“स्वयं पर भरोसा ही मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है”
NITIN GODSE SUCCESS STORY : आप ने कई बार सुना होगा की बचपन में गरीबी का दंश झेल चुके कई सारे युवाओ ने अपने दम पर दुनिया में कुछ अलग करते हुए खुद को साबित किया और एक नया मुकाम बनाया जिससे की आगे आने वाली पीढ़ियों को वह सब दुःख दर्द न झेलना पड़े जो उन्होंने झेला.
NITIN GODSE का जन्म ओर बचपन
कुछ इसी तरह का ही किरदार है आज की कहानी के पात्र नितिन गोडसे के जीवन का भी, नितिन गोडसे का जन्म महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के एक छोटे से गांव अकोला में हुआ था.
नितिन गोडसे अपने माता-पिता की पहली संतान थे और अपने तीन भाई बहनो में सबसे बड़े होने के नाते परिवार की आर्थिक दशा को ठीक करने की जिम्मेदारी भी उन्ही की थी, इनके पिता शहर के ही ‘सहकारी खरीरी विक्री संघ लिमिटेड’ में सेल्समैन के रूप में काम करते थे.
नितिन गोडसे के पिता की पगार मात्र 400 रुपये मासिक थी जिसमे पांच लोगो का गुजारा होता था, इतने कम पैसो में कई बार बड़ी परेशानी हो जाया करती थी जिसको नितिन बड़ी ही घोर से देखा करते थे यही वजह रही की नितिन गोडसे को अपने बचपन में ही पैसो का महत्व समझ में आ चूका था.
आर्थिक हालात के कारण पढ़ाई के साथ काम किया
नितिन गोडसे ने परिवार की हालत को देखते हुए अपनी पढाई के साथ ही छोटा-मोटा काम करना शुरू कर दिया था जिससे उनकी पढाई का बोझ पिता पर नहीं था. इसी के साथ ही नितिन शिक्षा का महत्त्व भी अच्छे से जानते थे, वे जानते थे की यही वो एक मात्र जरिया था जिसके बुते कुछ नया और बड़ा किया जा सकता था.
नितिन ने अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा कर इंजीनियरिंग फील्ड में जाने की सोची किन्तु पैसो की कमी के चलते उन्हें सिंपल बीएससी से ही संतोष करना पड़ा, वर्ष 1992 में पुणे विश्व विधालय से ग्रैजुएशन कम्पलीट कर उन्हें पहली नौकरी मिल गई जहा वे सुपरवाइजर बने लेकिन कुछ ही समय बाद नितिन को लगने लग गया की इस नौकरी से जीवन भर का गुजारा नहीं किया जा सकता.
नितिन गोडसे को यह महसूस होने लगा की उन्हें एक अच्छी जॉब के लिए आगे और पढाई और कुछ मैनेजमेंट का कोर्स करना होगा इसी क्रम में वर्ष 1994-96 में उन्होंने एमबीए किया और फिर उन्हें एग्रो बेस्ड कंपनी “विष्णु प्रिया इंडस्ट्रीज” में मार्केटिंग मैनेजर की पोस्ट मिल गई, किसान परिवार से ताल्लुख रखने वाले नितिन को यह काम रास आया.
5 LAC से शुरू किया FRESH VEGITABLE का BUSINESS
नितिन गोडसे ने अपने एक मित्र के साथ पार्टनरशिप कर 5 लाख से अपना खुद का फ्रेश वेजिटेबल का बिज़नेस स्टार्ट किया, जहा नितिन सुबह जल्दी उठकर ताज़ी सब्जिया लेकर आते और फिर उन्हें पैकिंग कर बेचा करते थे, वे रोजाना लगभग 750 वेजिटेबल तक के आर्डर लेने लगे लेकिन जब अंत में हिसाब लगाया तो पता चला की सारे खर्च और मेहनत के बाद कुछ ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा है, आखिरकार उन्हें उस काम को नुक्सान के साथ बंद करना पड़ा.
सब्जी का काम बंद करने के बाद एक बार फिर से नितिन के सामने रोटी के जुगाड़ की नौबत सामने आ गई इसके लिए नितिन एक गैस कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी करने लगे, वहा से कुछ पैसा एकत्रित कर नितिन ने 31 दिसंबर 1999 में “एक्सेल गैस इक्विपमेंट्स” नाम की कंपनी शुरू की, जो गैस हैंडलिंग सिस्टम, सिलेंडर ट्रॉली, गैस कैबिनेट बनाने का काम करती है.
एक्सेल गैस इक्विपमेंट्स की शुरुआत
अपनी कंपनी एक्सेल गैस इक्विपमेंट्स की शुरुआत के साथ ही नितिन गोडसे ने कभी पीछे मुड़कर ना देखते हुए अपने काम का विस्तार करते चले गए. आज उनके कस्टमर्स की लिस्ट में रिलायंस, बार्क, आईआईएसआर, सिपला व पिफजेर जैसी कम्पनिया शुमार है साथ ही नितिन अब नॉएडा और औरंगाबाद में अपना नया केमिकल का प्लांट भी लगाने की प्लानिंग कर रहे है.
आज इनकी बनाई कंपनी का टर्न ओवर 25 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच चूका है एवं परमानेंट 200 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे है.
बेहद साधारण और डाउन टू अर्थ दिखने वाले नितिन ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहते है की जिस तरह से उन्होंने अपने दिन गुजारे वह नहीं चाहते की उनके बच्चो के साथ भी ऐसा कुछ हो इसलिए बच्चो को शिक्षित और अपने मन का करने की पूरी आज़ादी है साथ ही जल्द ही वे जब 55 वर्ष के हो जाएंगे तब काम से रिटायरमेंट लेकर सामाजिक सरोकार के कार्य करना चाहते है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…