“इंतज़ार करने वालो को केवल उतना ही मिलता है,जितना जीतने वाले पीछे छोड़ देते है”
AAMIR QUTUB SUCCESS STORY : आज की कहानी के हमारे हीरो “आमिर क़ुतुब (Aamir Qutub)” ने अपने सपने को मूर्त रूप देने के लिए इंतज़ार तो जरूर किया लेकिन कभी किसी भी स्थिति के साथ समझौता नहीं किया और अपने सतत प्रयास से सफलता पायी.
AAMIR QUTUB का बचपन
आमिर का जन्म एक निर्धन परिवार में उतर प्रदेश के अलीगढ में हुआ था, बचपन से ही वे मेहनती और लगनशील थे उन्होंने अपने मजबूत इरादों के साथ हर कठिनाई और निर्धनता के माहौल से ऊपर उठकर सफलता की कहानी लिख डाली.
AAMIR QUTUB की शिक्षा
उन्होंने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की छात्र जीवन में सक्रीय भूमिका निभाते हुए यूनिवर्सिटी में होने वाले राजनैतिक गतिविधियों में भी भाग लिया और वर्ष 2011 में छात्र-संघ चुनाव लड़ते हुए सचिव पद प्राप्त किया.
आमिर को शुरू से ही आई टी सेक्टर सुचना प्रोधोगिकी में इंट्रेस्ट था, वे हमेशा से ही ऐसी खबरों और जानकारियों को पढ़ते और देखते रहते थे साथ ही वे मन ही मन में बिज़नेस को एकल प्लेटफार्म पर लाने के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) तरीके खोजा करते थे.
जब AAMIR QUTUB को बेचने पड़े अखबार
अपनी इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के पश्चात कुछ समय के लिए उन्होंने मेकेनिकल इंजीनियर के रूप में जॉब भी की लेकिन उनके मन में तो एक सपना पल रहा था जो उन्हें अपनी और आकर्षित कर रहा था अतः ज्यादा लम्बे समय अपनी जॉब को जारी नहीं रखते हुए खुद के बिज़नेस सेटअप की सोच रहे हुए भारत को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया शिफ़्ट हो गए.
लेकिन अनजान धरती पर उन्हें सबसे बड़ी परेशानी पैसो की आयी साथ ही उनके आईडिया को शुरू करने के लिए भी पैसो की आवश्यकता थी। इसके लिए उन्होंने शर्म ना करते हुए रात में अखबार भी बेचे और सफाई का काम भी करना पड़ा था.
वे जानते थे की अगर अपने आईडिया को मूर्त रूप देना है तो दिन के समय में कोई ना कोई जॉब भी करनी होगी इसकी तलाश में काफी समय तक बहुत ऑफिस के चक्कर लगाए आखिरकार वे एक जॉब पाने में सफल हुए और लग गए अपने सपने को पूरा करने में.
AAMIR QUTUB का संघर्ष से सफलता का सफर (ENTERPRISE MONKEY) –
आखिर कार वो दिन भी आ गया जिसके लिए उन्होंने अखबार और सफाई तक जैसे काम भी किये थे वह दिन वर्ष 2013 में आया.
जब उन्होंने अपने आईडिया को नाम दिया ‘इंटरप्राइज मंकी’ आज की तारीख में कंपनी का सालाना टर्न ओवर करोड़ो का है सबसे मजेदार बात यह है की आमिर के दिमाग में आईडिया आने के मात्र तीन साल बाद ही उसे पूरा करते हुए अपनी कंपनी को स्टार्ट किया.
आमिर क़ुतुब की यह सफलता एक प्रेरणा भी है जो हमे किसी भी परिस्थिति में अडिग रहते हुए हमेशा नज़र और पूरी ताकत अपने लक्ष्य की और रखने की सिख देती है.