NIKESH ARORA SUCCESS STORY : हर व्यक्ति अपनी जिंदगी मे सफलता के ऊंचे पायदान पर पहुचने का सपना जरूर देखता है ओर इसके लिए अपना पूरा प्रयास भी करता है किन्तु इनमे से कुछ लोग ही भाग्यशाली होते है जो की असल जिंदगी मे उन बुलंदियों को हकीकत मे छु पाते है. अक्सर ऐसे लोग हमारे ओर आपके जैसे लोगों के लिए एक मिसाल बन जाते है.
निकेश अरोरा (NIKESH ARORA) भी उन्ही कुछ भाग्यशाली लोगों मे से एक है जो हमारे जैसे लोगों को अपने जीवन मे आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते है. इन्होंने अपनी जिंदगी मे कभी भी हार नहीं मानी ओर हर परिस्थिति का डटकर सामना करते हुए आज उस मुकाम को छु लिया जहा तक पहुचने का सपना हर सफल व्यक्ति भी देखता है.
ऐसा नहीं है की निकेश को यह सफलता आसानी से मिल गई बल्कि इनकी जिंदगी मे एक वक्त तो ऐसा भी आया जब इन्हे जॉब पाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी ओर आज वे दुनिया के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले कुछ चंद लोगों मे शामिल है.
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NIKESH ARORA का बचपन ओर EDUCATION
निकेश अरोरा का जन्म गाजियाबाद मे एक वायुसेना अधिकारी के घर पर हुआ था. इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1989 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बीएचयू से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद इन्होंने सिर्फ 21 वर्ष की आयु में ही आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका का रुख किया और वहा की विश्वप्रसिद्ध यूनिवर्सिटी नार्थईस्टर्न विश्वविद्यालय से अच्छे अंकों के साथ सफलतापूर्वक अपनी एमबीए की डिग्री हासिल की.
किन्तु एक अच्छी यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने के बावजूद भी निकेश का शुरूआती सफ़र बिलकुल भी आसान नहीं रहा. अपने शुरुआती सफर के बारे मे बताते हुए एक साक्षात्कार में, निकेश ने कहा कि उन्हें अपने शुरुआती समय मे अनेकों कंपनियों ने जॉब के लिए ख़ारिज कर दिया था और उस स्थिति मे जिंदगी जीने के लिए उनके पास पिता द्वारा दिए हुए मात्र 200 डॉलर ही एकमात्र सहारा था.
वर्ष 1992 से निकेश अरोरा ने भरी सफलता की उड़ान
साल 1992 इनके लिए खुशिया लेकर आया ओर इन्हे फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स में किसी प्रकार से जॉब मिल गई. यहाँ इन्होंने स्वयं को साबित करते हुए शीर्ष वित्त और प्रौद्योगिकी प्रबंधन पोर्टफोलियो आयोजित किए. बाद में इनके अच्छे काम को देखते हुए वहा पर ही उपाध्यक्ष बना दिया गया. इन्होंने वहा पर कुछ वर्षों तक तो काम किया किन्तु बाद मे टेलीकॉम सेक्टर में घुसने का फैसला करते हुए साल 2001 में टी-मोबाइल इंटरनेशनल डिवीजन के प्रमुख विपणन अधिकारी के रूप में कार्य किया.
बाद मे साल 2004 में इन्होंने गूगल कंपनी को जॉइन किया और इसके यूरोपियन ऑपरेशंस की अगुवाई भी की. इनका गूगल ज्वाइन करने का इरादा इनके लिए बेहद अच्छा साबित हुआ और इसके बाद इन्होंने फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कुछ सालों तक गूगल मे काम करने के बाद अच्छे काम के चलते साल 2011 में इन्हे कंपनी के चीफ बिजनस ऑफिसर के तौर पर पदोन्नति मिली और इस तरह वे उस वक्त के गूगल में सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाले अधिकारी बन गये.
GOOGLE के लिए खोले नई विज्ञापन बाजार
निकेश अरोड़ा ने गूगल में काम करते हुए उस वक्त कंपनी के नए विज्ञापन बाज़ार खोलने के साथ ही कंपनी के विज्ञापन राजस्व में वृद्धि को लेकर भी कई महत्वपूर्ण ओर सकारात्मक कदम उठाये. उस समय इन्होंने प्रदर्शन विज्ञापनों से और अधिक राजस्व प्राप्त करने के साथ ही गूगल की यूट्यूब वीडियो साइट के लिए ओर अधिक विज्ञापनदाताओं को प्राप्त करने में भी अपनी प्रमुख भूमिका निभाई.
निकेश ने अक्टूबर 2014 में गूगल के अच्छे पैकेज के बावजूद वाइस चेयरमैन का पद छोड़ते हुए सॉफ्टग्रुप को ज्वाइन कर लिया. अक्टूबर 2014 में निकेश अरोड़ा की अगुवाई में ही सॉफ्टबैंक ने प्रमुख ऑनलाइन प्रोडक्ट सेल करने वाली कंपनी स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर और ओला कैब्स में 21 करोड़ डॉलर का निवेश किया था. नवंबर 2014 में इनकी अगुआई मे ही सॉफ्टबैंक ने रियल एस्टेट वेबसाइट हाउसिंग में 9 करोड़ डॉलर का निवेश किया. इतना ही नहीं अगस्त-नवंबर 2015 में सॉफ्टबैंक ने अरोड़ा की अगुआई मे एक बार फिर से बड़ी डील करते हुए डिलीवरी स्टार्टअप ग्रोफर्स में भी बड़ा निवेश किया था.
2015-16 मे बने दुनिया के तीसरे सबसे अधिक सैलरी पाने वाले व्यक्ति
एक समय नौकरी के लिए भटकने वाले निकेश अरोड़ा को Financial Yer 2015-16 में 73 करोड़ डॉलर यानी की लगभग 500 करोड़ रुपये की सैलरी का पैकेज मिला था. इस पैकेज ने उन्हें उस समय दुनिया का तीसरा उच्चतम-भुगतान पाने वाला अधिकारी बना दिया था.
निकेश की शादी दिल्ली की बिजनस वुमन आयशा थापर से हुई है , आयशा थापर इंडियन सिटी प्रॉपर्टीज के CEO विक्रम थापर की बेटी हैं.
जून 2016 में निकेश अरोरा ने सॉफ्टबैंक समूह से इस्तीफा दे दिया. बाद मे ये अमेरिका की पालो आल्टो नेटवर्क्स इंक के सीईओ व चेयरमैन बन गए. निकेश को इस सबसे बड़ी साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी मे सीईओ के तौर पर कार्य करने के लिए करीब 858 करोड़ रुपये का कुल वेतन पैकेज मिला. और इस पैकेज के साथ वे दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ में से एक बन गए हैं.
निकेश अरोड़ा अपनी सफलता के लिए तीन बातों को श्रेय देते हैं — अपना भाग्य, कड़ी मेहनत और किसी भी स्थिति के अनुकूल होने की अपनी क्षमता.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…