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IAS ATUL PRAKASH : बिहार के छोटे से गांव से होने के बावजूद कैसे तय किया IIT से IAS तक का सफर

“तमन्ना इतनी है कि अगर मुकद्दर रूठ जाए तो हौसला बुलन्द हो.”

Success Story Of IAS Atul Prakash : बिहार राज्य के बक्सर ज़िले के रहने वाले अतुल प्रकाश (IAS ATUL PRAKASH) ने आईआईटी क्लीयर करने के बाद यूपीएससी (UPSC) परीक्षा के दो अटेम्पट दिए और दोनों अटेम्पट में वे सफल भी हुए.

हालांकि पहले अटेम्पट में उनकी रैंक अच्छी नहीं थी जिस कारण से उन्हें इंडियन रेलवे सर्विस एलॉट हुई थी. किंतु अतुल प्रकाश अपनी इस रैंक से असंतुष्ट थे ओर इस वजह से उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी (UPSC) परीक्षा देने का फ़ैसला लिया और दूसरी बार उन्होंने चौथी रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया.

अतुल प्रकाश को यह सफलता साल 2017 में मिली, उन्होंने यूपीएससी (UPSC) परीक्षा का अपना पहला प्रयास 2016 में किया था. अगर अतुल प्रकाश के एजुकेशनल बैकग्राउंड की बात की जाए तो अतुल पढ़ाई में हमेशा से ही अच्छे थे.

अतुल प्रकाश के पिता की नौकरी में बार-बार ट्रान्स्फ़र होती रहती थी,  इस कारण से अतुल प्रकाश ने देश के विभिन्न स्कूलों से अपनी पढ़ाई कम्प्लीट की है. हालांकि इसे वे अपनी पर्सनेलिटी की ग्रोथ का ही एक हिस्सा भी मानते हैं.

अतुल ने दसवीं कक्षा में 94 प्रतिशत अंक हासिल किए और बारहवीं में 87 प्रतिशत अंक हासिल किए. बारहवीं की पढ़ाई के बाद वे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आईआईटी चले गए और वहां से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया.

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IAS ATUL PRAKASH

ग्रेजुएशन के दौरान हुआ यूपीएससी की और रुझान

अतुल प्रकाश ने एक इंटरव्यू में यह बताया कि उन्हें हमेशा से यूपीएससी के क्षेत्र में नहीं जाना था. लेकिन जब वे आईआईटी की पढ़ाई कर रहे थे तो उन्ही दिनों के दौरान उन्हें यूपीएससी के बारे में पता चला और बहुत सोच विचार करने के बाद उन्होंने इस फील्ड में आने का मन बनाया.

चूंकि अतुल प्रकाश को पहले से इस बारे में कोई नॉलेज नहीं थी इसलिए उन्होंने अपने सीनियर्स के साथ-साथ इंटरनेट से यूपीएससी (UPSC) परीक्षा के बारे में जितना अधिक संभव हो सका उतनी अधिक जानकारी इकट्ठा की. इस दौरान उन्होंने टॉपर्स के ब्लॉग पढ़ें, वीडियो सुने और खासतौर से आईएएस की परीक्षा के लिए डेडिकेटेड वेबासाइट्स को अच्छी प्रकार से चेक किया.

परीक्षा संबंधित सभी प्रकार की जानकारी इकट्ठा करने के बाद अतुल ने यह पता किया कि इस सर्विस में चयन होने के बाद व्यक्ति को किस प्रकार का काम करना होता है और उस कार्य के दौरान कैसी चुनौतियां आती हैं. यूपीएससी के बारे में सारी जानकारी जुटाने ओर उसे जानने समझने के बाद ही वे मैदान में उतरे.

यह यूपीएससी (यूपीएससी) परीक्षा के लिए बहुत जरूरी भी है. की इस परीक्षा की तैयारी करने से पहले सब पता कर लें कि आखिर यह परीक्षा है कैसी और इसके अंतर्गत किस तरह का काम आपको करना होगा, अगर आपको सब कुछ ठीक लगे तो ही इस सफ़र पर आगे बढ़ें.

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IAS ATUL PRAKASH

सेल्फ स्टडी को दिया अधिक महत्व

अतुल प्रकाश ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने शुरुआत में पहले कोचिंग ज्वॉइन की लेकिन दो महीने कोचिंग में पढ़ाई करने के दौरान ही वे यह बात अच्छी तरह से समझ गए कि इस परीक्षा के लिए कोचिंग से ज्यादा सेल्फ स्टडी जरूरी है.

इस बारे में उन्होंने बहुत सोचा ओर अंत में उन्होंने कोचिंग छोड़ने का निर्णय लिय. हालांकि इसके साथ अतुल प्रकाश यह कहना भी बिलकुल नहीं भूलते कि कंसिसटेंसी के द्वारा ही इस परीक्षा को पास किया जा सकता है. अगर आपने कुछ दिन दस से बारह घंटे पढ़ लिया फिर कुछ दिन बिल्कुल भी नही पढ़ा, ये एटिट्यूड आपको इस परीक्षा में बिल्कुल भी हेल्प नहीं करता. इसलिए तैयारी में निरंतरता रखना जरुरी है.

अतुल अपनी यूपीएससी (UPSC) की तैयारी के दौरान दूसरा सबसे अहम बिंदु मानते है टेस्ट सीरीज को. वे कहते हैं कि उन्होंने प्री और मेन्स दोनों की टेस्ट सीरीज बहुत दिल लगाकर सॉल्व की और उन्हें ऐसा लगता है कि अल्टीमेटली आप क्वेश्चन सॉल्व करके ही इस परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकते हैं इसलिए आपको इसकी प्रेक्टिस ओर अपने लेवल को जाँचने के लिए टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करना बहुत जरूरी है.

आंसर राइटिंग की प्रेक्टिस है जरुरी

अतुल प्रकाश कहते हैं कि अगर वे अपने पहले अटेम्पट्स के दौरान की गई अपनी गलतियों की बात करें तो पहले अटेम्पट में उन्होंने आंसर राइटिंग की जितनी जरूरत थी उतनी प्रैक्टिस नहीं की थी. किंतु उन्होंने अपने दूसरे अटेम्पट में अपनी यह गलती सुधारी.

आंसर राइटिंग के बारे में समझाते हुए अतुल प्रकाश कहते हैं कि आंसर लिखते समय एक ही प्वॉइंट की डेप्थ में जाने की जगह आप विभिन्न बिंदुओं को यानी डिफरेंट डायमेंशंस को टच करने की कोशिश करें. बजाय इसके कि एक बात लिखे ओर उसको गहराई से समझाए, आप हमेशा यह कोशिश करें कि विभिन्न बातें लिखें.

अगर दस नंबर का प्रश्न है तो अपने उत्तर में कम से कम दस प्वॉइंट अवश्य लिखें ओर अगर 15 नंबर का प्रश्न है तो कम से कम 15 बिंदुओं पर ज़रूर बात करें. इसके साथ ही जीएस के पेपर में आपसे जितना अधिक संभव  हो सके उतना डायग्राम्स बनाएं.

इससे आपको अंक अच्छे मिलते हैं साथ ही जो भी फैक्ट्स और फिगर्स आपने तैयार किए हों, उन्हें भी आप अपने द्वारा लिखे गए आंसर्स में जरूर डालें. अंत में अतुल प्रकाश यही मानते हैं कि कड़ी मेहनत, निरंतर प्रयास और दृढ़ निश्चय के द्वारा ही यह परीक्षा पास की जा सकती है लेकिन साथ ही वे यह भी कहते है की इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने का कोई शॉर्ट कट नहीं है. कैंडिडेट को इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करनी ही होगी.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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