इस नौकरी के मिलने से किसी प्रकार से छोटू शर्मा का गुजारा चलने लगा ओर अब ये दिन भर घर-घर जाकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते ओर शाम को एपटेक मे क्लास लेते. धीरे-धीरे समय के साथ आर्थिक हालात सामान्य होने पर इन्होंने सबसे पहले साइकिल खरीदी.
वर्ष 2000 तक इन्हे ट्यूशन से अच्छी कमाई होने लगी ओर इन्होंने कुछ रुपये बचाकर खुद कर कंप्युटर सेंटर खोलने का फैसला ले लिया. इन्होंने इसके लिए अपने बचत के पैसे से एक बाईक और कम्प्यूटर खरीदा ओर दो कमरों का एक घर किराये पर लिया और अपनी कोचिंग सेंटर की शुरुआत की. इनकी मेहनत का ही नतीजा था की इनके कोचिंग सेंटर मे 6 महीने से भी कम वक्त में 100 से भी अधिक स्टूडेंट हो गए.
इनके पढ़ाने के तरीके ओर मेहनत ने रंग लाना शुरू कर दिया ओर देखते ही देखते कुछ ही सालों मे छोटू शर्मा का नाम डॉट नेट टीचिंग के क्षेत्र में पूरे चंडीगढ़ में छा गया. आज छोटू शर्मा के स्टूडेंट से सीखे हुए स्टूडेंट 500 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों में काम कर रहे हैं. इनके इंस्टिट्यूट से कंप्युटर सीखने वाले स्टूडेंट को माइक्रोसाफ्ट, एक्सेंचर, टीसीएस और इंफोसिस जैसी जानी-मानी कंपनियां बड़े पैकेज पर अपने यहा नौकरी पर रख रही है.
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CS SOFT SOLUTION COMPANY की स्थापना
छोटू सिंह ने बहुत कम समय मे ही तेजी से तरक्की करते हुए वर्ष 2007 में चंडीगढ़ में CS Infotech नाम से कई कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर खोले. आज इनके कंप्युटर सेंटर मे 1000 से भी अधिक स्टूडेंट कम्प्यूटर की एजुकेशन ले रहे हैं और एडवांस सॉफ्टवेयर लैग्वेज सीख रहे हैं.
छोटू शर्मा ने वर्ष 2009 में अपनी कंप्युटर इंस्टिट्यूट से आगे बढ़ते हुए कपनी कंपनी खोलने का निर्णय लिया ओर इसके लिए मोहाली में जमीन खरीदते हुए CS Soft Solutions नाम की अपनी साॅफ्टवेयर कंपनी भी खोल ली. आज इनकी यह कंपनी देश-विदेश के की बड़े-बड़े लोगों को सॉफ्टवेयर बना कर देती है और साथ ही की बड़ी-बड़ी कंपनियों को भी अपनी सेवाएँ प्रदान करती है. इन्हें लुधियाना में एलएमए ट्राईडेंट फॉर यंग इनोवेशन आंत्रपेन्योर अवार्ड से भी पुरस्कृत किया गया है.
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हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा हो चुके है सम्मानित
इनकी तरक्की से खुश होकर वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश के उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी इन्हे हिमाचल गौरव पुरष्कार से सम्मानित किया था. छोटू शर्मा वर्तमान समय मे हर जरुरतमंद व्यक्ति की मदद करते हैं. ये हर योग्य ओर गरीब स्टूडेंट की मदद के लिए भी हमेशा आगे रहते हैं. इसके साथ ही ये गरीब परिवार में शादियों के लिए भी दान देने के साथ अपने जैसे ही ग्रामीण परिवेश के स्टूडेंट को भी पढ़ाई में मदद करते है.
जहा एक ओर ज्यादातर इंसान कठिनाईयां और मुश्किल रास्ते पर चलते हुए कठिनाईयों से टूट कर बिखर जाते हैं और जिन्दगी की भीड़ में कही खो जाते हैं वहीं कुछ लोग छोटू शर्मा की तरह से मुश्किलों का डट कर सामना करते हैं और हर कठिनाईयों को अपने हौंसले ओर मेहनत के दम पर हराते हुए अपने सपने को हकीकत मे बदलते है.
कल्पना कीजिए की छोटू शर्मा ने अपने शुरुआती समय मे कठिनाई के आगे घूटने टेक दिए होते तो वे भी आज दूसरे लोगों की तरह ही एक चपरासी बने रहते. परंतु उनके संघर्ष और सफलता ने हमारे सामने एक मिसाल कायम करने का काम किया है ओर यह शिक्षा दी है कि आपकी राह मे चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न आए आपको उनके सामने डर कर हार नहीं माननी चाहिए ओर अपने लगातार प्रयास के द्वारा उन सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़संकल्प होना चाहिए. ऐसा करने वाले हर इंसान को एक न एक दिन सफलता जरुर मिलती है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…