“जिस काम में काम करने की हद पार ना फिर वो काम किसी काम का नहीं I”
IFS UPASANA MOHAPATRA SUCCESS STORY : हर एक सिविल सर्वेन्ट के सिविल सर्वेन्ट बनने के सफर के पीछे अपना स्वयं का एक मकसद होता है ओर हर व्यक्ति की अपनी अलग कहानी के साथ उसके अपने संघर्ष भी छिपे हुए होते हैं. लेकिन इन सबके इस सफर मे एक बात समान होती है ओर वह ये कि इस परीक्षा के लिए हर एक को सम्पूर्ण समर्पण के साथ मेहनत करनी पड़ती है.
सिविल सर्विस मे सफलता प्राप्त करने का कोई शॉर्टकट काम नहीं करता है क्योंकि किसी भी तरह से इसके सिलेबस को शॉर्ट नहीं किया जा सकता है. व्यक्ति सिर्फ यह कर सकता है की वह अपने अनुभव के आधार पर इस परीक्षा की तैयारी के लिये सही स्ट्रेटजी को जरूर प्लान कर सकता है. क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए एक अच्छी स्ट्रेटजी और आपकी कार्यक्षमता के अनुसार टाइम टेबल का होना आवश्यक है ओर इसी के द्वारा आप इसमे सफलता हासिल कर सकते हैं.
आईएफ़एस उपासना मोहपात्रा (IFS UPASANA MOHAPATRA) का भी यही मानना है. तो चलिए आज की यूपीएससी सक्सेस स्टोरी मे बात करते है ओडिशा के भुवनेश्वर की उपासना मोहपात्रा के बारे में जिन्होंनेयूपीएससी की परीक्षा मे ऑल इंडिया AIR119वीं रैंक हासिल करते हुए साल 2017 में अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की.
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IFS UPASANA MOHAPATRA की EDUCATION
उपासना अपने बचपन से ही एक ब्रिलियेंट स्टूडेंट रहीं हैं स्कूली शिक्षा के दौरान हर कक्षा में उनके अंक सबसे अच्छे आते थे. उपासना अपनी स्कूल मे पढ़ाई मे टॉप करने के साथ-साथ खेलकूद और दूसरी एक्टिविटीज़ में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्कूल के समय से ही हर एक्सट्रा क्यूरिकुलर एक्टिविटीज़ आगे बढ़कर हिस्सा लेती थीं. कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो उनकी लाइफ शुरू से ही काफी बैलेंस्ड थीं.
उपासना ने ICSE बोर्ड से अपनी कक्षा दसवीं 96 परसेंट अंकों के साथ पास की. इसके बाद इन्होंने डीएवी स्कूल से क्लास 12वीं पास की. बाद मे उन्होंने अपनी आगे की एजुकेशन के लिए मिरांडा हाउस, दिल्ली का रुख कर लिया ओर यही से एजुकेशन लेते हुए उन्हें सिविल सर्विसेस में जाने की प्रेरणा मिली.
उपासना ने अपनी फिजिक्स ऑनर्स से पूरी करते हुए यहां पर भी स्कूल की तरह ही अपनी सफलता के झंडे गाड़े और 91.3 प्रतिशत अंकों के साथ कॉलेज के अपनी कॉलेज के टॉपर्स में शामिल हो गई.
एक इंटरव्यू के दौरान उपासना ने बताया कि उनके पिता अशोक मोहपात्रा ओडिशा में सीनियर जर्नलिस्ट के पद पर कार्यरत थे और उनकी माँ संजुक्ता मोहपात्रा भी पेशे से एक टीचर हैं. ऐसे मे उनके घर पर हमेशा से पढ़ाई का माहौल था जिसका प्रभाव उनकी जिंदगी पर भी पर सदा से ही रहा है.
पहले प्रयास की असफलताओ को दूर करते हुए दूसरे प्रयास मे प्राप्त की यूपीएससी मे सफलता
मिरांडा हाउस से ग्रेजुएशन करने के दौरान ही उपासना को यूपीएससी की परीक्षा के बारे मे पता चला ओर तभी इन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय लिया ओर अपने ग्रेजुएशन कम्प्लीट करने के तुरंत बाद ही उपासना ने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी.
उपासना अपने बचपन से ही काफी आउटगोइंग रही हैं किन्तु यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए इन्होंने स्वयं को सिर्फ पढ़ाई तक सीमित करते हुए स्वयं को पूर्ण रूप से पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया. इस दौरान इन्होंने अपनी फिजिकल एक्सरसाइज़ के अलावा स्वयं को दूसरी हर चीज से कट-ऑफ करते हुए अपना सारा ध्यान केवल अपनी तैयारी केंद्रित किया.
पूर्ण समर्पण के साथ तैयारी करने के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा मे अपने पहले प्रयास मे उनसे प्री परीक्षा भी पास नहीं हुई थी, यह उपासना की जिंदगी अब तक की जिंदगी मे पहली असफलता थी. परंतु उन्होंने अपनी पहली असफलता से हार नहीं मानी और पहले प्रयास के दौरान की गई गलतियों से सिख लेते हुए फिर से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
उपासना ने इस बार नई स्ट्रेटजी बनाते हुए खुद को उसमे पूरी तरह से समर्पित कर दिया, इस दौरान उन्होंने यूपीएससी मे सफल हुए लोगों से परीक्षा की तैयारी से संबंधित टिप्स लिये ओर उसके अनुसार अपना स्टडी प्लान तैयार किया. उपासना सिविल सर्विसेज़ परीक्षा की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को यह सलाह देती हैं कि आप मोटिवेशन हर जगह से लो, सफल लोगों से मार्गदर्शन भी मांगो लेकिन अंततः अपनी क्षमताओं को ध्यान मे रखते हुए उसी के अनुसार अपने लिये जो उचित हो, वही निर्णय लो. इसी के सतह वह कहती है कि अगर आपको यूपीएससी मे सफल होना है तो कभी भी किसी को ब्लाइंडली फॉलो न करें.
यूपीएससी की परीक्षा के लिए करंट अफैयर्स है जरूरी
उपासना ने अपनी शुरुआती तैयारी के दौरान कुछ समय कोचिंग भी ली परंतु इस बारे मे वे कहती हैं कि यह आपका इंडिविजुअल डिसीजन है कि आप कोचिंग के साथ पढ़ना चाहते है या कोचिंग के बिना. दोनों के ही कुछ अपने फायदे ओर कुछ नुकसान हैं.
उपासना ने जीएस और ऑप्शनल दोनों सब्जेक्ट के लिये एक साल तक कोचिंग ली थी. उनके अनुसार इस परीक्षा की सही से तैयारी के लिए कम से कम आपको एक साल का समय तो लगता ही है.
सिलेबस को समझना है सबसे जरूरी
यूपीएससी की तैयारी के दौरान ज्यादातर समय यह देखा गया है कि कैंडिडेट सिलेबस को सही से देखे बिना ही तैयारी शुरू कर देते है ओर आगे जाकर उन्हे इसी कारण से असफलता का सामना करना पड़ता है.
उपासना के अनुसार तैयारी से पहले सिलेबस को अच्छे से समझ ले उसके बाद ही अपनी आगे की स्ट्रेटजी को प्लान करे. अपनी यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत हमेशा ही बेसिक्स से करें और प्री परीक्षा के लिए ज्यादा करेंट अफेयर्स पर फोकस रखे.
यूपीएससी की परीक्षा मे अच्छे अंक हासिल करने के लिए आपकी रीडिंग का अच्छा होना जरूरी है इस लिए तैयारी के दौरान रीडिंग हैबिट डेवलेप करें और प्रतिदिन अच्छे उत्तर लिखने का प्रयास करें. इसके साथ ही आप हर दिन पेपर पढ़ने की आदत भी विकसित करे.
उपासना कहती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा मे प्रमुख रूप से आपकी पर्सनैलिटी का टेस्ट होता है और एक व्यक्ति की पर्सनैलिटी बनने में सालों लगते हैं. इसलिये आप सबसे पहले अपनी कम्यूनिकेशन स्किल्स सुधारें, खूब पढ़ें और नियमित रूप से अखबार देखना न भूलें. लगातार प्रयास करने से आपको एक दिन सफलता जरूर मिलती है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…