“काम वो है जो आपकी कमजोरी को चुनौती दे.”
SUCCESS STORY OF VISHAL GONDAL : क्या आप कल्पना कर सकते है की सोलह वर्ष की छोटी सी उम्र में एक और अधिकांश युवा या तो गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं या फिर अपने भविष्य के सपने देखने में लगे रहते हैं, लेकिन कुछ युवा ऐसे भी होते हैं जो इस उम्र में आते-आते ही अपनी सफलता के झंडे गाड़ चुके होते हैं.
ऐसी ही अनोखी ओर प्रेरणादायक कहानी है विशाल गोंडाल (VISHAL GONDAL) की. विशाल गोंडाल इंडियागेम्स लिमिटेड (Indiagames.ltd) के संस्थापक और सीईओ हैं. इंडियागेम्स लिमिटेड कंप्यूटर और मोबाइल के लिए गेम्स डेवेलप करता है.
VISHAL GONDAL का बचपन ओर सफलता का सफ़र
विशाल गोंडाल का जन्म 1976 में हुआ ओर इनका पूरा बचपन कंप्यूटर लैंग्वेजेज और बहुत सारी डिज़ाइनिंग टेक्निक्स को सीखते हुए बीता था. ओर आज उसी स्किल के दम पर वे न केवल एक इंटरप्रेन्योर होने के साथ-साथ एक इन्वेस्टर भी हैं. इसी के साथ वर्तमान समय में वे GOQii के संस्थापक और सीईओ भी हैं.
विशाल गोंडाल का इस फ़ील्ड में सफ़र तब शुरू हुआ जब वे खुद के द्वारा डिज़ाइन किया हुआ गेम लेकर पेप्सी के ऑफिस पहुंचे थे, उस समय वे अपनी इस मीटिंग के लिए बड़े ही उल्लासित भी नज़र आ रहे थे. उस समय उनके सपनों ने बहुत उड़ान भरी थी और उनके आँखों में अपने सुनहरे भविष्य के लिए बड़े अरमान नज़र आ रहे थे.
उन्होंने बहुत कम उम्र में एक कंप्यूटर गेम को डिज़ाइन किया था जो कि रचनात्मकता की दृष्टि से पूरी तरह से दूर था ओर विशाल गोंडाल को उस समय पेप्सी के मार्केटिंग हेड से मिलने के लिए घंटे भर तक का इंतजार करना पड़ा. शुरुआत में तो पेप्सी के मार्केटिंग हेड विशाल के द्वारा बनाये ‘व्हिम्सीकल गेम’ को लेकर बड़ी दुविधा में थे परन्तु जब उन्होंने विशाल के दृढ़ विश्वास को देखा तो उससे प्रभावित होते हुए उन्हें मिलने के लिए अपॉइंटमेंट दे दिया.
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5 लाख में ख़रीदा विशाल गोंडाल का गेम
विशाल गोंडाल के द्वारा उनकी कंपनी के लिए डिज़ाइन किए हुए गेम को देखने के बाद, कंपनी का सीनियर मैनेजमेंट विशाल गोंडाल से काफ़ी अधिक प्रभावित हुआ और उन्होंने विशाल के गेम को 5,00,000 रुपये में ख़रीद लिया. यह उनकी पहली बिज़नेस डील थी और इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. वे लगातार प्रोग्रामिंग की बुक्स को पढ़ते ओर उसी के साथ मोबाइल और कंप्यूटर गेम्स बनाने लगे.
इस टरह से उनकी मुंबई स्थित कंपनी सिर्फ़ पांच लोगों की छोटी सी टीम के साथ शुरू हुई थी और देखते ही देखते विशाल गोंडाल की मेहनत के दम पर वह पिछले कुछ सालों में ही गेमिंग कंपनी में देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.
“गेमिंग भारत में मनोरंजन करने के लिए सबसे प्रसिद्ध ओर सबसे अधिक प्रचलित साधन है. बॉलीवुड ने भी इस बात को बहुत गहराई से महसूस किया कि गेमिंग में बड़ी ताकत है. विशाल गोंडाल की कंपनी ने तीस मार खान जैसी मूवी के लिए भी गेम डेवेलप किया है.
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छोटे शहरों में गेमिंग का बढ़ता रुझान
भारत में 3G टेक्नोलॉजी आने से ब्रॉड बैंड के बेस में बहुत कम समय में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है और जिससे गेमिंग के नेटवर्क को बढ़ाने में काफ़ी ज़्यादा मदद मिली है. आजकल छोटे शहर भी अपने यहाँ पर इस गेमिंग कल्चर को लोग अपनाने में लगे हैं. हमारे देश में क्रिकेट और बॉलीवुड का क्रेज बहुत ज़्यादा है और कई गेम्स बनाने के पीछे भी इन्हीं से प्रेरणा मिली है.”
इंडियागेम्स लिमिटेड अपने ग्राहकों को मनोरजनज करने के लिए बहुत सारे मंच प्रदान करता है जैसे मोबाइल फ़ोन, आई पैड, सोशल गेमिंग और नेटवर्किंग साइट्स. यूटीवी, सिस्को और एडोबी ने भी इनकी बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए इनके वेंचर में इन्वेस्ट किया है. सोलह वर्ष की उम्र में शुरू किये इस वेंचर ने विशाल गोंडाल को अपनी आलोचना का सामना करना भी सिखाया है.
“जब मैंने गेमिंग बिज़नेस में जाने का फैसला लिया तब मेरे परिवार वाले सोचते थे कि मैं अपना समय बर्बाद कर रहा हूँ. मैं शुरू से ही गम्भीरता के साथ कहता आया हूँ कि मैं सही राह पर चल रहा हूँ. उन दिनों में बच्चों के माता-पिता चाहते थे कि बच्चे भी उन्ही के घिसे-पिटे व्यवसाय में ही जाएँ परन्तु मैंने कभी भी इस बात को अपनी सोच में शामिल नहीं किया. मैं इस बात में पूर्ण रूप से विश्वास करता हूँ कि कामयाबी के लिए आपको सदैव जोख़िम लेना चाहिए और उसी के साथ आपको अपने सपनों पर पूरा विश्वास होना चाहिए.”
— विशाल गोंडाल
विशाल गोंडाल की सबसे बड़ी बात यह है कि इन्होंने कभी भी किसी प्रकार की कंप्यूटर से संबंधित कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली है. अभी इन्होंने 2011 में अपने गेमिंग फर्म इंडियागेम्स डॉट कॉम को डिज्नी, UTV डिजिटल और द वाल्ट डिज्नी को 100 मिलियन डॉलर में बेचा है.
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विशाल गोंडाल की उपलब्धियाँ
2005 में मोबाइल इंटरटेनमेंट मैगज़ीन की सूची में विशाल गोंडाल का 50वां स्थान था. 2005 में इंडिया गेम्स, रेड हेरिंग एशिया के टॉप 100 कम्पनीज की सूची में भी शामिल था. इतना ही नही साल 2012 में टेक सर्किल डॉट इन में गोंडाल का नाम भारत के डिजिटल बिज़नेस में टॉप 25 प्रभावशाली लोगों में शामिल रह चुका है.
जिन लोगों के सपनों की उड़ान ऊँची होती है और विश्वास दृढ़ होता है वे समाज में पहले से चली आ रही घिसी-पिटी विचारधारा को तोड़ते हुए अपने दम पर कामयाबी की बुलंदी को छूते हैं. अक्सर देखा गया है कि लोग कामयाबी के दरवाज़े तक पहुंचने से पहले ही अपने विश्वास का साथ छोड़ देते हैं. जबकि इसके विपरीत जो लोग अपने विश्वास को अंत तक बनाये रखते हैं वही लोग आने वाली पीढ़ी के लिए एक उदाहरण बनते हैं.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…