AMAZING FACTS ABOUT TEA : सबसे पहले चाय में अलग से दूध मिलाने की शुरुआत ब्रिटेन में हुई, लेकिन स्वाद से कोई कनेक्शन नहीं था. जानिए ब्रिटेन मे यह ट्रेंड कैसे शुरू हुआ और इसका असर क्या हुआ?
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AMAZING FACTS ABOUT TEA :
आपने पुरानी फिल्मों में अक्सर देखा होगा की टेबल पर रखी हुई चाय में अलग से दूध डाला जा रहा है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? आमतौर पर हमारे घरों में तैयार होने वाली चाय में दूध तो खौलने के बाद डाला जाता है, फिर ऐसा क्यों किया जाता था. दरअसल, चाय में दूध अलग से डालने की शुरुआत ब्रिटेन से हुई. लेकिन ब्रिटेन मे ऐसा करने के पीछे का मकसद चाय का स्वाद बढ़ाना या घटाना कतई नहीं था. था चलिए जानते है, ब्रिटेन में चाय बनाने के इस खास तरीके की शुरुआत कैसे हुई?
ब्रिटेन में चाय को इस तरह से तैयार करने का ट्रेंड 18वीं शताब्दी में शुरू हुआ था. उस समय में चाय को पॉट में पकाया जाता था. किन्तु चाय को पीने के लिए चीनी कप्स का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इन कप्स में एक खामी थी की जब भी इन कप में कोई ज्यादा गर्म लिक्विड डाला जाता था तो ये अधिक तापमान नहीं सह पाने के कारण वे टूट जाते थे.
ब्रिटेन में लोगों ने चीनी कप को टूटने से बचाने के लिए एक जुगाड़ सोची. इस जुगाड़ के तहत पहले कप में दूध डाल दिया जाता था इसके बाद कप में ऊपर से चाय डाली जाती थी. ऐसा करने से कप में पहुंचने के बाद चाय का तापमान कम हो जाता था और इस प्रकार से कप टूटता नहीं था. ओर इस तरह से इस ट्रेंड की शुरुआत हुई.
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उस जमाने में चाय को एक महंगी ड्रिंक माना जाता था और समाज का एक बड़ा तबका उस समय गरीबी से गुजर रहा था. चीनी कप के एक बार टूटने पर उसे दोबारा से चाय के लिए तैयार करना आसान नहीं था. नतीजतन, चाय को तैयार करने का यह तरीका चलन में आ गया और दूसरे देशों में इसकी शुरुआत हुई थी.
खास बात है कि उस दौर में बोन चाइना के कप भी मौजूद थे, लेकिन ये इतने महंगे थे कि आम इंसान का इसे खरीद पाना मुश्किल था, इसलिए दूध को अलग से मिलाने का ट्रेंड शुरू हुआ. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा करने पर चाय के टेस्ट में भी इजाफा हुआ. इसलिए जिन दूसरे देशों में कप के टूटने की समस्या नहीं थी, वहां भी यह तरीका चलन में आया.