“मनुष्य जीवन में कुछ ऐसे काम भी होते है,जो सही समय आने पर ही पुरे होते है, तब तक इंतज़ार के सिवाय कोई रास्ता नहीं होता है”
NEERAJ GUPTA SUCCESS STORY : मुंबई के रहने वाले नीरज गुप्ता (NEERAJ GUPTA) ने अपने करियर की शुरुआत अपनी पत्नी से उधार पैसे मांग कर की थी, नीरज की पत्नी अपनी कॉलेज के बाद से ही जेट एयरवेज में काम करती थी.
अपनी शादी के बाद लगभग 5 वर्षो तक नीरज गुप्ता का काम केवल अपनी पत्नी को ऑफिस (एयरपोर्ट) लाना और ले जाना ही था.
NEERAJ GUPTA का बचपन ओर EDUCATION
नीरज गुप्ता शुरू से ही पढाई के प्रति कम ही आकर्षित थे इसी वजह से उन्होंने जैसे तैसे अपनी कॉलेज की पढाई “मीठी बाई कॉलेज”, मुंबई से पूर्ण की.
इनका परिवार पहले से बिज़नेस क्लास का था जहा इनके पिता का स्वयं का बिज़नेस था, नीरज गुप्ता के पिता ने कॉलेज पूरी होने के बाद नीरज को अपने दोस्त की टेक्सटाइल फैक्ट्री में काम दिलवाया लेकिन नीरज खुद का कोई काम करना चाहते थे.
पत्नी से उधार माँग शुरू किया BUSINESS
इसी वजह से वे सही समय और मौके की तलाश में रहते थे, अपनी शादी के लगभग 5 साल बाद उन्हें अहसास हुआ की उन्हें अब कुछ नया करना चाहिए, बस फिर क्या था इसी सोच के साथ उन्होंने अपनी पत्नी से 50000 की राशि उधार लेकर सबसे पहले उन्होंने मुंबई के अँधेरी इलाके में अपना एक गैराज शुरू किया
नीरज गुप्ता का गैराज जब ढंग से चलने लगा तभी उन्होंने वर्ष 1999 में अपने कॉलेज के एक मित्र के साथ मिलकर “इलीट क्लास” नाम की एक कंपनी खोली जिसका काम कस्टमर्स को उनकी गाड़ियों की सर्विस और एनुअल ऑटोमोबाइल्स की सेवा देना था. कुछ समय के बाद ही नीरज ने बड़े-बड़े कांटेक्ट बनाते हुए “ब्लू डार्ट” और “सोनी” जैसी कंपनियों को अपना कस्टमर बना डाला.
V-LINK की शुरुआत
नीरज गुप्ता ने इस सफलता से उत्साहित हो वर्ष 2001 में कॉर्पोरेट एम्प्लाइज के लिए ऑफिस आने-जाने की सुविधा देते हुए “वि-लिंक” बस सर्विस को स्टार्ट किया, और मार्किट और बैंक से लोन उठाकर “टाटा ग्रुप” के साथ टाई अप कर उनके सभी कर्मचारियों के लिए शटल बस सर्विस को स्टार्ट किया.
इस सफलता के बाद नीरज ने इंडिया की सबसे पहली मीटर से चलने वाली रेडिओ कैब्स सर्विस के रूप में वर्ष 2006 में “मेरु कैब्स” (Meru Cabs) की शुरुआत की इसके साथ ही उन्हें पैसो की समस्या आनी शुरू हुई.
नीरज गुप्ता के दिमाग में इसी बीच बिज़नेस के विस्तार के लिए एक आईडिया आया की क्यों ना दो अन्य छोटी कंपनी को खोला जाए और वहा से पैसा जुटा कर मेरु कैब्स को स्थापित किया जाए. इसी क्रम में नीरज गुप्ता ने “वी-लिंक फ्लीट सोल्युशन” एवं “वी-लिंक टेक्सिस” को स्टार्ट करते हुए बी पी ओ कर्मचारियों को लाने ले जाना का काम और एयर कंडीशनिंग कार्स को उपलब्ध करवाया.
MERU CABS का विस्तार ओर सालाना TURNOVER
आज नीरज गुप्ता की कंपनी मेरु कैब्स 9000 कारो के साथ 24 शहरो में डेली 30000 से ज्यादा ट्रिप राइड कर रही है, जिस से सालाना 800 करोड़ का टर्न ओवर होता है और आज नीरज गुप्ता की नेटवर्थ 100 करोड़ से ज्यादा की हो गयी है.
नीरज गुप्ता ने इसी के साथ महिलाओ को सुरक्षा और सम्बल देने के लिए अलग से मेरु कैब को स्टार्ट किया गया जहा पर महिला ही ड्राइवर होती है. अभी इनकी कंपनी को “महिंद्रा एन्ड महिंद्रा ग्रुप” का साथ मिला हुआ है जो इनके बिज़नेस को विस्तार देने में लगी हुई है.
नीरज गुप्ता का आईडिया भारत में ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में एक अलग ही मुकाम हासिल कर चूका है जो केवल और केवल उनकी सतत लगन और प्रयासों का नतीजा है, आज नीरज कार रेंटल, सिटी राइड्स, एयरपोर्ट ट्रांसफॉर्म एवं आउटिंग के लिए कारो को मुहैया करवाते है, यह एक मोबाइल एप्प बेस मॉडल है जहा कस्टमर्स अपने घर पर कार को बुला सकता है.
अंत में नीरज गुप्ता ने सही काम को सही मौके और समय पर शुरू करते हुए दिखा दिया की हुनर तो सभी में होता है जरुरत है तो केवल सही समय और मौके की.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…