“हार पहनने के लिए, हार को हराना पड़ता है.”
SUCCESS STORY OF SAUMYA VARDHAN : हमारे देश भारत की विश्व पटल पर जो पहचान है वह उसकी संस्कृति, अध्यात्म व उसके ज्ञान के कारण है. भारत की इस आध्यात्मिकता की गहरी जड़ों की गंभीरता को समझते वक्त सौम्या वर्धन (SAUMYA VARDHAN) के सामने जब कुछ प्रश्न आए तो उन्होंने अपने मन में उठ रहे प्रश्नो के जवाब जवाब पाने के लिए भारतीय विद्या भवन दिल्ली से एस्ट्रोलॉजी, आचार्य, न्यूमरोलॉजी, वास्तु इत्यादि भारतीय संस्कृति पर आधारित सभी पाठ्यक्रम रेगुलर करते हुए भारतीय अध्यात्मवाद के पीछे के वैज्ञानिक रहस्य को खोजा, समझा और जब उसे जाना तो उन्होंने यह पाया कि भारतीय अध्यात्मवाद पंचतत्व से निर्मित इस नश्वर शरीर को हमारे सौरमंडल से समन्वित करने का सच्चा मार्ग दिखाता है.
कैसे आया बिजनेस का आयडिया
जी हाँ, हमारी आज की यह सक्सेस स्टोरी एक महिला उद्यमी सौम्या वर्धन के जीवन के बारे में है, हालांकि, यह एक दुखद घटना थी जिसके कारण सौम्या ने अपना खुद का यह व्यवसाय शुरू किया. दरसल उनके एक मित्र के पिता का निधन हो गया, और उनका अधिकांश परिवार विदेश में रह रहा था जबकि कुछ भारत में थे.
हालाँकि, उनके पूरे परिवार को दाह संस्कार की प्रक्रिया के आयोजन के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ा. तभी सौम्या को एहसास हुआ कि कई लोगों के लिए भारतीय रीति-रिवाजों को प्रामाणिक रूप से करवाना कितना मुश्किल है. सौम्या वर्धन ने भारत के 20,000 करोड़ के आध्यात्मिक बाजार में एक बड़ी कारोबारी संभावना को भांपा और उसी को अपना बिजनेस बनाने के लिए “शुभ पूजा” (SHUBHPUJA) नाम से एक स्टार्टअप की नींव रखी.
अगर हमारे जीवन में “योग, आयुर्वेद, ध्यान, पूजा, कर्म इन सभी के सम्मिश्रण यदि नियमित और सही रुप से प्रयोग किया जाए तो हमारे लिए हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति के महत्व को समझना बहुत आसान हो जाता है” सौम्या वर्धन यह बात बड़े आत्मविश्वास के साथ कहती हैं.
सौम्या वर्धन ने जब लंदन में अपनी शानदार कॉरपोरेट नौकरी को अलविदा करते हुए अपने स्टार्टअप की शुरुआत की तो उन्हें उस समय कई सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लेकिन पहाड़ से अडिग इरादों वाली सौम्या ने साल 2013 में शुभ पूजा डॉट कॉम (shubhpuja.com) की शुरुआत की, उनके इस वेबसाइट के द्वारा जहां विश्वभर में कोई भी व्यक्ति 300 से अधिक तरह की पूजा ऑनलाइन करवा सकता है.
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Shubhpuja.com पर स्नातक अथवा परास्नातक ब्राह्मण पूजा करवाते है
भारत में धार्मिक पूजा को करवाने के लिए किसी प्रकार का मूल्य निश्चित नहीं किया गया है, इसी के साथ पूजा करवाने के लिए किसी व्यक्ति के पास किसी डिग्री की आवश्यकता होती है, ऐसे परिवेश में सौम्या वर्धन द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप शुभ पूजा डॉट कॉम पर स्नातक अथवा परास्नातक ब्राह्मणों द्वारा पूजा के विश्लेषण एवं उसके महत्व को बताने के साथ पूजा संपन्न करवाई जाती है.
शुभ पूजा डॉट कॉम की ऑनलाइन विधि प्राचीन भारत में शास्त्रों में वर्णित नैमिषारण्य में सूतजी द्वारा अपने शिष्यों को ध्वनि तरगों द्वारा शिक्षा प्रदान करने जैसा है. सौम्या को हम अगर आधुनिक युग की सूत जी कहे तो यह गलत नहीं होगा जो विश्व भर में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का प्रचार अपने स्टार्ट अप के द्वारा कर रही हैं.
ऐसा नही है की सौम्या वर्धन को यह सफलता रातों रात मिल गई बल्कि अपने स्टार्टअप की शुरुआत में सौम्या वर्धन को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे “यह तो ब्राह्मण ही नहीं है, या फिर यह इतनी छोटी उम्र में क्या पूजा करवाएगी” जैसी बातें उन्हें सुनने को मिली लेकिन सौम्या ने हर चुनौती को अपनी सूझबूझ के द्वारा हरा दिया क्योंकि उन्होंने अपने काम में हमेशा पारदर्शिता रखी की “पूजा कीजिए तो मन से कीजिए वरना मत कीजिए” या “अगर किसी व्यक्ति को जरूरत नहीं है तो ऐसा जरूरी नहीं कि हर संपर्क करने वाले व्यक्ति को कहा जाए कि तुम्हारे ग्रह खराब हैं.”
सौम्या से जब यह पूछा गया कि वे आधुनिक पीढ़ी जो की मशीनी है उस परिवेश में पल रही है उनके लिए शुभ पूजा के अस्तित्व को आप भविष्य में कैसे बनाए रख पाएंगी इस पर सौम्या वर्धन कहती हैं कि मुझे इसकी चिंता नहीं क्योंकि मैं आधुनिक पीढ़ी के सवालों क्यों और कैसे का जवाब प्रामाणिक तथ्यों के साथ दे पाने में पूरी तरह से सक्षम हूं. आज सम्पूर्ण वैश्विक समाज तनाव की बीमारी से जिस तरह त्रस्त है उससे निकलने का एकमात्र रास्ता भारतीय अध्यात्म एवं योग ही है ओर इससे आने वाली आधुनिक पीढ़ी भी अछूती नहीं है. इसलिए मैं अपने व्यापार के भविष्य को लेकर पूर्ण रूप से निश्चिंत हूं.
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भारत भूमि पर जन्म होना शौभाग्य की बात – सौम्या वर्धन
सौम्या वर्धन का ऐसा मानना है की उनका भारत भूमि पर जन्म होना ही उनके लिए बहुत बड़े सौभाग्य की बात है भारत अभिन्नता में एकता को प्रदर्शित करने वाला ऐसा एकमात्र राष्ट्र है जिसने सदैव वसुधैवं कुटुंबकम का पाठ पूरे विश्व को पढ़ाया है.
मुंबई में हुए विश्व स्तरीय कार्यक्रम में सौम्या वर्धन ने भारत की संस्कृति की एक झलक एक लाइव परफॉर्मेंस के द्वारा वहां विद्यमान 5,000 दर्शकों को दिखाई ओर उसका सीधा प्रसारण 3 लाख से अधिक लोगों ने देखा. भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग से सम्मानित, न्यूयॉर्क में रेडियो पर हर रविवार को प्रसारित लाइव शो के अलावा टेलीविजन पर कई शो के द्वारा सौम्या अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कई बार कर चुकी हैं.
एक ख़ास इंटरव्यू के दौरान हुई बातचीत में सौम्या वर्धन ने होली से संबंधित बड़ी ही प्यारी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि यूनाइटेड स्टेटस से आए एक परिवार के लिए उन्होंने भारत में होली के त्यौहार का महत्व बताते हुए एक स्पेशल वर्कशॉप का आयोजन किया. उस कार्यक्रम में उन्होंने उन्हें भगवान कृष्ण के बारे में बताया कि कैसे कृष्ण भगवान की मां ने उन्हें कहा कि तू अपने काला होने पर दुखी मत हो बल्कि बाहर जा कर अपने सभी सखाओं को भी काला रंग लगा दे फिर तो सब भी तेरे जैसे ही हो जाएंगे.
वह परिवार होली के त्यौहार के बारे में समझाने और इस कहानी से इतना अधिक प्रेरित हुआ कि उसने सौम्या को अपने देश में होली का त्योहार आयोजित करने के लिए बुलाया. उनका ऐसा मानना था कि इससे उनके देश में रंगभेद को खत्म करने में सहायता मिलेगी. इस घटना से सौम्या वर्धन का उत्साह पहले से कई गुना बढ़ गया.
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आज, सौम्या वर्धन ने अपने जीवन के दोनों उद्देश्यों को हासिल कर लिया है और उनके नाम कई पुरस्कार और नामांकन हैं, जैसे:
- फेमिना वुमन सुपर अचीवर अवार्ड
- भारत में 900 स्टार्टअप्स में से केवल 2 में से एक होने के नाते इक्विटी फ्री सीड फंडिंग से सम्मानित किया गया
- 2016 की डिजिटल महिला उद्यमी
- SheThePeople.TV . द्वारा भारत में डिजिटल स्थान को फिर से परिभाषित करने वाली शीर्ष 30 महिला उद्यमियों में विशेष रुप से प्रदर्शित
- सिलिकॉन वैली 40 अंडर 40 . के लिए नामांकन
वर्तमान समय में भारत के अलावा, Shubhpuja.com के ग्राहक रूस, अमेरिका से लेकर हांगकांग, सिंगापुर और यूके तक पूरे विश्व में फैले हुए हैं! और सौम्या के पास आने वाले समय के लिए और भी कई महत्वपूर्ण योजनाएँ हैं.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…