AMAZING FACTS ABOUT HYPERYACHT : इटली की कंपनी लज्जारिनी डिजाइन स्टूडियो (Lazzarini Design Studio) ने अपनी 88 फुट लम्बी हाइपर याट से पर्दा उठाते हुए इसे ‘फेरारी ऑफ द सी’का नाम दिया गया है. जानिए, 75 करोड़ रुपये वाली इस हाइपर याट (hyperyacht) की खासियतो के बारे मे…
इटली की कंपनी लज्जारिनी डिजाइन स्टूडियो (Lazzarini Design Studio) ने अपनी 88 फुट लम्बी हाइपर याट से पर्दा उठा दिया है. इस याट को ‘फेरारी ऑफ द सी’ (Ferrari of the seas) का नाम दिया गया है. कंपनी के कहे अनुसार, यह हाइपर याट कई मायनों में दूसरी याट से खास है. इस याट मे सुपरकार को पार्क करने के लिए गैरेज भी दिया गया है. चलिए जानते है, 75 करोड़ रुपये वाली इस हाइपर याट (hyperyacht) की क्या-क्या खासियते हैं…
इस हाइपर याट के महंगे होने की के पीछे है इसमें मौजूद सुविधाएं. याट में 4 बेडरूम के साथ मे किचन और क्रू के लिए केबिन भी दिया गया है. डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, याट के पिछले हिस्से में कार रखने के लिए गैराज भी है. इस याट मे बैठने के लिए यात्री बीच के हिस्से से प्रवेश करते हैं, इसका एक हिस्सा याट के ऊपरी और एक हिस्सा इसके लोअर केबिन में खुलता है.
याट के लोअर केबिन में लिविंग रूम है. लिविंग रूम के साथ ही किचन को अटैच किया गया है. इसमें दिए गए बेडरूम में 3 से 4 मेहमान बड़े ही आराम से रुक सकते हैं. याट मे दो क्रू मेम्बर के लिए भी एक बेडरूम अलग से दिया गया है. यह सब कुछ याट के बुनियादी डिजाइन का हिस्सा है. इस याट को खरीदने के बाद अगर मालिक चाहे तो इसकी डिजाइन में बदलाव करवा सकता है.
इस याट के ऊपरी हिस्से में भी लिविंग एरिया तैयार किया गया है. इस याट के कैप्टन का केबिन भी इसी हिस्से में है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस याट को तैयार करते समय कई बातों का ध्यान रखा गया है. जैसे- सुमुद्र की लहरों पर शानदार सफर का अनुभव देने के साथ ही इसमे लग्जरी सुविधाएं देना इसकी प्रमुख प्राथमिकता में शामिल है. इसी के मुताबिक ही इसे तैयार किया गया है.
यह याट रफ्तार के मामले में भी काफी तेज है. यह सुपर याट 37 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकती है. यह याट 6600 ब्रेक-हॉर्सपॉवर वाले इंजन से लैस है ओर इसका वजन 22 टन है. इसकी डिजाइन तैयार करने वाली कंपनी का कहना है कि यह याट तेज स्पीड में भी यात्रियों को कंफर्ट का पूरा अहसास कराती है.
यह भी पढे : AMAZING FACTS ABOUT PIZZA BOX : पिज्जा गोल होता है लेकिन इसके डिब्बे चौकोर क्यों बनाए जाते हैं?