“सफलता उन्ही लोगों को मिलती है जो इसके लिए हर मूल्य देने के लिए तैयार रहते है”
IAS VEER PRATAP SINGH SUCCESS STORY : आज हम जिस आईएएस अधिकारी की बात करने जा रहे है उनका नाम है वीर प्रताप सिंह राघव (IAS VEER PRATAP SINGH). वीर प्रताप सिंह की जगह पर कोई दूसरा व्यक्ति होता तो परिस्थितियों के सामने कब के घुटने टेक देता किन्तु उन्होंने न सिर्फ चुनौतियों का सामना किया बल्कि आर्थिक हालातों को अपनी मेहनत के दम पर बदल दिया.
IAS VEER PRATAP SINGH की EDUCATION
वीर प्रताप सिंह का जन्म बुलंदशहर के एक छोटे से किसान के घर पर हुआ था. घर की आर्थिक स्थिति का आलम यह था की वीर प्रताप सिंह के पिता की कमाई घर खर्च मे ही पूरी हो जाती थी, ऐसे मे उनके पिता के पास उनकी पढ़ाई के लिए पैसे बड़ी ही मुश्किल के लिए निकल पाते थे. ऐसे हालात मे जैसे तैसे कर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की.
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उनकी गरीबी का अंदाज इस बात से लगा सकते है की स्कूल के दिनों मे वीर प्रताप सिंह को पैसे के अभाव मे नदी को पार कर स्कूल जाना पड़ता था. वीर प्रताप सिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा आर्य समाज स्कूल करौरा से ओर 6 से लेकर हाईस्कूल तक की शिक्षा सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर शिकारपुर से हासिल की
स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद मे उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से सन 2015 मे मेकेनिकल इंजीनियरिंग (MECHANICAL ENGINEERING) से पूर्ण की.
स्कूल मे पढ़ाई के दौरान का संघर्ष
वीर प्रताप सिंह के अनुसार उन्होंने स्कूल की पढ़ाई के दौरान बहुत ज्यादा संघर्ष किया. उनका स्कूल उनके घर से 5 किमी दूरी पर था इस कारण से उन्हे हर दिन स्कूल जाने ओर घर आने के लिए पैदल ही 10 किमी की यात्रा पूरी करनी होती थी.
बड़े भाई के सपने को वीर प्रताप सिंह ने पूरा किया
वीर प्रताप सिंह के बड़े भाई का सपना शुरू से ही IAS OFFICER बनने का था किन्तु घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने सपने को छोड़कर सीआरपीएफ (CRPF) की नौकरी जॉइन कर ली. वीर प्रताप सिंह के भाई ने अपने सपने को पूरा करने के लिए इन्हे प्रोत्साहित किया ओर इन्हे हर संभव मदद मुहैया कारवाई.
वीर प्रताप की UPSC की तैयारी के लिए पिता ने लिया कर्ज
वीर प्रताप सिंह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मे अपने बड़े भाई के सपने को पूरा करना चाहते थे ओर इसी कारण उन्होंने अपनी इच्छा अपने घर पर बताई तो उनके घर वालों ने उन्हे प्रोत्साहित किया.
वीर प्रताप सिंह के पिता के पास मे इतने पैसे नहीं थे जिससे की वे अपने बेटे को UPSC की तैयारी करवा पाते ऐसे मे उन्होंने अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए 3% प्रतिमाह पर पैसे उधार लिए.
पिता के कर्ज पर पैसे लेने पर वीर प्रताप ने भी यूपीएससी की तैयारी मे अपनी जी जान लगा दी, इसके लिए उन्होंने रात दिन एक करते हुए तैयारी करना शुरू कर दिया, हालांकि शुरुआती दो प्रयासों मे इन्हे सफलता नहीं मिली ओर वे इन असफलताओ से हताश ओर मायूष भी हुए.
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अपने तीसरे प्रयास मे बने IAS
वीर प्रताप सिंह ने अपनी सफलता के बारे मे बताते हुए कहा की उन्हे शुरुआती दोनों प्रयासों मे असफलता हाथ लगी ओर इससे वे पूरी तरह से हताश हो चुके थे किन्तु ऐसे मे उनके बड़े भाई ने उन्हे हिम्मत दिलाते हुए फिर से प्रयास करने का सुझाव दिया.
इन्होंने भी अपने भाई के सुझाव को मानते हुए 2016 ओर 2017 की असफलता को भुलाते हुए फिर से नए सिरे से प्रयास करने शुरू कर दिए ओर आखिरकार वीर प्रताप सिंह की मेहनत के सामने नियति को भी झुकना पड़ा.
तीसरे प्रयास मे वीर प्रताप सिंह के हाथ सफलता लगी ओर न सिर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को पास किया बल्कि 2018 मे ऑल इंडिया 92वीं रेंक हासिल की.
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इंजीनियरिंग करने के बावजूद दर्शनशास्त्र को वैकल्पिक विषय चुना
वीर प्रताप सिंह ने 2015 मे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक किया था किन्तु जब बात वैकल्पिक विषय को चुनने की आई तो इन्होंने अपने वैकल्पिक विषय के रूप मे दर्शनशास्त्र को चुना.
हालांकि दर्शनशास्त्र इनके लिए नया सब्जेक्ट था किन्तु इन्होंने लीक से हटकर इसे चुना ओर इसे तैयार करने के लिए अपने सम्पूर्ण प्रयास करने शुरू कर दिए.
इनकी मेहनत का ही परिणाम था की इंजीनियरिंग बैकग्राउन्ड से होने के पश्चात भी वीर प्रताप सिंह दर्शनशास्त्र मे नंबर लाने के मामले मे भारत मे दूसरे नंबर पर रहे ओर उन्हे दर्शनशास्त्र मे 500 मे से 306 अंक मिले.
UPSC ASPIRANTS को वीर प्रताप सिंह की सलाह
वीर प्रताप सिंह के अनुसार यूपीएससी के लिए किसी दूसरे की स्ट्रैटिजी को कॉपी करने की बजाय आपको अपनी स्थिति के अनुसार स्वयं की रणनीति बनानी चाहिए.
वीर प्रताप सिंह कहते है की यूपीएससी की परीक्षा के लिए तैयारी के दौरान आपको निरन्तरता को बनाए रखना होगा. अगर आप निरंतर प्रयास नहीं करते है तो आप यूपीएससी को भूल जाए.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…