“Success की सबसे खास बात है की, वो मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है I”
IAS SHRUSHTI JAYANT DESHMUKH SUCCESS STORY : सृष्टि जयंत देशमुख (IAS SHRUSHTI JAYANT DESHMUKH) मध्यप्रदेश, भोपाल की रहने वाली है ओर इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा भी यही से प्राप्त की. अपने बचपन से ही सृष्टि अन्य बच्चों के मुकाबले मे अलग थी, जहा एक ओर दूसरे बच्चे खेल कूद मे व्यस्त रहते है वही उन्होंने अपने बचपन मे ही सोच लिया था की उन्हे बड़े होकर एक आईएएस ऑफिसर ही बनना है.
सृष्टि ने अपने बचपन मे सपना तो देख लिया किन्तु उस समय उन्हे यह समझ नहीं थी की वो अपने इस सपने को पूरा कैसे करेगी ओर उसे इसके लिए किस स्तर पर तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि यूपीएससी देश की सबसे ज्यादा कठिन ओर प्रतिष्ठित परीक्षा है जिसके लिए दुनिया से हटकर कड़ी मेहनत के साथ तैयारी करनी होती है.
सृष्टि की सबसे खास बात यह है की उन्होंने कभी भी अपने मन मे यह नहीं आने दिया की वह एक ऐसी परीक्षा की तैयारी कर रही ही जो की इतनी कठिन है जिसमे हर साल लाखों लोग परीक्षा के लिए बेठते है किन्तु इनमे से कुछ किस्मत वाले लोग ही इसे पास कर पाते है. वे हमेशा सकारात्मक नजरिए के साथ इस परीक्षा की तैयारी करती रही.
नकारात्मक (NEGATIVE) लोगों से दूरी रखे
यूपीएससी परीक्षा मे पास होने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया की आप तैयारी के समय किन लोगों के साथ अपना समय गुजारते है यह बात आपकी परीक्षा की तैयारी ओर आपके मोटिवेशन को बहुत हद तक प्रभावित करती है. उन्होंने आगे बात करते हुए बताया की आपको नकारात्मक द्रष्टिकोण वाले लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए ओर हो सके तो इनसे अपने जीवन से हमेशा के लिए दूर कर दीजिए.
ऐसे लोग दूसरे की एनर्जी को भी नेगेटिव कर देते है ओर आपको हर कदम पर रोकने मे लगे रहते है इन्हे हर बात मे कमी ही दिखाई देती है ओर यह आपको कहेगे की यह काम तो आपके बस का है ही नहीं, इन लोगों की काही हुई बातों का आपके दिमाग पर बड़ा गहरा असर होता है ओर आप भी नेगेटिव सोचने लग जाते है.
ओर इस प्रकार आप अपनी भविष्य की सफलताओ को हमेशा के लिए अपने से दूर कर लेते है. क्योंकि एक बार अगर आपके दिल ने यह मान लिया कि यह काम आपसे नहीं होगा तो उसके बाद आप चाहे कितनी भी मेहनत कर लो वह सच में ही आपसे नहीं होगा.
IAS SHRUSHTI JAYANT DESHMUKH ने इंजीनियरिंग के साथ की यूपीएससी की तैयारी
सृष्टि जयंत ने इंजीनियरिंग के तीसरे साल में यह महसूस किया की वे अपनी सारी जिंदगी इंजीनियर बनकर एक साधारण नौकरी के साथ अपना पूरा जीवन नहीं बिता सकती. इस जिंदगी की भागदौड़ मे उनका बचपन का सपना कहीं खो गया था.
अब उनके अपने उस सपने को साकार करने का वक्त आ चुका था. इस सोच के साथ सृष्टि ने इस पर कार्य शुरू करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी मे जुट गई.
सृष्टि की फैमिली (IAS SRUSHTI JAYANT DESHMUKH FAMILY)
परीक्षा की तैयारियों के दौरान उनके घर वालों ने भी इनका साथ दिया ओर वे अपने परिवार के सहयोग के बारे मे कभी नहीं भूलती. सृष्टि का कहना हैं कि उन्हे अपने घर से हर संभव मदद मिली. उनकी मां भी एक टीचर हैं ऐसे मे उन्होंने कभी उनसे यह नहीं पूछा कि वे क्या कर रही है, क्यों कर रही है ओर कैसे कर रही है, उन्होंने केवल उनका साथ दिया.
सृष्टि के पिता, इंजीनियर थे उन्होंने भी सृष्टि को हमेशा उनकी तैयारियों के लिए एक हेल्दी एनवायरमेंट देने की कोशिश की. सृष्टि का एक छोटा भाई भी है जो हमेशा उनके हर प्रकार के पलों में उनके साथ शामिल रहा. घर वालों के इस सहयोग ओर अपने ऊपर अटूट विश्वास के साथ सृष्टि ने दिन-रात एक करते हुए तैयारी करना शुरू कर दिया.
सृष्टि ने इंजीनियरिंग के साथ पास की यूपीएससी
अपनी इंजीनियरिंग के आखिरी साल मे सृष्टि का ज्यादा फोकस यूपीएससी की परीक्षा पर ही राहत था. इंजीनियरिंग के आखिरी साल के बावजूद वे अपना अधिकतम समय और एनर्जी यूपीएससी की तैयारी में लगाती थी. जब उनके इंजीनियरिंग के सेमेस्टर के एग्जाम पास आ जाते थे तो वे उस वक्त एक से डेढ़ महीने तक उसकी पढ़ाई करने लगती थी.
यहां सृष्टि की सबसे अच्छी ओर तारीफ करने लायक बात यह है कि जहां कुछ कैंडिडेट एक बार में एक परीक्षा भी पास नहीं कर पाते, वहीं सृष्टि ने एक साथ दो नावों की सवारी की. परंतु कमाल का तो यह था की सृष्टि का बैलेंस दोनों नावों पर था ओर दो नावों में पैर रखने के बावजूद सृष्टि डूबी नहीं बल्कि ऐसी तैराकी की जैसा की लाखों लोगों का सपना होता है.
यूपीएससी जैसी सबसे कठिन परीक्षा के बीच-बीच में इंजीनियरिंग को भी समय देना कठिन ही नहीं बल्कि असंभव भी होगा. ऐसे मे सृष्टि ने कितना डेडिकेशन रखा होगा, ओर अनुशासन के साथ मे हार्डवर्क किया होगा ओर इसी वजह से वे मंजिल तक पहुंच पायी.
सोशल मीडिया से दूरी बनाई ओर मेडिटेशन का सहारा लिया
सृष्टि के अनुसार मेहतन तो सभी लोग करते हैं लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है की तैयारी कर रहे कैंडिडेट का मेंटल लेवल कैसा है. जिस अभ्यर्थी का दिमाग जितना शांत और सही दिशा में होगा उसे उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा. आपको अपनी ऊर्जा को सही दिशा में खर्च करना चाहिए.
एक साथ दो-दो विषयों की पढ़ाई करने के दौरान सृष्टि को बैलेंस बनाने में मेडिटेशन ने बहुत मदद की. वे मेडिटेशन को व्यक्ति के फिजिकल और मेंटल फिटनेस की सफलता के लिये बहुत जरूरी मानती हैं. इसके अलावा वे दो टिप्स देते हुए कहती है, सिविल सर्विसेस की तैयारी में आकी कंसिसटेंसी और फेथ सबसे ज्यादा जरूरी है.
अभ्यर्थी को ऐसा नहीं करना चाहिए कि एक दिन सात-आठ घंटे पढ़ लिया फिर अगले दिन दो घंटे ही पढ़ाई की या फिर स्किप कर दिया. आप अपनी क्षमता के अनुसार पढ़ाई के घंटे तय करे, ओर हर दिन उतने घंटे रोज़ पढ़ें, आपको इस परीक्षा को पास करने के लिए इसी कंसिसटेंसी की जरूरत होती है और दूसरी अहम बात है विश्वास की, आपको कोई कुछ भी कहे किन्तु आप अपने ऊपर विश्वास रखें.
सृष्टि ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान खुद का ध्यान भटकने से बचाने के लिये तैयारी की शुरुआत करने से पहले ही अपने सभी सोशल मीडिया एकाउंट्स डिलीट कर दिये थे. उन्होंने तैयारी के लिए ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया इस तरह उन्होंने खुद को डिस्ट्रैक्ट होने से बचाने के लिये यह कदम उठाया.
लाखों से नहीं है आपकी प्रतियोगिता बल्कि खुद से है
सृष्टि के अनुसार परीक्षा की तैयारी करते समय एक अभ्यर्थी को दो बातों को अपने दिमाग में बैठा लेना चाहिए, एक तो यह कि कैंडिडेट्स को अक्सर लगता है कि कांपटीशन तगड़ा है, ओर लाखों स्टूडेंट्स परीक्षा में बैठते हैं, ऐसे मे एक बात जान लीजिये कि जो लाखों स्टूडेंट्स परीक्षा में बैठते हैं, उन्मे से अधिकतर परीक्षा को लेकर गंभीर नहीं होते. उनमें से जितने गंभीरता के साथ परीक्षा दे रहे हैं, आपका आपका कांपटीशन केवल उन्हीं से है तो तैयारी से पहले आंकड़ों से डरना बंद कर दें.
दूसरी बात यह ध्यान रखें कि अपने मन को यह समझाए कि आपका पहला अटेम्पट ही आखिरी है. अब आपको आगे फिर इस परीक्षा की तैयारी का मौका नहीं मिलेगा. आप कभी भी परीक्षा का स्तर देखने या परीक्षा को समझने के लिहाज से एग्जाम में न बैठें.
आप इस तरह से तैयारी करे ओर परीक्षा दें जैसे की आपके लिए बस यही पहला और आखिरी मौका है, ओर आपको इसी में प्रयास मे सफलता हासिल करनी है. हा आप यह जरूर कर सकते हैं कि तैयारी में अच्छा समय दें और जब अपनी तैयारी से संतुष्ट हों तभी परीक्षा देने जायें.
सृष्टि ने हासिल की ऑल इंडिया रैंक 5
साल 2018 में सृष्टि ने इंजीनियरिंग की अपनी परीक्षा भी पास की और साथ ही ऑल इंडिया रैंक 05 के साथ ही अपनी यूपीएससी परीक्षा भी. साथ ही उन्होंने महिलाओं में टॉप किया था. सृष्टि का सफर हमे यह बताता है कि व्यक्ति शांत मन और अपने डर को दूर भगाकर अगर अपनी पूरी एकाग्रता से कोशिश करे तो वह सफलता हासिल कर सकता है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…