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PNC MENON : घर से निकलते वक्त जेब मे थे 50 रुपये, आज हैं 10,000 करोड़ की कंपनी के मालिक

“मुश्किल के समय में सबसे आसान विकल्प है हार मान लेना और अपनी किस्मत को दोष देना, लेकिन ऐसे लोग हैं जो सबसे बुरे में से सबसे अच्छा बनाते हैं.”

PNC MENON SUCCESS STORY : आज की कहानी भारत के दिग्गज कारोबारी पी.एन.सी मेनन (P.N.C. MENON) के जीवन से जुड़ी है जिन्होंने अपने जीवन मे तमाम विपरीत परिस्थितियों का डटकर सामना करते हुए सफलता की अपनी इबादत लिखी ओर अपनी मेहनत के दम पर सोभा लिमिटेड (SOBHA LIMITED) को 10,000 करोड़ रुपये मार्केट वैल्यू तक पहुचा दिया. 

मेनन ने अपने बचपन से ही मुश्किल हालातों का सामना किया है ओर जब वे केरल से ओमान के लिए निकले तो उनकी जेब मे मात्र 50 रुपये थे. किन्तु इसके अलावा उनके साथ उनका आत्मविश्वास ओर कभी न हार मानने वाली सोच भी थी. ओर इसी सोच ने उन्हे हर विपरीत हालातों का डट कर सामना करने की हिम्मत ओर हौंसला दिया. चलिए जानते है पी.एन.सी. मेनन के संघर्ष से लेकर सफलता के सफर के बारे मे.

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PNC MENON का बचपन ओर विपरीत आर्थिक हालात

पी.एन.सी मेनन का जन्म 12 दिसंबर 1948 को केरल मे हुआ था. उनके पिता त्रिशूर में व्यवसाय करते थे, इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई त्रिशूर से ही की. मेनन जब दस वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था. पिता की अचानक मृत्यु के बाद उनके परिवार को बहुत सामाजिक और आर्थिक दुश्वारियों का सामना करना पड़ा.

इसी के साथ कमाई का साधन नहीं होने के कारण उनके घर की स्थिति भी धीरे-धीरे और नीचे जा रही थी और उनके पास अपनी पढ़ाई के लिए फीस भरने के पैसे निकालना तक मुश्किल हो रहा था. तमाम विपरीत हालातों के बावजूद उन्होंने स्कूल की शिक्षा पूरी की और बी.कॉम करने के लिए त्रिसूर के ही एक लोकल कॉलेज में दाखिला ले लिया.  

उन्होंने किसी तरह कॉलेज मे दाखिला तो ले लिया किन्तु घर की दयनीय स्थिति के कारण उनके लिए कॉलेज की फीस देना भी असंभव था.  ऐसे हालात मे उन्हें अपनी कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी. आर्थिक हालात खराब होने के कारण पैसे कमाना उनकी जरुरत और मज़बूरी दोनों बन गयी थी. दो वक्त के भोजन के जुगाड़ के लिए इन्होंने छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया.

बचपन से ही हर क्षेत्र मे तेज होने के कारण बिना किसी औपचारिक शिक्षा ही मेनन ने छोटे स्तर पर डिज़ाइनिंग का काम शुरू कर दिया था. इन्होंने वक्त के साथ अपनी क्षमताओं को विकसित करते हुए उच्च-स्तरीय इंटीरियर डेकोरेटर और सिविल का काम शुरू कर दिया. उनकी क्षमता और कड़ी मेहनत के बावजूद भी उन्हें किसी प्रकार का संतोषजनक कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल रहा था. किन्तु तमाम बाधाओं को चुनौती देते हुए उन्होंने इस व्यवसाय के बारे में ज्यादा गहराई से सीखना जारी रखा.

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अजनबी के कहने पर किया ओमान का रुख

भाग्य हमेशा ही बहादुरों का साथ देती है और यह कहावत मेनन के साथ भी चरितार्थ हुई ओर काम के दौरान ही एक दिन उनकी मुलाकात एक शख्स से हुई ओर उसने उन्हें ओमान आ कर काम करने का न्योता दिया. इस तरह से एक अनजान व्यक्ति के कहने पर अनजान शहर में जाना कोई छोटी बात नहीं है, लेकिन इसके बावजूद मेनन ने यह रिस्क लिया. लेकिन मेनन के लिए ओमान का सपना इतना भी आसान नहीं था. उन्होंने ओमान जाने का सोच तो लिया किन्तु टिकट के पैसों का इंतज़ाम करना उनके औकात से बाहर की बात थी.

किसी तरह से उन्होंने टिकट के पैसे किए ओर टिकट और हाथ में 50 रुपये लेकर ओमान के लिए रवाना हो गए हालांकि उनका यूं बिना पैसों के ओमान जाना किसी ख़ुदकुशी से कम नहीं था. परंतु ऐसा कहा जाता है कि जिनकी इच्छा असामान्य उपलब्धियों को हासिल करना होता है, वे असामान्य चुनौतियों का सामना करने के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं. मेनन भी उन्ही असामान्य लोगों में से एक थे.

अनिश्चितताओं से भरे हालात के बावजूद अपने साहस और विश्वास के साथ मेनन ओमान पहुँच गए. किन्तु ओमान उनके लिए एक सर्कस से कम नहीं था. ओमान की अनजान संस्कृति, पराई भाषा और विकसित समाज की तिकड़ी उनके लिए सबसे बड़ी मानसिक चुनौती के रूप में तैयार खड़ी थी. ओमान का वातावरण ओर भोजन भी उन्हें शारीरिक रूप से तोड़ रही थी.

सफल लोगों में चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता उनके जन्म से ही होती है. ओमान एक विकसित देश है परंतु वहां की जलवायु के कारण लोगों की कार्यक्षमता कम होती है किन्तु मेनन ने इस कमजोरी को मात देते हुए वहा के लोगों को असामान्य रूप से कम समय में उनके काम को पूरा करने की पेशकश की. उनकी यह पेशकश वहा के लोगों को पसंद आई और जल्द ही ओमान मे उनके बहुत सारे बिज़नेस कांटेक्ट बन गए.

मेनन ने ओमान मे बैंक से लोन लेते हुए सड़क के किनारे एक छोटे स्तर पर इंटीरियर्स और फिट-आउट्स की एक दुकान खोल ली. बचपन से ही परफेक्शनिस्ट और मेहनती मेनन के काम के कारण उनकी गुणवत्ता की चर्चा होने लगी और धीरे-धीरे उनके ग्राहक बनने शुरू हो गए.

 “मैं अपने स्वभाव से खाली बेठने वाला व्यक्ति नहीं हूँ। इसलिए मैंने कभी भी वीकेंड्स पर छुट्टी नहीं ली। जो भी व्यक्ति अपने तरीकों से काम करके ऊंचाइयों तक पहुचते है वे हमेशा जो हासिल कर चुके हैं; उसके लिए असुरक्षित महसूस करते हैं” — मेनन

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ओमान मे शुरुआती संघर्ष

मेनन के लिए ओमान मे शुरुआती समय संघर्षों से भरा था और इस दौरान वह सदैव पैसे कमाने के प्रयास में लगे रहे. ओमान मे जहा दूसरे ठेकेदार एयर कंडिशन्ड कारों मे शान-ओ-शौकत के साथ अपना जीवन जी रहे थे, वही इसके विपरीत मेनन इस ओमान की गर्मी में भी पैसे बचाने के लिए सामान्य सी गाड़ी में सफर करते थे. उन्होंने शुरुआती समय मे लगभग 175000 किलोमीटर की दूरी इसी तरह से साधारण कारों में सफर करते हुए तय की थी.

मेनन के लिए संघर्ष का समय लंबा था ओर उनका यह कठिन दौर महीने से सालों में तब्दील होता गया ओर लगभग आठ सालों बाद उन्हे बिज़नेस के लिए किसी बड़े ग्राहक से कॉन्ट्रैक्ट मिला था. मेनन ने अपने इस फर्म का नाम अपनी पत्नी के नाम पर शोभा लिमिटेड रखा.

मेनन ने अपने अच्छे काम के कारण ही बहुत सारे होटल्स, महलनुमा घर के साथ खाड़ी देशों में रॉयल परिवारों के घर और भारत में भी बहुत सी आवासीय परियोजनाओं को समय पर पूर्ण किया. मेनन इनफ़ोसिस के लिए भी विश्व की सबसे बड़ी कॉरपोरेट ट्रेनिंग सेंटर डिजाईन कर चुके है ओर उनके अच्छे काम को देखते हुए स्वयं नारायण मूर्ति उनसे मिले और उन्हें उनके द्वारा किए अभूतपूर्व काम की बधाई भी दी.

मेनन का नाम फोर्ब्स की लिस्ट मे भी शामिल हो चुका है ओर वर्ष 2016 में फ़ोर्ब्स ने उनकी संपत्ति 10,801 करोड़ आंकी थी. इसके अलावा मेनन ने वर्ष 2013 में वे अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा बिल गेट्स की चैरिटी को दान कर दिया था.

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पी.एन.सी मेनन को मिले पुरस्कार और सम्मान (Awards and honours)

  • 2009: Pravasi Bharatiya Samman, by the Government of India.
  • 2012: Special Recognition for “Dedicated Service to Civil Engineering and the Construction Industry” – Civil-Aid Techno Clinic Pvt. Ltd.
  • 2013: Lifetime Achievement Award, from NDTV
  • 2013: 4th Rank in Top 100 Indians in UAE by Forbes
  • 2013: Business Man of the Year from State Forum of Bankers Clubs Kerala
  • 2014: Excellence in Business Award for corporate Social Responsibility by The Times of India
  • 2014: Featured among top businessmen on Faces of UAE https://facesofuae.com/faces/pnc-menon (formerly Faces of Dubai)
  • 2014: Malayalee Business Achiever Award from Pegasus Group
  • 2014: Dhanam Lifetime Achievement Award from Business Magazine Dhanam
  • 2014: Golden Peacock Lifetime Achievement Award for Business Leadership from Golden Peacock Awards
  • 2015: Management Leadership Excellence Award from Calicut Management Association 2015: Arabian Indian Czar Award from News Channel Times Now

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तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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