“तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया, बना के रास्ता जो भीड़ से निकल गया“
ASHISH THAKKAR SUCCESS STORY : आज की यह कहानी 40 वर्षीय उस भारतीय आशीष ठक्कर (ASHISH THAKKAR) की है जिन्हे अपने परिवार की खराब आर्थिक हालात के कारण अपनी पढ़ाई बीच मे ही छोड़नी पड़ी ओर उसके बाद उन्होंने अपनी व्यापारिक क्षमता का परिचय देते हुए स्वयं की कंपनी की शुरुआत की ओर उसे अफ्रीका की सबसे बड़ी कंपनी भी बनाया.
आशीष ने शून्य से शुरूआत करते हुए सफलता की अनोखी मिसाल पेश करते हुए व्यवसाय जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने मारा समूह (MARA GROUP) नाम से एक अन्तर्राष्ट्रीय कंपनी की शुरुआत की ओर आज उनकी कंपनी का टर्नओवर बिलियन डॉलर में है. उनकी व्यावसायिक समझ के कारण मिली बेमिशाल कारोबारी सफलता ने उन्हें अफ्रीका के सबसे कम उम्र के सबसे धनवान ओर प्रभावशाली लोगों की सूचि में भी शामिल कर दिया.
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ASHISH THAKKAR का परिवार ओर आर्थिक संघर्ष
आशीष के परिवार ने 1890 के दशक में भारत के गुजरात से पलायन करते हुए अफ्रीका की ओर रुख किया ओर वही पर बस गया. आशीष ठक्कर का जन्म 1981 में लीसेस्टर में हुआ था ओर उन्होंने अपना बचपन बेल्वोइर एस फॉर्म ग्रुप के रुशे मीड स्कूल में बिताया. आशीष के माता-पिता वर्ष 1972 में अफ्रीका से यूनाइटेड किंगडम चले गए. जहाँ पर उन्होंने महिलाओं के फैशन के सामानों का व्यापार करने वाला एक व्यवसाय स्थापित किया. किन्तु 1994 मे रवांडा नरसंहार से पहले उनका परिवार फिर से अफ्रीका लौट आया
बार-बार के पलायन से आशीष का परिवार आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट चुका था ओर पैसों की कमी के कारण आशीष को अपनी स्कूल की पढ़ाई बीच मे ही छोड़नी पड़ी ओर अपने परिवार के गुजर बसर के लिए सहयोग करना पड़ा. इसी बीच इनके पिता ने घर खर्च चलाने के लिए बैंक से लोन लेकर एक छोटे कारोबार की शरुआत की. इन सब परिस्थितियों से गुजरते हुए आशीष ने अपने मन मे ठान लिया की वे अपने परिवार को किसी भी तरह से पहले वाली प्रतिष्ठा वापस दिलवाएंगे.
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आशीष की सफलता की शुरुआत
आशीष ने अपने पारिवारिक मित्र को कंप्युटर बेचते हुए अपने व्यवसाय की शुरुआत की ओर इस सौदे मे उन्हे 100 डॉलर का लाभ मिला इससे आशीष को यह अहसास हुआ यह काम तो उनके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं है. इसके बाद मे आशीष ने कंप्यूटर बेचने का सिलसिला जारी रखा. ओर इसमे सफलता मिलने पर उन्होंने कंप्यूटर हार्डवेयर के क्षेत्र में कदम रखते हुए युगांडा में दुबई से लाये गए सामानों की बिक्री की शुरूआत की.
आशीष का कंप्युटर हार्डवेयर का बिजनेस चल निकला ओर एक साल के भीतर ही उन्होंने दुबई में एक दुकान की स्थापना कर दी ओर इस तरह से वे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर की आपूर्ति करने वाले प्रमुख बिजनेसमेन बन गए . समय के साथ धीरे-धीरे उनकी कंपनी बड़ी होती हुई ओर बहुत कम समय मे ही देखते-देखते यह अफ्रीका की सबसे बड़ी आईटी कंपनी बन गई. उनकी कंपनी ने इस दौरान 7,000 कर्मचारियों को रोजगार मुहैया कराया ओर 26 देशों में 100 मिलियन डॉलर का सालाना टर्नओवर करना शुरू कर दिया.
आशीष यही पर नहीं रुके ओर समय के साथ उनकी कंपनी ओर भी बड़ी होती चली गयी और आशीष ने लगातार मिल रही सफलता के साथ कई अन्य तरह के कारोबार की शुरुआत करते हुए इसे “मारा ग्रुप” का नाम दिया. वर्तमान समय मे आशीष द्वारा स्थापित मारा ग्रुप के बैनर तले शॉपिंग मॉल, पेपर मिल, पैकजिंग, होटल कांफेर्रेंस और कई अलग-अलग तरह के बिज़नेस की स्थापना की गई है.
आज के समय मे आशीष द्वारा स्थापित “मारा ग्रुप” अफ्रीका मे एक बड़ा नाम बन चुका है. इतना ही नहीं मारा ग्रुप ने अपना विस्तार करते हएउ रियलस्टेट और इकॉमर्स से लेकर कृषि क्षेत्र सहित अफ्रीका के लगभग हर सेक्टर में रोजगार के अवसर मुहैया कराए है.
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ASHISH THAKKAR की उपलब्धिया
आशीष ठक्कर ने विश्व पटल पर अपना अलग मुकाम हासिल किया है ओर हाल ही में, आशीष को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा सम्मानित करते हुए वैश्विक युवा नेता के रूप में नियुक्त किया गया है. आशीष ने नई पीढ़ी के उद्यमियों की मदद करने के लिए मारा फाउंडेशन के नाम से एक नई सामाजिक संस्थान की स्थापना की है ओर इनकी यह संस्थान युवा उद्यमियों को सलाह के साथ-साथ अन्य सहायता भी प्रदान करता है. आशीष द्वारा वर्ष 2009 में स्थापित मारा फाउंडेशन अब तक 160,000 से ज्यादा लोगो की मदद कर चुका है.
शून्य से शुरुआत करते हुए सिर्फ दो दशकों में एक देश के सबसे युवा ओर कम उम्र के अरबपति तक का सफर तय करते हुए आशीष ने यह साबित कर दिया कि किसी युवा व्यक्ति हौंसले ओर मेहनत के सामने ऊंचाई की कोई सीमा नहीं होती है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…