AMAZING FACTS : एक सप्ताह में 7 दिन होते हैं… यह बात तो हम सब जानते हैं. लेकिन, लेकिन सप्ताह मे 7 दिन ही होने के पीछे क्या कारण हैं और यह कैसे ते किया कि एक हफ्ते में 7 दिन ही होंगे.
AMAZING FACTS ABOUT WEEK :
आप सभी यह बात तो जानते ही है की हफ्ते में 7 दिन होते हैं और एक महीने में करीब चार हफ्ते होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कब से चला या रहा है ओर सप्ताह मे 7 दिन होने के पीछे क्या कारण है. तो चलिए जानते है आखिर हफ्ते में सात दिन का ये कंसेप्ट कहां से आया है?
आपने यह तो सुन ही होगा की साल मे पहले 10 और फिर 12 महीने होने शुरू हुए, लेकिन एक हफ्ते में 7 दिन होने की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है. काफी समय पहले कई सभ्यताओं ने हफ्ते के दिनों के बारे मे रिसर्च किया. इस रिसर्च के अनुसार इस दुनिया की शुरुआती सभ्यताओ ने सूर्य, चंद्रमा ओर ग्रहों की गतिविधियों का अवलोकन कर अनुमान लगाए ओर इसके आधार पर एक हफ्ते मे 7 दिनों की बात रखी.
चंद्रमा के आधार पर तय हुआ सप्ताह
शुरुआती लोगों ने सूर्य, चंद्रमा, ओर मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति की चालों का अवलोकन किया और उसके बाद मे चंद्रमा के 28 दिन की परिक्रमा के आधार पर 7 दिन के चार हफ्ते का निर्माण किया. इससे पहले मिस्र, रोमन जैसी सभ्यताएं आठ या दस दिन का हफ्ता मान रही थी. उस समय के लोग सप्ताह के आखिरी दिन को पूजा-पाठ के लिए रखते थे और बाकी के 6 दिन में काम करते थे.
उस समय सिकंदर ने भारत देश तक पूरे पूर्व क्षेत्र में ग्रीक संस्कृति का प्रसार करना शुरू किया, जिससे की भारत मे भी सात-दिवसीय सप्ताह को मान्यता मिली. ऐसा भी माना जाता है की चीन मे भारत के बाद में सात दिवसीय सप्ताह की शुरुआत की गई.
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ग्रहों के नाम पर रखे गए हफ्ते के दिन के नाम
रोम में सप्ताह को लेकरकाफी प्रयोग हुए. इस दौरान इस्लाम और यहूदी धर्म के लोग सात दिन के हफ्ते में 6 दिन काम के लिए ओर एक दिन पूजा-पाठ के लिए रखते थे. लेकिन, इसके बाकी बचे लोग पूरे हफ्ते काम करते थे. बाद मे उनके मध्य यह डिसाइड हुआ कि 6 दिन सभी लोग काम करें और आखिरी एक दिन धार्मिक कार्य के लिए निकालें. बाद मे ग्रहो के अनुसार दिन निर्धारित किए गाए. बाद मे इनका नाम सैटर्न, मून, मार्स, मर्करी, जूपिटर, ओर वीनस रखा गया है, जो बदलते हुए वर्तमान में मंडे, संडे, फ्राइडे और हिंदी में गुरुवार, बुधवार, शुक्रवार हो गए.
पहले साल मे होते थे 10 महीने
शुरुआती समय मे साल में सिर्फ 10 ही महीने होते थे और साल की जनवरी से न होकर मार्च से होती थी. वहीं, हालांकि उस समय भी साल का आखिरी महीना दिसंबर ही था किन्तु दिसंबर के बाद सीधा मार्च आता था. बाद में इन महीनों मे जनवरी और फरवरी महीने अलग से जोड़े गए. जनवरी की शुरुआत साल 153 BC में हुई थी, इससे पहले तक साल का पहला दिन 1 मार्च होता था. इससे पहले सितंबर 7, अक्टूबर 8 और नवंबर 9 नंबर आता था, आप इनके नाम से भी इस बात को समझ सकते हैं.
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