International Yoga day 2022 : भारत ने पूरी दुनिया को योग के बारे में बहुत कुछ सिखाया है और आज से ही नहीं बल्कि लंबे समय से भारत के महान योग गुरुओं द्वारा इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं.
आज 21 जून को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है. भारत के द्वारा पहल करने के बाद ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पहचान मिली है. इस दिन पूरी दुनिया भर में योग दिवस मनाया जाता है.
आज पूरे संसार में योग काफी चलन में है और भारत ने इसका सबसे ज़्यादा प्रसार किया है. भारत में आज से ही नहीं, कई सालों से योग गुरु योग का प्रचार प्रसार करते आ रहे हैं. आज जानते हैं उन गुरुओं के बारे में जिन्होंने योग का प्रचार किया.
स्वामी शिवानन्द
शिवानंद का जन्म तमिलनाडु के अप्यायार दीक्षित वंश में हुआ, इन्होंने संन्यास के बाद अपना जीवन ऋषिकश में व्यतीत किया. वे वेदान्त के आचार्या, योगाचार्य और दार्शनिक थे. उन्होंने योग से जुड़े विषयों पर 296 किताबें लिखी थीं.
बीकेएस अयंगर
बीकेएस अयंगर का पूरा नाम बेल्लूर कृष्णमाचार सुंदरराजा अयंगर था. इन्होंने पतंजलि के योग सूत्र के आधार पर पूरी दुनिया को अयंगर योग का ज्ञान दिया. इसी के साथ ही उन्होंने योग की कला को पूरी दुनिया में फैलाया. 1966 में उन्होंने योग पर एक किताब ‘लाइट ऑन योग’ लिखी थी. उनकी अयंगर शैली को 60 देशों में पहचान मिली.
कृष्ण पट्टाभि
के. पट्टाभी जोईस का जन्म 1915 में कर्नाटक के हासन जिले में हुआ था. इन्हें आष्टांग विन्यास योग के लिए जाना जाता है और उन्होंने इस विशेष योग शैली का विकास किया था.
परमहंस योगानंद
परमहंस योगानंद ने पश्चिम के लोगों को मेडिटेशन और क्रिया योग के बारे में जागरूक किया. उन्होंने अपना अधिकतर समय अमेरिका में गुजारा और योग का विदेश में भी प्रचार किया.
तिरुमलाई कृष्णमचार्य
तिरुमलाई कृष्णमचार्य को हठयोग और विन्यास को पुनर्जीवित करने का श्रेय जाता है. योग गुरु तिरुमलाई कृष्णमचार्य आधुनिक योग के पिता हैं.