World Music Day 2022 : आज संगीत दिवस (Music Day 2022) है ओर इस उपलक्ष्य पर हम बात करेंगे उन महान संगीतकारों की जिन्होंने भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई है.
भारतीय संगीत को (Indian Music) दुनिया के सबसे पुरानी और मशहूर संगीत में से एक माना जाता है. भारतीय संगीत की शुरूआत वेदों से हुई है. भारतीय संगीत को देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक अलग सम्मान मिला हुआ है. वहीं, भारतीय संगीत के बिना लोगों का जीवन अधूरा है.
आज संगीत दिवस (Music Day 2022) है और आज के समय में ऑल-टाइम रिलैक्सिंग पावर डोज को संगीत कहा जाता है इसका जरिया है म्यूजिक. म्यूजिक आपके दिमाग को शांत और रिलैक्स करता है. आज संगीत दिवस पर हम बात करने वाले है उन महान संगीतकारों (Famous Musician) की जिन्होंने भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में प्रसिद्धि और एक अलग पहचान दिलाई.
वर्ल्ड म्यूजिक डे पहली बार साल 1982 में मनाया गया था, इसे फ्रांस के कल्चर मिनिस्टर जैक लांग ने आयोजित किया था. इस दिन को आज के युवा आर्टिस्ट के बीच म्यूजिक के कल्चर को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, यह एक बांसुरी वाद्ययंत्र के ऐसे मास्टर बने जिन्होंने अपनी बांसुरी की धुन पर हर किसी का मन मोह लिया. पंडित हरिप्रसाद चौरसिया वैसे तो एक पहलवान के बेटे थे लेकिन अपनी संगीत की कला से उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई. बचपन में 15 साल की उम्र से वह अपने परिवार से छुप-छुप कर अपने पड़ोसी से शास्त्रीय मुखर संगीत सीखते थे. उनकी इस कला ने भारतीय संगीत का पूरी दुनिया में परिचय करवाया.
जगजीत सिंह
जगजीत सिंह आज पूरी दुनिया में गजल किंग के नाम से मशहूर है वह ऐसी शख्सियत है जिससे हर कोई वाकिफ है. गजल किंग जगजीत सिंह हरमोनियम बजाते थे. उन्होंने संगीत की कई विधाओं में अपनी शुद्ध भावपूर्ण और आकर्षक आवाज के साथ अविश्वसनीय सफलता हासिल की.
जगजीत सिंह गजल के साथ-साथ रोमांटिक धुनों, उदास रचनाओं और भक्ति भजनों के संगीतकार के रूप में भी पहचाने जाते हैं. जगजीत सिंह ने अपनी कला के माध्यम से पूरी दुनिया पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है.
जाकिर हुसैन
सबसे कम उम्र में तबला वादक कलाकार जाकिर हुसैन ने अपनी कला को भारतीय संगीत के रूप में पूरी दनिया में अपनी पहचान दिलाई. उन्होंने हर एक मिलीसेकंड में ताल निकालने की क्षमता रखी, इसने ताल श्रोताओं को उनकी कला से हमेशा बांध कर रखा है. आज पूरी दुनिया उन्हें एक महान तबला वादक के रूप में पहचानती है. ज़ाकिर हुसैन ने अपनी कला के दम पर पद्मभूषण का सम्मान भी हासिल किया है.
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी ने सेम्मानगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्नाटक संगीत की शिक्षा प्राप्त की. पण्डित नारायण राव व्यास उनके हिन्दुस्तानी संगीत गुरु रहे थे. एम.एस. सुब्बालक्ष्मी ने मात्र 13 साल की उम्र में अपना पहला प्रदर्शन मद्रास संगीत अकादमी में किया था. यही से उन्हें संगीत की दुनिया में पहचान मिली. एम.एस. सुब्बालक्ष्मी एक महिला संगीतकारों में से एक थीं जो वीणा वादक थीं.