“मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता क्योंकि आपकी कठिन मेहनत ही आपकी सफलता की कहानी लिखती है”
R. G. CHANDRAMOGAN SUCCESS STORY : आपको यह तो पता ही है की हमारा देश एक कृषि आधारित देश है जहा पर आज भी कुल आबादी का एक मुख्य हिस्सा कृषि से संबंधित कार्यों से ही जुड़ा हुआ है. हालांकि हमारे देश की ज्यादातर युवा पीढ़ी का रुझान कृषि से हटकर अन्य कार्य क्षेत्रों की ओर जा रहा है. यही कारण है की हर साल रोजगार की तलाश मे गाँव से शहर जाने वाले युवाओ की तादाद मे वृद्धि देखने को मिल रही है.
हालांकि पिछले 3 सालों मे कोरोना वायरस की वजह से की परिवार शहरों को छोड़कर गाँव की ओर भी आए है. आज हम एक ऐसे ही इंसान के सफलता की कहानी लेकर आए है जिन्होंने मात्र 13000 रुपये से शुरुआत करते हुए अपनी मेहनत ओर लगन के दम पर 13000 करोड़ से अधिक की एग्रो कंपनी खड़ी करते हुए गाँव से शहरों की ओर पलायन करने वाले युवाओ के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है.
आरजी चंद्रमोगन (R. G. CHANDRAMOGAN) की इस कहानी से हम आपको यह समझाने का प्रयास करेगे की आज भी अगर कोई व्यक्ति मेहनत करने को तैयार है तो देश के कृषि क्षेत्र मे अपार संभावनाए छिपी हुई है. बस आपको जरूरत है उन संभावनाओ को पहचानने की ओर उसे अवसर मे बदलने की. तो जानते है आज के समय मे करोड़ों का टर्नओवर करने वाली देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की डेयरी कंपनी बनाने वाले इस व्यक्ति की प्रेरणादायक कहानी के बारे मे.
R. G. CHANDRAMOGAN का जन्म ओर घर के आर्थिक हालात
वर्तमान समय मे हटसन एग्रो की आधारशिला रखने वाले आरजी चन्द्रमोगन किसी भी प्रकार के परिचय के मोहताज नहीं हैं. चंद्रमोगन का जन्म तमिलनाडु राज्य के थिरुथंगल नामक जगह में एक बेहद ही गरीब नादर परिवार में हुआ था. इन्होंने अपने घर की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए अपनी कम उम्र में ही पढ़ाई से नाता तोड़ लिया. इन्होंने अपने घर के अति-दयनीय आर्थिक हालातों को देखते हुए अपने बचपन से ही कुछ भी ओर कैसे भी कमाने के स्त्रोत ढूँढने शुरू कर दिए.
13000 रुपये से शुरू की कंपनी
चंद्रमोगन की जिंदगी मे कई सालों निरंतर यह सिलसिला यूँ ही चलता रहा. किन्तु इनके इतने प्रयासों के बावजूद बदलते समय के साथ इनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने की बजाय गिरती ही चली गई. खराब आर्थिक हालातों के आगे हार नहीं मानते हुए अंत में इनके परिवार ने अपनी सारी संपत्ति मात्र 13,000 रुपए में बेच दी. इसके बाद इन्होंने इन्ही रुपयों से वर्ष 1970 में आरजी चंद्रमोगन एंड कंपनी की शुरूआत की.
चंद्रमोगन द्वारा इनकी कंपनी की शुरुआत एक कृषि फर्म के रूप में हुई थी. इन्होंने अपनी शुरुआत मे मवेशियों को पालने का काम शुरू किया था. इन्होंने उस समय महज चंद गाय से इस बिजनस शुरुआत की ओर इनकी मेहनत ओर मवेशियों के बारे मे जानकारी से फर्म साल दर साल बड़ी होती चली गई. चन्द्रमोगन इन गायों से दूध निकालते ओर फिर उसे डेयरी तक पहुँचाया करते थे.
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हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड की स्थापना
चंद्रमोगन की जिंदगी मे यह सिलसिला 16 वर्षों तक लगातार चलता रहा. गुजरते वक्त के साथ धीरे-धीरे इनके पास मवेशियों की संख्या बढ़ती ही चली गई और इससे इनके यहा पर ओर अधिक मात्रा में दुग्ध उत्पादन होने लगा. अधिक गायों ओर उनके दूध के उत्पादन से प्रेरित होकर इन्होंने खुद की एक डेयरी फर्म खोलने का फैसला लिया ओर इस तरह से वर्ष 1986 में, इन्होंने आरजी चंद्रमोगन एंड कंपनी को ‘हटसन एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड (hatsun agro product Ltd)’ के रूप में स्थापित किया.
उन्होंने डेयरी की स्थापना के बाद सबसे पहले तमिलनाडु राज्य में ताजे और स्वच्छ दूध की सप्लाई करना शुरू किया. कुछ समय बाद इन्होंने अरोक्या और गोमाथा नाम से अपनी कंपनी के दो दूध ब्रांडों को बाजार में पेश किया ओर अच्छी गुणवत्ता के कारण इन्होंने कुछ ही वर्षों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों मे अपनी पैठ जमा ली.
इस तरह से 2003 तक बढ़ते हुए इनकी कंपनी से हर दिन 6.25 लाख लीटर दूध की बिक्री होना शुरू हो गई, इस दौरान इनकी कंपनी मे सिर्फ चेन्नई से ही रिकॉर्ड 1.55 लाख लीटर की बिक्री हुई. बाद मे वक्त के साथ ग्राहकों की बढ़ती जा रही मांग को पूरा करने के लिए इनकी कंपनी ने कर्नाईपुरम, सलेम और मदुरै में अपने कारोबार का विस्तार करते हुए यहा पर भी अपनी डेयरी यूनिट बनाई.
हटसन एग्रो ने कुछ सालों पहले ही चेन्नई में अपना एक हजारवाँ रिटेल आउटलेट शुरू किया है. इस तरक्की से उत्साहित होते हुए हटसन एग्रो द्वारा जारी अधिकारिक बयान में कहा गया कि उनकी कंपनी की आगे की योजना अगले एक साल में रिटेल आउटलेटस की संख्या तीन गुना करने की है.
भारत के 100 सबसे अमीर मे शामिल
चंद्रमोगन की कंपनी ने पिछले 5 वर्षों में अपना कारोबार की गुना बढ़ा दिया है इसी के साथ इनकी कंपनी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डेयरी कंपनी बन गई है. बाद मे प्रतिदिन 1 मिलियन लीटर दूध बेचते हुए चंद्रमोगन की कंपनी ने आइसक्रीम सेक्टर में भी कदम रखा. आज उनकी अरुण आइसक्रीम कंपनी दक्षिण भारत में एक बहुत ही लोकप्रिय आइसक्रीम ब्रांड के रूप मे स्थापित है.
आज इनकी कंपनी के देश मे 1000 से अधिक एक्सक्लूसिव आइस क्रीम पार्लर भी हैं. मई 2008 में इन्होंने शुरुआत मे सेशेल्स में प्रति दिन 3000 लीटर की क्षमता वाला आइसक्रीम संयंत्र स्थापित किया और उसके बाद फिर फिजी में एक और संयंत्र लगाया. इनकी यह कंपनी आज के समय शेयर बाज़ार में भी सूचीबद्ध है तथा इसका मौजूदा मार्केट केप भी कई करोड़ों मे है.
मात्र 13,000 रुपये से शुरुआत करते हुए आज देश मे अपने एक विशाल उद्यम की स्थापना करने वाले चंद्रमोगन जी से हमें भी काफी कुछ सीखने को मिल सकता है. आज चंद्रमोगन की दौलत पहले से कई गुना बढ़कर 1.3 बिलियन डॉलर यानी 9600 करोड़ रुपये हो गई है, इसी के साथ वे भारत के टॉप 100 सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बन गए.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…