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IAS MOHAMMAD ABDUL SHAHID : लगातार 4 बार असफलता प्राप्त करने के बाद पाँचवी बार में बने IAS OFFICER

“ऐसे काम करो जिससे लोगों को लगे कि आपको जीतने की आदत है।”

Success Story Of IAS Mohammad Abdul Shahid : के नागरकुर्नूल  जिले के एक छोटे से गांव थुम्मनपेट के रहने वाले मोहम्मद अब्दुल शाहिद (IAS MOHAMMAD ABDUL SHAHID) भी उन कैंडिडेट्स में से एक हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपनी राह चुन ली.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद ने अपने बचपन से ही एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था और कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म करने के बाद पूरे जोर-शोर से यूपीएससी की तैयारियों में जुट गये.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद ले इस सपने में उनके परिवार ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया परंतु किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था.

शाहिद यूपीएससी की परीक्षा में एक-दो बार नहीं बल्कि चार-बार असफल हुए थे किंतु इसके बावजूद उन्होंने हर असफलता के बाद हार मानने की बजाय दोगुने जोश से तैयारी शुरू कर दी.

आखिरकार उनके द्वारा की गई मेहनत रंग लायी और उनका बचपन का सपना साल 2018 में पूरा हो गया. इस वर्ष उन्होंने 57वीं रैंक प्राप्त करते हुए यूपीएससी की यह परीक्षा पास कर ली.

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IAS MOHAMMAD ABDUL SHAHID

IAS ओर IFS दोनो एक साथ पास की

इसे आप ऐसा भी कह सकते है की जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है जहां चार साल तक मोहम्मद अब्दुल शाहिद का UPSC की किसी भी परीक्षा में चयन नहीं हो रहा था वहीं 2018 में उनका चयन एक साथ दो परीक्षाओं में हो गया.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद ने साल 2018 में आईएएस और आईएफएस दोनों परीक्षायें दी थी ओर वे दोनो परीक्षाओं में पास हुए. आईएएस में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 57 प्राप्त की थी, वही आईएफएस में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 45 हासिल की.

जैसा की आप सभी जानते ही हैं कि आईएफस की परीक्षा को आईएएस की परीक्षा से भी कठिन परीक्षा माना जाता है जिसका कटऑफ भी आईएएस की परीक्षा से ज्यादा जाता है लेकिन शाहिद ने इस वर्ष उसे भी पास कर लिया.

आईएफएस के तीन महीने बाद ही आईएएस का इंटरव्यू भी था और मोहम्मद अब्दुल शाहिद अपनी पूरी जान जुटाकर इसकी तैयारी में जुट गये क्योंकि उन्हें आईएफ़एस की बजाय आईएएस ज्यादा पसंद था और उन्होंने अपने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना अपने मन में दबा रखा था.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद तेलांगना राज्य से आईएएस पद के लिए चयनित होने वाले दूसरे उम्मीदवार बने. शाहिद की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर उनकी मां रेहाना बेगम और पिता अनन के साथ ही पूरे जिले को भी उनके ऊपर बहुत गर्व है.

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IAS MOHAMMAD ABDUL SHAHID

IAS MOHAMMAD ABDUL SHAHID का बचपन ओर शिक्षा (Education)

मोहम्मद अब्दुल शाहिद नागरकुर्नूल जिले के अचमपेट निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बालमूर मंडल के थुम्मनपेट गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा आचमपेट में की पूर्ण की और उसके बाद में आगे की शिक्षा वट्टम में जवाहर नवोदय स्कूल से पूरी की.

स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सीबीआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और इसके बाद आई-गेट ग्लोबल सॉल्यूशंस कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम करने लगे. किंतु नौकरी में इनका मन नही लगा ओर ये सिविल सर्विसेस की तैयारी के लिये दिल्ली चले गए और साल 2015 से यूपीएससी की परीक्षा देने लगे.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद कहते है कि साल 2015 की परीक्षा के समय वे इस परीक्षा के लिए ठीक से तैयार नहीं थे परंतु उसके बाद के तीन अटेम्पट उन्होंने अपनी पूरी तैयारी के साथ ही दिये थे फिर भी किसी न किसी गलती कि वजह से उनका चयन नहीं हुआ.

उनके हर प्रयास में मेन्स में ज्योग्राफी विषय में बहुत खराब नंबर आते थे. लेकिन शाहिद दिल्ली आते समय अपने साथ एक सपना लेकर आये थे, जो उन्हें किसी भी कीमत पर पूरा करना ही था. ओर आखिर 2018 में उन्होंने ऐसा कर दिखाया.

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ऑनलाइन कंटेंट की मदद से की यूपीएससी की तैयारी

शाहिद ने ऑनलाइन कंटेंट से मदद लेते हुए यूपीएससी की तैयारी की. वे इस बारे में कहते हैं कि उन्होंने हर बार असफल होने पर अपनी पुरानी गलतियों से सिख लेते हुए एनालाइज किया कि उनके द्वारा कहां पर कमी रह जाती है.

इसके बाद उन्होंने उन कमियों को दूर करने पर काम करना शुरू किया और इस काम में उनकी सबसे ज़्यादा मदद की खासतौर पर ऑनलाइन पर उपलब्ध आईएएस की तैयारी के लिये बनाये गये ब्लॉग्स ने.

उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिये खूब ऑनलाइन कंटेंट यूज़ किया और जमकर मॉक टेस्ट दिये. उन्होंने अपने पर्सनल नोट्स बनाने पर काफी अधिक ध्यान दिया, जिससे उन्हें परीक्षा के समय रिवीज़न करने में बड़ी ही आसानी हुई.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद मानते हैं कि उनकी पिछली असफलताओं के पीछे सबसे बड़ा कारण था की अपने द्वारा पढ़े हुए को ठीक से रिवीज़न न कर पाना.

यूपीएससी कैंडिडेट पढ़ाई तो बहुत अधिक कर लेते हैं पर वे उसका समय-समय पर रिवीज़न नही करते ओर इस कारण से बिना रिवीज़न के उनकी सारी पढ़ायी व्यर्थ चली जाती है. शाहिद का यह मानना है कि रिवीज़न ठीक से करने के लिये अपने द्वारा बनाये छोटे नोट्स बहुत काम आते हैं.

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परीक्षा के पहले का एक सप्ताह हैं बहुत खास 

मोहम्मद अब्दुल शाहिद ने एक इंटरव्यू में बताया कि यूपीएससी की परीक्षा में कुछ बिंदु ऐसे होते हैं जो यह तय करते हैं कि आप रैंक ला पायेंगे या नहीं. उनमें से सबसे जरूरी बिंदु है निबंध लेखन.

उनका मानना हैं कि अगर आपने इसमें अपनी पकड़ बना ली तो दूसरे कैंडिडेट्स से 20 से 25 अंक तो आराम से अधिक पा सकते हैं. ओर यही अधिक अंक आपकी रैंक बना सकते हैं.

इसी तरह पूछे गए प्रश्न के आंसर में उत्तर के साथ सपोर्ट में छोटे-छोटे किंतु कम समय लेने वाले डायग्राम्स बनाना भी आपकी मदद करता है.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद मानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा के तीनों चरणों के पहले का एक सप्ताह हर परीक्षार्थी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं.

इन्हीं दिनों में जिस स्टूडेंट ने पिछला पढ़ा हुआ रिवीज़न कर लिया वही परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मददगार होता है. इसीलिये वे खुद के द्वारा शॉर्ट्स नोट्स बनाने पर जोर देते हैं क्योंकि परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत कम समय मिलता है ओर इतने कम समय में केवल अपने नोट्स से ही रिवीज़न संभव होता है.

मोहम्मद अब्दुल शाहिद ने इस स्ट्रेटजीस और प्रॉपर प्लानिंग के साथ ही अपनी पिछली गलतियों से सीख लेते हुए उसे फिर से नही दोहराते हुए यूपीएससी परीक्षा को पास करते हुए IAS पद प्राप्त किया. शाहिद का UPSC का सफर आने वाले भावी अभ्यर्थियों को यही सिखाता है कि असफलताओं से निराश होने से कुछ नहीं होता.

बल्कि अपनी कमियों को तलाशकर उन पर काम करना शुरू करे, ओर उन्हें दूर करते हुए अगली बार और ज्यादा कोशिश करें. अगर आपकी कोशिश में ईमानदार होगी तो आपको सफलता जरूर मिलेगी.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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