HOW TO WORK BARCODE MACHINE : जब भी आप सामान खरीदते हैं तो आप बारकोड स्कैन करके दो मिनट में सामान की हर रेट के बारे में पता चल जाता है, लेकिन कभी सोचा है कि आखिर इन लाइनों से कैसे प्रोडक्ट डिटेल रीड हो जाती है.
HOW TO WORK BARCODE MACHINE?
आप जब भी किसी शोरूम या मॉल में सामान लेने जाते हैं तो सामान का बिल बनवाते वक्त आपने देखा होगा की सामान के बारकोड (Barcode) को स्कैन किया जाता है. बारकोड को स्कैन (Barcode Scan System) करते ही उस प्रोडक्ट से जुड़ी हुई पूरी डिटेल कंप्यूटर में आ जाती है और उसके बाद आपका बिल बन जाता है. आपने गौर से देखा हो तो बारकोड में कुछ लाइनें होती हैं, जिनका एक पैटर्न सेट होता है. इस पैटर्न और बारकोड पर लिखे हुए नंबर (Barcode Number) से ही संबंधित प्रोडक्ट के बारे में पता चलता है और बारकोड स्कैनर के द्वारा कुछ ही सेकेंड में इसे स्कैन कर लिया जाता है. लेकिन, क्या कभी आपने यह सोचा है कि बारकोड किस तरह से काम करता है और यह किस तरह से प्रोडक्ट की जानकारी इन लाइनों और नंबर में दी जाती है.
चलिए जानते हैं कि आखिर बारकोड काम कैसे करता है और इसके नीचे लिखे नंबर और ये कोड असल मे क्या बताते हैं. हम आपको बारकोड से जुड़ी हर एक बात के बारे मे बता रहे हैं, जिससे आप यह समझ जाएंगे कि बारकोड से कैसे किसी वस्तु की जानकारी एक सेकंड मे पता चल जाती है.
बारकोड क्या होता है? (WHAT IS BARCODE)
बारकोड किसी उत्पाद के बारे में आंकड़ों या सूचना को लिखने का एक तरीका होता है जिसे की बरकोड मशीन पढ़ सके, इसमे दी गई जानकारी नंबर और लाइनों के फॉरमेट में होती है. इसमें कुछ गैप के साथ अलग-अलग सीधी लाइनें दी गई होती हैं. बारकोड में किसी उत्पाद के बारे मे संबंधित सभी जानकारियां जैसे- मूल्य, मात्रा, उत्पादन का साल, बनाने वाली कंपनी का नाम, उत्पादन की तारीख जैसे कई जानकारी शामिल होती हैं.
बारकोड कौन देता है?
बारकोड की खास बात यह है कि हर एक वस्तु के लिए एक यूनिक बारकोड बना होता है. एक बारकोड किसी भी दूसरे बारकोड से मैच नहीं करता है और यह दूसरे बारकोड से पूरी तरह से अलग होता है. हर कंपनी को बारकोड एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से दिया जाता है और बारकोड को ऑनलाइन माध्यम से जनरेट किया जा सकता है.
बारकोड दो तरह के होते हैं? (TYPES OF BARCODE)
बात करते है बारकोड के परकार की तो यह दो प्रकार का होता है, एक तो साधारण बारकोड, जिसे कि 1डी बारकोड कहा जाता है. इसमें एक ही समानांतर कई लाइनें होती हैं और दूसरी प्रकार का बारकोड एक डिब्बे में होता है, जिसे लोग दूसरे शब्दों मे क्यूआर कोड भी कहते हैं. क्यूआर कोड की खास बात यह है कि इसमें ज्यादा डेटा आ जाता है और यह बारकोड की बजाय स्कैन करने में ज्यादा फ्रेंडली होता है.
बारकोड कई भागों में विभाजित होता है
एक बारकोड के कई हिस्से बने हुए होते हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे कि एक गाड़ी के नंबर प्लेट के कई हिस्से होते हैं. नंबर प्लेट में अलग अलग कोड दिए हुए होते हैं, जो की उस गाड़ी के बारे में विस्तार से बताते हैं, ऐसा ही कुछ बारकोड में होता है. इसमे दिए पहले तीन नंबर किसी भी देश के बारे में बताते हैं, उसके अगले तीन नंबर मैन्युफेक्टर का कोड और उसके बाद के चार नंबर प्रोडक्ट कोड के बारे में बताते है और इसके आखिरी में एक चेक डिजिट होता है.
जैसे कि बारकोड की सेंट्रल लाइन के पास वाला नंबर यह दर्शाता है कि वह किससे बना है, जैसे कि प्राकृतिक चीजों से बना है या फिर प्लास्टिक आदि किसी दूसरे पदार्थ से. इस नंबर से यह भी पता चल जाता है कि प्रोडक्ट शाकाहारी है या मांसाहारी या फिर यह फार्मेसी से जुड़ा हुआ उत्पाद है.
बारकोड कैसे करता है रीड (HOW TO READ BARCODE MACHINE)
कम्प्यूटर सिर्फ 0,1 यानी की बाइनरी कोड की भाषा को समझता है, ठीक उसी प्रकार से बारकोड को भी 0 और 1 की भाषा में अलग-अलग विभागों में बांटा जाता है. इसमें 1डी बारकोड को 95 खानों में बांटा जाता है और इसे भी 15 अलग-अलग सेक्शन मे बांट दिया जाता हैं. बारकोड मे सबसे बाईं तरह के सेक्शन को लेफ्ट गार्ड और सबसे दाईं साइड को राइट गार्ड और सेंटर गार्ड में बांटा जाता है. इसे बारकोड रीडर बाएं से दाएं की तरफ पढ़ते हुए बढ़ता है और इसे बाइनेरी भाषा के हिसाब से ही रीड किया जाता है और इस तरह से कंप्यूटर पर इसकी पूरी डिटेल सामने आ जाती है.
(यह लेख हमारे द्वारा इंटरनेट पर मिले बारकोड से मिले आर्टिकल्स के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है)
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